DSP Santosh Patel Viral VIDEO: सोशल मीडिया पर सुर्ख़ियों में रहने वाले डीएसपी संतोष पटेल अपने नए वीडियो को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं. DSP संतोष ने सोशल मिडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वो अपने 14 साल पुराने दोस्त से मिल रहे हैं. यह दोस्त और कोई नहीं बल्कि एक सब्ज़ी बेचने वाला शख्स है, जो संघर्ष के दिनों में संतोष पटेल को मुफ्त में सब्ज़ियां दिया करता था.
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दरअसल, 10 नवंबर को डीएसपी संतोष पटेल ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, 'सलमान ख़ान से भोपाल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के समय मुलाक़ात हुई थी. ये हमारी भावनाओं को समझकर फ्री में सब्ज़ी दे दिया करते थे. 14 साल बाद जब अचानक मिले तो दोनों बहुत खुश हुए. बुरे समय में साथ निभाने वाले को भूल जाना किसी पाप से कम नहीं. बंदे में एक दोष न हो, बंदा ऐहसान फ़रामोश न हो.'
वीडियो में दिख रहा है कि संतोष पटेल अपनी जीप से उतर कर एक सब्ज़ी वाले से पहले बात करते हैं फिर उसे गले लगा लेते हैं. संतोष सबसे पहले सब्ज़ी वाले के पास जाते हैं और पूछते हैं 'मुझे पहचानते हो'? इसके जवाब में सलमान कहता है 'बिलकुल अच्छी तरह से, सर. आप सब्जी लेने आते थे. मैं आपके वीडियो लाइक करता था.
DSP संतोष पटेल ने बताया पूरा किस्सा
डीएसपी संतोष पटेल ने बताया कि 'साल 2009 से लेकर 2013 तक जब वो भोपाल में रहकर इंजीनियरिंग कर रहे थे तो उस समय कई बार उनके पास पैसे नहीं होते थे तब सलमान खान रात को दुकान समेटते समय बैंगन और टमाटर मुफ्त में दे दिया करता था. 12वीं करने के बाद पहले आईआईटी की तैयारी और फिर भोपाल के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग के कोर्स के समय ही सलमान से दोस्ती हुई थी. सलमान खुद गरीब था लेकिन मुझे मुफ्त में सब्ज़ियां दिया करता था. डीएसपी संतोष के मुताबिक इंजीनियरिंग के बाद मैं पन्ना वापस चला गया और 2017 में MPPSC क्लियर करने के बाद अब डीएसपी के पद पर हूं.
काम के सिलसिले में भोपाल आना हुआ तो मैं पुरानी यादों को ताज़ा करने अप्सरा टॉकीज़ इलाके में गया जहां मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई के समय रहता था. यहां जिस शख्स की मुझे तलाश थी वो सलमान ही था. जब मैंने उसे देखा तो होंठ पर लगे कट के निशान से उस पहचान गया'.
पुलिस की गाड़ी देख पहले डरा सलमान, फिर...
वहीं सब्ज़ी विक्रेता सलमान ने बताया कि 'पहले तो वो पुलिस की गाड़ी देख डर गया लेकिन जब उसने गाड़ी में बैठे संतोष पटेल को देखा तो झट स पहचान गया क्योंकि उसके पास संतोष का नंबर तो नहीं था लेकिन वो सोशल मिडिया पर उन्हें फॉलो करता है और उनकी हर पोस्ट को लाइक करता है'. सलमान ने बताया कि वो और उसका भाई सब्ज़ी बेचते थे अब भाई ऑटो चलाता है. संतोष जब यहां पढ़ने आये तो बेहद गरीब घर से थे और कई पढ़ाई के साथ-साथ प्राइवेट जॉब भी करते थे. मैंने उनका संघर्ष देखा तो अपनी तरफ से उन्हें घर जाते समय सब्ज़ियां दे दिया करता था. कई बार रात के समय वो मेरे ठेले पर खड़े होकर मेरे काम आसान कर देते थे अगर मुझे कहीं जाना होता था तो. मुझे नहीं पता था कि वो इतने बड़े पद पर आने के बाद भी मुझे याद रखेंगे. 14 साल बाद जब वो मिले तो मुझे बहुत अच्छा लगा. उन्होंने मुझे एक मिठाई का डब्बा और अपना फोन नंबर भी दिया. अब मैं उनसे बात भी कर सकूंगा.'
बेहद गरीब परिवार से आते हैं संतोष पटेल
बता दें कि संतोष पटेल का जीवन बेहद गरीबी में गुजरा है. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल से की. 12वीं के बाद संतोष पटेल ने आईआईटी की तैयारी की, लेकिन असफल हुए. इसके बाद उन्होंने शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज भोपाल से सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स किया. इसी दौरान संतोष ने प्राइवेट जॉब भी की. यही वह समय था जब संतोष और सलमान की दोस्ती हुई थी. इसके बाद संतोष ने एमटेक किया और वापस गांव चले गए. संतोष पटेल MPPSC के पहले प्रयास में असफल रहे लेकिन 2017 में दूसरे प्रयास में उन्हें सफलता मिली और उनका चयन मध्यप्रदेश शासन के गृह विभाग में उप पुलिस अधीक्षक के पद पर हो गया.
देखिए पूरा वीडियो...
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इनपुट- भोपाल से रवीशपाल सिंह
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