India-UAE Relations:भारत के रक्षा क्षेत्र का डंका चारों ओर बज रहा है. पहले अर्मेनिया, फिर फिलीपींस और अब इस कतार में एक और बड़ा नाम जुड़ सकता है. इसकी वजह है भारत में बनें स्वदेशी हथियार जो एक मित्र देश की ताकत बढ़ा सकते हैं. इन सब के बीच सवाल उठता है कि क्या जल्द ही भारत बन सकता है हथियार निर्यात करने वाले देशों में एक बड़ा नाम? आइये आपको बता दे कि वो कौन सा मित्र देश है जो भारत का स्वदेशी हथियार खरीद सकता है.
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मामला क्या है?
दरअसल, बीते दिनों दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम अपने दो दिवसीय दौरे पर भारत आए हुए थे, जहां उनका स्वागत बड़े जोर-शोर से किया गया . UAE ही वह देश है जो भारत से स्वदेशी आयरन डोम खरीद सकता है. दुबई प्रिंस ने अपने इस दौरे में कई अहम लोगों से मुलाकात की, जहां प्रधानमंत्री से लेकर रक्षा मंत्री तक से उनकी मीटिंग हुई . इसी बीच भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनको स्वदेशी मिसाइल प्रणाली आकाश एयर डिफेंस सिस्टम का बड़ा ऑफर दिया . भारत ने यह ऑफर ऐसे समय में दिया है, जब हूतियों की ओर से आए दिन होने वाले हमलों का खतरा UAE पर बना हुआ है .ऐसे में आकाश एयर डिफेंस सिस्टम UAE के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकता है.
क्या है आकाश एयर डिफेंस की खूबियां
भारत के 'आयरन डोम' के नाम से मशहूर यह प्रणाली DRDO और BDL (भारत डायनेमिक्स लिमिटेड) ने मिलकर विकसित किया है.यह एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है जो ऐसे मिसाइल से लैस है जो 25 किलोमीटर के दायरे में दुश्मन के विमानों, हेलीकॉप्टरों, ड्रोन और सबसोनिक क्रूज मिसाइलों को रोकने में सक्षम है .साथ ही ये लगभग 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक के टारगेट को ध्वस्त करने की क्षमता रखती है. इसकी जो बात इसे और खास बनाती है, वह इसका एक साथ 4 एरियल टारगेट को एंगेज करने की क्षमता है . इसकी तुलना रूस के S-400 से भी की जाती है .भले इसकी रेंज कम हो, पर इसकी गति और प्रभावशीलता किसी से कम नहीं.
भारत ने क्यों दिया ये ऑफर
यह ऑफर यूएई को भारत ने क्यों दिया और इसके पीछे का असली कारण क्या है? दरअसल, यह ऑफर भारत अपने मित्र देशों विशेष तौर पर खाड़ी देशों और आसियान क्षेत्रों में भारत में बनी आकाश एयर डिफेंस प्रणाली, पिनाका बहु-प्रक्षेपण रॉकेट प्रणाली और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जैसे स्वदेशी हथियारों का निर्यात करने के निरंतर प्रयासों के तौर किया है. इस कड़ी में भारत ने पहले ही अपनी स्वदेशी मिसाइल प्रणाली अर्मेनिया को सौंपा है और फिलीपींस को भी ब्रह्मोस की खेप दोनों देशों के बीच हुई डील के मुताबिक डिलीवर कर दिया है.
क्या यूएई भारत के ऑफर को कबूल करेगा?
भारत के देशी आयरन डोम ने पूरी दुनिया में भारत की तकनीकी क्षमता को दिखा दिया है .कई देशों में भारतीय हथियारों की बढ़ती मांग इनकी अहमियत को बताती है । सवाल उठता है कि क्या यूएई भारत का आयरन डोम लेगा और हुतियों के हमलों को रोकने में कामयाब होगा? ऐसे में इस पेशकश पर UAE क्या फैसला लेता है यह तो समय ही बताएगा पर यूएई के फैसले से भारत का नाम दुनिया के रक्षा निर्यातक देशों की लिस्ट में भारत की पायदान को सुधारने में अहम होगा.
ये खबर भारत तक में इंटरर्नशिप कर रहे IIMC के छात्र राहुल यादव ने लिखी है .
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