MP Politics: मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों का सब्र अब जवाब दे रहा है. रविवार को सीहोर में अतिथि शिक्षकों ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का काफिला रोककर अपने हक की आवाज उठाई. शिक्षकों ने शिवराज सिंह चौहान से सीधे सवाल किया, “आपने जो वादा किया था, उसका क्या हुआ?” दरअसल, अतिथि शिक्षक शिक्षा मंत्री के हालिया बयान से भी काफी नाराज थे और शिवराज से सीधा, हां या ना में जवाब मांग रहे थे. इसके जवाब में शिवराज सिंह चौहान ने शिक्षकों को भरोसा दिलाते हुए कहा, “मैं अपनी घोषणा को पूरा करने के लिए पूरी ताकत लगा दूंगा.”
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सीएम मोहन यादव से मिलने पहुंचे शिवराज
शिक्षकों द्वारा गाड़ी रोके जाने के एक दिन बाद, शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलने उनके निवास पहुंचे. दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई, हालांकि इस मुलाकात की आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई कि बातचीत का मुख्य विषय क्या था. लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि अतिथि शिक्षकों के मुद्दे पर भी चर्चा हुई होगी.
इस मुलाकात ने अतिथि शिक्षकों को एक नई उम्मीद दी है कि उनके मुद्दों को सीएम के सामने उठाया जा रहा है. शिवराज सिंह चौहान ने शिक्षकों से वादा किया था कि वह उनकी समस्याओं को हल करने के लिए चर्चा करेंगे, और अब संभावना जताई जा रही है कि उनकी बातचीत अतिथि शिक्षकों के भविष्य पर केंद्रित रही होगी.
अतिथि शिक्षकों को शिवराज सिंह चौहान का भरोसा
शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि शिक्षकों से मिलने के दौरान उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा. शिक्षकों ने कहा था कि अब उन्हें सिर्फ शिवराज सिंह चौहान से उम्मीद है, क्योंकि उन्होंने ही उन्हें संघर्ष के इस दौर में साथ देने का वादा किया था. चौहान ने शिक्षकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि वह जल्द ही इस मामले पर कार्रवाई करेंगे. शिक्षकों ने अपनी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहेंगे, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि शिवराज उनके पक्ष में मजबूत कदम उठाएंगे.
क्या बातचीत हुई सीएम और शिवराज के बीच?
हालांकि, शिवराज और मुख्यमंत्री मोहन यादव के बीच हुई बातचीत का आधिकारिक रूप से खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि चर्चा का मुख्य विषय अतिथि शिक्षकों का मुद्दा ही था. साथ ही, दोनों नेताओं ने राज्य की प्रगति और जनकल्याण से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की होगी. शिवराज सिंह चौहान का यह भी कहना था कि प्रदेश की प्रगति और जनकल्याण पर सार्थक चर्चा की गई है, जिससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि अतिथि शिक्षकों के मुद्दे को भी जल्द ही सुलझाने का प्रयास होगा.
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झारखंड चुनाव पर भी हो सकती है चर्चा
यह भी संभव है कि शिवराज और मोहन यादव के बीच झारखंड चुनाव को लेकर भी बातचीत हुई हो. शिवराज सिंह चौहान झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रभारी हैं और दिल्ली के साथ-साथ झारखंड में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव भी चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं और जल्द ही दुमका में एक चुनावी रैली को संबोधित करने वाले हैं. ऐसे में दोनों नेताओं के बीच झारखंड चुनाव को लेकर रणनीति पर भी चर्चा हो सकती है.
सरकार से नाराज चल रहे हैं अतिथि शिक्षक
अतिथि शिक्षकों द्वारा शिवराज सिंह चौहान का काफिला रोकना एक बड़े असंतोष का प्रतीक है. शिक्षकों ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि अब वे वादों पर नहीं, बल्कि ठोस कार्यवाही पर भरोसा करेंगे. शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वह उनकी समस्याओं को हल करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे. अब यह देखना बाकी है कि यह आश्वासन कब और कैसे ठोस रूप से अमल में आता है.
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