Russia-Ukraine :रूस ने पश्चिमी देशों के जब्त किए हथियारों की मॉस्को में प्रदर्शनी लगाई है. मॉस्को के विक्ट्री म्यूजियम के बाहर अमेरिकी-ब्रिटिश और जर्मन हथियारों को सजा कर लगाया है. मॉस्को की सड़कों पर सबसे ज्यादा चर्चा जर्मन टैक लेपर्ड और अमेरिकी ब्रैडली की हुई. इन दोनों हथियारों को जब यूक्रेन को सौंपा जा रहा था तब सैन्य एक्सपर्टों ने दावा किया कि इससे रूस की परेशानी बढ़ेगी और यूक्रेन को मदद मिलेगी. लेकिन मॉस्को से आई तस्वीर ने सभी दावों का खारिज कर दिया है.
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रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस प्रदर्शनी का नाम The exhibition of trophy weapons and hardware रखा है. इसमें लगाए गए सभी हथियार, बख्तरबंद गाड़ियां,टैंक और तोपों को रूसी सेना ने जेपोरिजिया-डोनेत्सक के क्षेत्र से पकड़ा है.
किन-किन देशों के हथियारों की लगी प्रदर्शनी
The exhibition of trophy weapons and hardware में 11 देशों के 30 अलग-अलग हथियारों को प्रदर्शित किया गया. इसमें अमेरिका,यूके,जर्मनी, फ्रांस,स्वीडन,फिनलैंड,ऑस्ट्रिया, तुर्की,ऑस्ट्रेलिया,दक्षिण अफ्रिका और यूक्रेन के हथियार शामिल हैं.
कौन-कौन से हथियार मॉस्को में दिखे
Victory Museum के बाहर लगाए गए हथियारों की खासियत, कौन से देश उन्हें बनाता है और कहां और किस हालात में इन्हें पकड़ा गया इसकी भी जानकारी लिखी गई है. जिन हथियारों को रूस ने मॉस्को में खड़ा किया है उनमे अमेरिकी U.S. Abrams tank, जर्मन Leopard-2, फ्रांसिस AMX-10RC, जर्मन Marder infantry fighting vehicles,अमेरिकी Bradley IFV, M113 APC, the International MaxxPro armoured vehicle, HMMWV M1151 and HMMWV M998 armoured motor hevicle, the M777 towed howitzer, AT105 Sakson और यूके की Husky TSV armoured motor vehicles,ऑस्ट्रिया की Pinzgauer 712M, तुर्की की Kirpi armoured motor vehicle, यूके की Mastiff armoured motor vehicle,ऑस्ट्रेलियन Bushmaster Protected Mobility Vehicle,फिनलैंड की Sisu Pasi XA-180/185 APC, दक्षिण अफ्रिका की Mamba MK2 armoured motor vehicle,चेक रिपिब्लिक की BMP-1, यूक्रेन की Azovets tank support vehicle के अलावा कई बख्तरबंद गाड़ियां मॉस्को में खड़ी की गई है.
रूस ने दोहराया 80 साल पुराना इतिहास
80 साल पहले भी मॉस्को में हिटलर की सेना से जब्त किए गए हथियारों को मॉस्को के Gorky Central Park of Culture and Leisure में प्रदर्शनी के लिए लगाया गया था. तब सोवियत संघ की सेना ने हिटलर की सेना से हथियार साल 1943-1948 के बीच जब्त किया था. इसमें जर्मन मार्डर एंटी टैंक सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी गन सिस्टम थे जिन्हें मॉस्को में विजय के प्रतीक के तौर पर दिखाया गया था.
ये प्रदर्शनी रूस अपने लोगों के लिए लगा रहा है ताकि यूक्रेन के खिलाफ चलाए जा रहे स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन की जानकारी दी जा सके और रूस की ताकत के आगे पश्चिम कहां खड़ा है इसका आकलन हो सके. साथ ही पश्चिमी देश रूस के खिलाफ लड़ाई में किस तरह लगे हैं इस मैसेजे को अपने लोगों तक पहुंचाया जाए.
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