Mohan Yadav VS Jitu Patwari: मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मोहन सरकार पर पैसे लेने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिस पर भड़के सीएम मोहन यादव ने करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा- रस्सी जल गई, लेकिन बल नहीं गया, सरकारी अफसरों और कर्मचारियों के लिए जिस तरह की भाषा का प्रयोग कांग्रेस कर रही है, इसके लिए कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए.
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दरअसल, ये विवाद तब शुरू हुआ, जब इटारसी में एक सभा में जीतू पटवारी ने किसान अधिकार यात्रा के दौरान कहा था कि थानेदार, कलेक्टर, पटवारियों, तहसीलदार से लाखों रुपये लेकर पोस्टिंग दी जाती है. इसकी वसूली अफसर आम जनता से करते हैं, वल्लभ भवन भ्रष्टाचार का अड्डा बना है. जीतू पटवारी ने किसान अधिकार यात्रा के दौरान कहा था कि अफसर पैसे देकर मनचाही पोस्टिंग लेते हैं और फिर भ्रष्टाचार करते हैं.
माफी मांगे कांग्रेस: मोहन यादव
इस पर सीएम मोहन यादव ने कहा- "कांग्रेस नेताओं द्वारा नर्मदापुरम जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया गया है, वह प्रदेश के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों का अपमान है. प्रदेश सरकार अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ खड़ी है, कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए!"
सीएम मोहन यादव ने आगे कहा- रस्सी जल गई पर बल नहीं गया... प्रदेश के किसी भी नेता की निष्ठा और कार्य के प्रति समर्पण पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है. कांग्रेस 20 साल से सत्ता से बाहर है, क्योंकि इसने जनता की भलाई के लिए कोई काम नहीं किया. कांग्रेस को अपने बयान पर माफी मांगना चाहिए.
जीतू पटवारी ने कहा- एमपी में कोई काम बिना पैसे के नहीं होता
मध्य प्रदेश CM मोहन यादव के बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, "मध्य प्रदेश में कोई एक ऐसा आम आदमी लेकर आ जाएं जो बिना पैसे किसी सरकारी विभाग में काम करा सकता है. पैसे लेकर कर्मचारी काम करते हैं. हमारा काम है लोगों की पीड़ा को सरकार तक लेकर जाना. मुख्यमंत्री को 9 महीने में वचन पत्र का एक भी वचन याद नहीं आया."
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