Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा आदेश जारी किया है. जिसके मुताबिक, राज्य के सभी सरकारी कर्मचारी-अधिकारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना होगा. ये काम 31 दिसंबर तक कर लेना होगा. प्रदेश सरकार की 31 मार्च 2023 को जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में नियमित सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों की संख्या कुल 5 लाख 90 हजार 550 है. मतलब सभी को संपत्ति का ब्योरा देना होगा.
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मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारियों से प्रॉपर्टी का ब्यौरा जमा कराने के लिए कहा है. इसके लिए 31 जनवरी की डेडलाइन भी दी है.
सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया आदेश
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश जारी करते हुए सरकारी कर्मचारियों को 31 जनवरी तक अपनी अचल संपत्ति का ब्यौरा पेश करने के निर्देश दिए गए हैं. अधिकारी-कर्मचारियों को निर्धारित फॉर्मेट में अचल संपत्ति की जानकारी देनी होगी. इसमें उन्हें बताना होगा कि वर्तमान में वह किस पद पर हैं और उनकी सैलेरी कितनी है.
ब्यौरा भरते समय क्या-क्या बताना होगा?
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के मुताबिक, फॉर्मेट में कर्मचारियों को यह बताना होगा कि खुद और उनके परिवार के नाम से कितनी अचल संपत्तियां हैं. यह संपत्तियां उन्होंने खुद अर्जित की हैं या फिर पुश्तैनी हैं? अगर कर्मचारी ने संपत्ति खुद अर्जित की है तो उसका भुगतान कैसे किया गया है और संपत्ति की खरीदी के समय और वर्तमान में उसका मूल्य क्या है? यह सभी जानकारी निर्धारित फॉर्मेट में उपलब्ध करवानी होगी.
बता दें कि मध्य प्रदेश में सभी सरकारी कर्मचारी-अधिकारियों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य है जिसकी शुरुआत साल 2010 में हुई थी.
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