इंदौर के 'बल्लेबाजी कांड' के फैसले ने खड़े किए कई गंभीर सवाल! सत्ता की पावर से क्या कानून का उड़ा मजाक?

अभिषेक शर्मा

11 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 11 2024 2:27 PM)

Akash Vijayvargiya Case: इंदौर के बल्लेबाजी कांड को पूरे देश ने देखा. बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय ने अतिक्रमण कार्रवाई को रोकने निगम अधिकारी को बल्ले से पीटा था. वीडियो वायरल हुआ. लेकिन कोर्ट में न सिर्फ वीडियो प्रमाणिक नहीं माना गया बल्कि 18 लोगों ने गवाही देकर बोला कि उन्होंने कुछ नहीं देखा. आकाश विजयवर्गीय बरी हो गए.

Akash Vijayvargiya

Akash Vijayvargiya

follow google news

न्यूज़ हाइलाइट्स

point

इंदौर बल्लेबाजी कांड में मुख्य आरोपी आकाश विजयवर्गीय के बरी होने पर चर्चा जारी है.

point

जिस वायरल वीडियो को पूरे देश ने देखा, कोर्ट ने उसे प्रमाणिक नहीं माना.

point

कोर्ट में सुनवाई केे दौरान 16 गवाहों ने बोल दिया कि उन्होंने किसी को बल्ला मारते नहीं देखा.

Akash Vijayvargiya Case: इंदौर के बल्लेबाजी कांड को पूरे देश ने देखा. बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे और पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय ने अतिक्रमण कार्रवाई को रोकने निगम अधिकारी को बल्ले से पीटा था. वीडियो वायरल हुआ. लेकिन कोर्ट में न सिर्फ वीडियो प्रमाणिक नहीं माना गया बल्कि 16 लोगों ने गवाही देकर बोला कि उन्होंने कुछ नहीं देखा. इसकी वजह से आरोपी आकाश विजयवर्गीय सहित अन्य 10 आरोपी भी बरी हो गए.

यह भी पढ़ें...

सबसे अधिक चर्चा उन 16 गवाहों की हो रही है, जिन्होंने कोर्ट में आकाश विजयवर्गीय के फेवर वाले बयान दिए. इन सभी 16 गवाहों ने एक स्वर में कोर्ट में बोला कि उन्होंने आकाश विजयवर्गीय को किसी को भी बल्ला मारते हुए नहीं देखा. हैरान करने वाला बयान उस पीड़ित निगम अधिकारी ने दिया जो इस पूरे कांड के केंद्र में था और जिसे बल्ले से पीटने के आरोप पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय पर लगे थे.

इस निगम अधिकारी का नाम है धीरेंद्र बायस. धीरेंद्र बायस ने कोर्ट में बयान दिया कि "मैं आकाश विजयवर्गीय को इसलिए जानता हूं, क्योंकि वह विधायक हैं. घटना के वक्त मेरे पैर पर जिस वक्त बल्ला लगा था, उस वक्त मैं फोन पर किसी से बातचीत कर रहा था. उस वक्त घटना स्थल पर कई लोग थे. पुलिस अधिकारी भी थे. मैं नहीं बता सकता कि वीडियो किसने बनाया है. किसी ने वीडियो को एडिट किया है. मैंने खुद इस वीडियो को सोशल मीडिया पर देखा था. जाहिर है कि कोर्ट में जो पीड़ित था, उसी ने अपना बयान बदल लिया और कह दिया कि उसे आकाश ने बल्ला नहीं मारा".

16 में से कुछ गवाहों के बयानों को पढ़कर होगी हैरानी

पहला गवाह, सुनील तायड़े- मैं घटना के वक्त मौजूद नहीं था. जो वीडियो वायरल हुआ है, उसे देखकर ही मुझे घटना की जानकारी लगी.

दूसरा गवाह, राज ठाकुर- मैं घटनास्थल पर मौजूद तो था लेकिन जिस वक्त यह घटना हुई, उस वक्त अधिक भीड़ को देखकर मैं एक दुकान पर चला गया था. घटना स्थल पर किसी को भी मैंने बल्ला मारते हुए नहीं देखा.

तीसरा गवाह, वीरेंद्र उपाध्याय-  सुलभ शौचालय के पास से पुलिस ने एक-एक बल्ला जब्त किया था. जब्ती से पूर्व मैंने ऐसे किसी बल्ले को नहीं देखा था. मैं नहीं जानता कि उस बल्ले से किसी की पिटाई हुई थी या नहीं.

चौथा गवाह, असित खरे- मैं मौके पर मौजूद तो था लेकिन अचानक एक भीड़ आई. उसमें से किसी ने मुझे धक्का मारकर कहा कि यहां से चले जाओ. मैं वहां से चला गया. बाद में मुझे बताया गया कि वहां पर मारपीट हो गई है. मैंने आकाश विजयवर्गीय के हाथ में क्रिकेट का बल्ला नहीं देखा था.

पांचवा गवाह, लाल सिंह जामौद- आकाश विजयवर्गीय और उनके कार्यर्क्ताओं द्वारा नगर निगम के अधिकारियों के साथ मारपीट किए जाने की कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि मेरे घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही यह घटना हो चुकी थी.

कोर्ट ने दिया संदेह का लाभ, बरी हो गया आकाश विजयवर्गीय

एमपी-एमएलए कोर्ट ने सभी 16 गवाहों को सुना और इसके बाद पाया कि जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वह प्रमाणिक वीडियो नहीं है और उसमें एडिट करने की भरपूर गुंजाइश है. इसलिए जिस वायरल वीडियो को पूरे देश ने माना, उसे कोर्ट ने गैर प्रमाणिक बताकर उसे सबूत के तौर पर लेने से इनकार कर दिया. फिर सभी 16 गवाहों ने भी आकाश विजयवर्गीय के बल्ला मारने के आरोपों को नकार दिया. जिसके बाद कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए आकाश विजयवर्गीय सहित उनके समर्थक 10 अन्य लोगों को बरी कर दिया.

एक नजर में जानें क्या था बल्ला कांड

26 जून 2019 को नगर निगम का अमला गंजी कंपाउंड में जर्जर मकान को तोड़ने पहुंचा, स्थानीय लोगों ने विधायक आकाश विजयवर्गीय को बुलाया. विधायक के आते ही कार्यकर्ताओं ने JCB की चाबी निकाल ली और आकाश ने अधिकारियों से कहा कि 10 मिनट में यहां से निकल जाना, वरना जो भी होगा उसके जिम्मेदार आप लोग होंगे. आरोप लगे थे कि इस दौरान निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस को आकाश विजयवर्गीय ने बल्ले से पीटा.

ये भी पढ़ें- MP News: मध्यप्रदेश में 24 घंटे में हुई भारी उथल-पुथल, मोहन यादव सरकार ने कई बड़े निर्णय लेकर चौंकाया

    follow google newsfollow whatsapp