10 Elephant Dies in Bandhavgarh Reserve: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाल ही में हुई 10 हाथियों की मौत ने वाइल्ड लाइफ रिजर्व से जुड़े अधिकारियों और लोगों को गहरी चिंता में डाल दिया है. इस घटना के कारणों का खुलासा करने के लिए सैंपल की फोरेंसिक जांच की जा रही है. अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि जांच के सैंपल राज्य फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी, सागर और जबलपुर व नागपुर की दूसरी लैबोरेटरी में भेजे गए हैं. इन रिपोर्ट्स के आने के बाद हाथियों की मौत के पीछे का स्पष्ट कारण सामने आने की उम्मीद है.
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जांच में मिले न्यूरोटॉक्सिन के संकेत
भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI), बरेली की रिपोर्ट के अनुसार, हाथियों के विसरा में न्यूरोटॉक्सिन साइक्लोपियाज़ोनिक एसिड की उपस्थिति पाई गई है. यह टॉक्सिन्स स्पॉयल्स हो चुके कोदो बाजरे के पौधों के कारण पैदा हुआ था. कृष्णमूर्ति ने स्पष्ट किया कि इसमें कोई अन्य कीटनाशक या जहर नहीं मिला है, जो इस ओर इशारा करता है कि हाथियों ने जहरीले पौधों का सेवन किया था. इससे इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि बड़ी मात्रा में दूषित भोजन के कारण ही ये हाथी मारे गए.
बचे हुए हाथियों पर नजर रखी जा रही है
बांधवगढ़ रिजर्व के अन्य बचे हुए हाथियों की स्थिति को लेकर भी वन विभाग सतर्क है. कृष्णमूर्ति ने बताया कि वन विभाग की टीम उनके गतिविधियों पर निगरानी बनाए हुए है. एक बच्चा हाथी कटनी की ओर बढ़ गया था, जिस पर विशेष रूप से नजर रखी जा रही है ताकि उसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
यह मामला 29 अक्टूबर को तब सामने आया जब उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में चार हाथी मृत पाए गए. बाद में मृत हाथियों की संख्या बढ़कर दस हो गई थी.
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