इंदौर के बाणगंगा इलाके में रहने वाली एक युवती ने शादी की पहली रात अपनी वर्जिनिटी चेक करने की कुरीति और पिछड़ी सोच के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. युवती का आरोप है कि शादी की रात उसके ससुरालवालों ने गलत तरीके से वर्जिनिटी चेक करने की कोशिश की, जिससे वह मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित हुई और ये सिलसिला कई बार हुआ.
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इस मामले में इंदौर की जिला कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए ससुरालवालों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है. ऐसा मामला प्रदेश का पहला केस है, जिसमें मुस्लिम और सऊदी अरब जैसे देशों के क़बीलाए समुदायों में प्रचलित वर्जिनिटी चेक की कुरीति पर सवाल उठाए गए हैं. दरअसल, ससुराल पक्ष ने महिला को पहली रात खून नहीं गिरा तो उसकी वर्जिनिटी पर संदेह किया.
भोपाल के युवक से हुई थी शादी
पीड़िता की शादी दिसंबर 2019 में भोपाल के एक युवक से हुई थी. शादी के बाद, युवती को गर्भवती होने के बाद 3 महीने में गर्भपात का सामना करना पड़ा. इसके बाद, 9 महीने 9 दिन की गर्भावस्था के बाद उसने एक मृत बच्ची को जन्म दिया. वर्तमान में पीड़िता की एक बेटी है और वह अपने परिवार के साथ भोपाल में रहती है.
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महिला बाल विकास की गोपनीय रिपोर्ट में खुलासा
महिला एवं बाल विकास विभाग की जांच अधिकारी की गोपनीय रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि ससुराल वालों ने शादी की पहली रात वर्जिनिटी चेक करने के लिए गलत तरीके अपनाए, जोकि महिला की मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का कारण बने. इस मामले में अदालत ने मामले की गंभीरता को समझते हुए ससुरालवालों के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है.
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यह मामला समाज में फैली कुरीतियों और पिछड़ी सोच को लेकर जागरूकता पैदा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है. यह भी दर्शाता है कि महिलाएं अब इन कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने लगी हैं.
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