मध्यप्रदेश के जिला अस्पतालों में भी आज से जन औषधि केंद्रों की होगी शुरुआत, अब सस्ती दवाएं मिलना और भी आसान

अभिषेक शर्मा

17 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 17 2024 11:59 AM)

MP News: मध्यप्रदेश में जन औषधि केंद्रों तक आम लोगों की पहुंच बढ़ाने प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मंगलवार से मध्यप्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में भी जन औषधि केंद्रों की मौजूदगी सुनिश्चित की जा रही है. इससे मरीजों को सस्ती दवाएं मिलना अब और भी आसान हो गया है.

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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मध्यप्रदेश में जन औषधि केंद्रों तक आम लोगों की पहुंच बढ़ाने प्रदेश सरकार ने लिया बड़ा फैसला.

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मध्यप्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में भी अब जन औषधि केंद्रों की मौजूदगी रहेगी.

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मरीजों को सस्ती दवाएं मिलना अब हुआ और भी आसान

MP News: मध्यप्रदेश में जन औषधि केंद्रों तक आम लोगों की पहुंच बढ़ाने प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मंगलवार से मध्यप्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में भी जन औषधि केंद्रों की मौजूदगी सुनिश्चित की जा रही है. इससे मरीजों को सस्ती दवाएं मिलना अब और भी आसान हो गया है.

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भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव इसकी शुरुआत मंगलवार को करने जा रहे हैं. अब से मप्र के सभी जिला अस्पतालों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र शुरू हो जाएंगे. अभी तक गांव-देहात में और शहरी क्षेत्रों में भी जन औषधि केंद्र मौजूद थे लेकिन जिला अस्पतालों में इनकी मौजूदगी नहीं थी. पूरे मप्र में वर्तमान में 500 जन औषधि केंद्र संचालित किए जा रहे हैं लेकिन इनका लाभ सिस्टमेटिक तरीके से मरीजों को नहीं मिल पा रहा है.

इसलिए सरकार ने तय किया है कि यदि मरीजों को जो सरकारी जिला अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचते हैं, यदि उन्हें उसी परिसर में जन औषधि केंद्र उपलब्ध करा दिया जाए तो जरूरतमंद मरीजों को दवाओं के लिए न तो अस्पतालों के बाहर मौजूद मेडिकल संचालकों की लूट का शिकार होना पड़ेगा और न ही गली-मोहल्लों में गुमनाम पहचान के साथ चलने वाले जन औषधि केंद्रों को तलाश करने भटकना पड़ेगा. अस्पताल परिसर में जन औषधि केंद्र की मौजूदगी की वजह से मरीजों को आसानी से दवाएं मिल सकेंगी जो बेहद सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगी.

16 साल पहले हुई थी जन औषधि केन्द्रों की शुरुआत

मध्यप्रदेश में 16 साल पहले 2008 में पहली बार जन औषधि केंद्र की शुरूआत की गई थी. उस समय केंद्र की यूपीए सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट को लाया गया था. इसका मकसद था कि सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां जरूरतमंद और गरीब मरीजों को आसानी से मिल सके. लेकिन यह प्रोजेक्ट बहुत अधिक नहीं बढ़ सका लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद से इस प्रोजेक्ट को गति मिली है और अब मप्र के जिला अस्पतालों में भी ये जन औषधि केंद्र शुरू होने जा रहे हैं.

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के फायदे, एक नजर में

- सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयां मिलेंगी.

- मरीजों को ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक कम दाम पर दवाइयां उपलब्ध होंगी.

- शुगर, ब्लड प्रेशर,और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के इलाज में काफी महंगी दवाएं इस्तेमाल होती हैं, ऐसे में जन औषधि केंद्र की वजह से सस्ती जेनेरिक दवाएं मिल जाएंगी, जिससे इलाज के खर्चे में कटौती हो सकेगी.

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