Haryana Election Result: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल खड़े किए हैं. शुक्रवार को इंदौर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मौजूदा ईवीएम प्रणाली ने उनके संवैधानिक अधिकार को छीन लिया है.
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दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि मतदाता के रूप में उन्हें यह अधिकार होना चाहिए कि वे जिस उम्मीदवार को चाहें, उनके वोट उसी के खाते में जाएं. इसके लिए वह अपने हाथों से मतपत्र को मतपेटी में डालें और इन मतों की 100% गिनती हो. उनका आरोप है कि ईवीएम व्यवस्था के चलते यह अधिकार अब उनसे छिन चुका है.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव जैसी स्थिति रही. उन्होंने दावा किया कि डाक मतपत्रों की गिनती में कांग्रेस ने अधिकांश सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन ईवीएम की गिनती में पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। हरियाणा चुनाव में कांग्रेस ने 90 में से 76 सीटों पर डाक मतपत्र की गिनती में जीत दर्ज की, लेकिन जब ईवीएम के मतों की गिनती हुई, तो पार्टी की सीटें घटकर 37 रह गईं.
मध्य प्रदेश चुनावों का दिया हवाला
मध्यप्रदेश चुनावों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि डाक मतपत्रों की गिनती में 230 में से 199 सीटों पर कांग्रेस विजयी रही थी, लेकिन जब ईवीएम वोटों की गिनती की गई, तो पार्टी सिर्फ 66 सीटें ही जीत पाई. इन आंकड़ों का उदाहरण देते हुए सिंह ने कहा कि यह स्पष्ट करता है कि ईवीएम की मौजूदा प्रणाली में गंभीर खामियां हैं, जो चुनाव परिणामों पर बड़ा प्रभाव डालती हैं.
मुस्लिमों को लेकर किया जा रहा दुष्प्रचार: दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियों पर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि देश में मुसलमानों की जनसंख्या के बढ़ने का दुष्प्रचार किया जा रहा है. उन्होंने जनसंख्या के पिछले दशकों के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश में हिंदुओं की तुलना में मुसलमानों की जनसंख्या में तेज गिरावट आ रही है. उनका मानना है कि इस तरह के दुष्प्रचार से समाज में गलतफहमी और धार्मिक तनाव बढ़ाया जा रहा है, जिसे दूर करने की आवश्यकता है.
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दिग्विजय सिंह ने यह जोर देकर कहा कि देश में जाति आधारित जनगणना और सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण की आवश्यकता है. उनके अनुसार, इन कदमों से विभिन्न जातियों और उपजातियों के सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन की सही जानकारी प्राप्त की जा सकेगी, जिससे उनके उत्थान के लिए प्रभावी योजनाएं बनाई जा सकेंगी. उन्होंने कहा कि जातीय विभाजन और उसके आधार पर विकास की योजनाओं को तैयार करने में इस जानकारी का महत्वपूर्ण योगदान होगा.
दिग्विजय ने रतन टाटा को भारत रत्न दिए जाने का किया समर्थन
एक सवाल के जवाब में दिग्विजय सिंह ने उद्योगपति रतन टाटा को मरणोपरांत "भारत रत्न" दिए जाने की मांग का समर्थन किया. उनका मानना है कि रतन टाटा ने भारत के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उनके योगदान के लिए उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जाना चाहिए.
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