भोपाल में आरटीओ विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा और उनके करीबी चेतन सिंह गौड़ के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है. इनकम टैक्स विभाग और लोकायुक्त ने अलग-अलग कार्रवाइयों में बड़ी मात्रा में नकदी, सोना, चांदी और जमीन के दस्तावेज़ बरामद किए हैं. इन मामलों ने प्रशासन और जनता को चौंका दिया है. आइए जानते हैं इस घटना की पूरी कहानी...
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कौन हैं सौरभ शर्मा?
सौरभ शर्मा पहले आरटीओ विभाग में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे. मात्र 6-7 साल की नौकरी के बाद उन्होंने वीआरएस ले लिया. इसके बाद उनकी लाइफस्टाइल और संपत्ति में अचानक वृद्धि ने सभी को चौंका दिया. भोपाल की अरेरा कॉलोनी में उनके घर और दफ्तर से कई अहम दस्तावेज़ और करोड़ों की संपत्ति मिली है. लोकायुक्त को वहां से एक RTO” लिखा फोल्डर भी मिला, जो उनके पुराने कार्यक्षेत्र से जुड़े होने का संकेत देता है.
साथ ही इससे कई ऐसे खुलासे हो सकते हैं, जो मध्य प्रदेश में हलचल मचा देंगे. जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि बैंक लॉकर और अन्य दस्तावेजों की जांच से और भी चौंकाने वाले खुलासे होंगे।
काले बैग मिली 240 किलो चांदी की सिल्लियां, करोड़ों का कैश
लोकायुक्त और इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाइयों में 'काले बैग' एक सामान्य कड़ी के रूप में सामने आए हैं. इन बैगों में नकदी, सोना और चांदी छुपाई गई थी. एक लावारिस कार, जो जंगल में खड़ी मिली थी, उसमें भी इसी तरह के काले बैग पाए गए हैं. इसमें 52 किलो सोना मिला है और यह कार चेतन सिंह गौड़ के नाम पर पंजीकृत थी. दिलचस्प बात यह है कि सौरभ शर्मा के दफ्तर पर छापे में भी ऐसे ही काले बैग मिले, जिनमें 240 किलो चांदी की सिल्लियां और करोड़ों की नकदी बरामद हुई.
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चेतन सिंह गौड़ और सौरभ शर्मा की जोड़ी ने चौंकाया
जांच एजेंसियों को शक है कि सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौड़ के बीच गहरा संबंध है. चेतन गौड़ का नाम उन लेटरहेड्स पर भी मिला, जो सौरभ शर्मा के दफ्तर से बरामद हुए हैं. चेतन गौड़ को फिशरीज कॉन्ट्रैक्टर के रूप में पहचाना गया है, लेकिन उनके नाम पर जमीनों की रजिस्ट्रियां और अन्य वित्तीय दस्तावेज भी मिले हैं.
अब तक की जांच में संपत्ति का ब्यौरा
- 30 से अधिक बैंक लॉकर, जिनकी जांच सोमवार से शुरू होगी.
- 240 किलो चांदी, सौरभ शर्मा के दफ्तर से बरामद.
- कई करोड़ नकदी, काले बैगों में छुपाकर रखी गई.
- सैकड़ों जमीन रजिस्ट्रियां, इनसे करोड़ों की संपत्ति का संकेत मिलता है.
जांच एजेंसियां भी हैरान
जांच एजेंसियां अब इन दो अलग-अलग छापों के बीच संबंध स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं. लोकायुक्त और इनकम टैक्स विभाग यह पता लगाने में जुटे हैं कि सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौड़ के बीच क्या गठजोड़ है और इस संपत्ति का स्रोत क्या है. सौरभ शर्मा के दफ्तर में आरटीओ से जुड़े दस्तावेज़ भी मिले हैं. इससे संकेत मिलता है कि उन्होंने अपने पुराने विभाग के संपर्कों का उपयोग कर संपत्ति अर्जित की हो सकती है.
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