IAS Shailbala Martin: मध्य प्रदेश की सीनियर आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन की एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर बवाल हो गया. वह इस बयान की वजह से सुर्खियों में आ गई हैं. शैलबाला मार्टिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मंदिरों में लगे लाउडस्पीकर लेकर सवाल उठाये हैं, जिसके बाद विवाद शुरू हो गया है. हिंदू संगठनों ने बयान का विरोध किया है तो वहीं कांग्रेस ने इसे सही ठहराया है.
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दरअसल, शैलबाला मार्टिन ने एक्स पर लिखा है कि 'मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर, जो कई कई गलियों में दूर तक स्पीकर्स के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, जो आधी आधी रात तक बजते हैं उनसे किसी को डिस्टरबेंस नहीं होता.' उन्होंने ये बात सीनियर पत्रकार मुकेश कुमार की पोस्ट को रिट्वीट करते हुए कही.
मुकेश कुमार ने एक्स हैंडल पर लिखा- 'तर्क ये दिया जा रहा है कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर से अज़ान की आवाज़ें जब लोगों को डिस्टर्ब करती हैं तो मस्जिदों के सामने डीजे बजाने से परेशानी क्यों होना चाहिए. लेकिन डीजेवादियों से एक सवाल है कि अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दिए जाएं तो क्या डीजे और गंदी नारेबीज़ी बंद हो जाएगी? नहीं होगी. फिर किसी और बहाने से ये सब किया जाएगा. क्योंकि इस धार्मिक प्रतिद्वंद्विता के पीछे राजनीति है, वह इसे रुकने नहीं देगी.'
'मुसलमानों को समझदारी दिखाते हुए एक मौक़ा डीजेवादियों को देना चाहिए। मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटा लें वे. खुदा तो वैसे भी सुन लेगा, क्योंकि वह बहरा नहीं है.' इस पर आईएएस शैलबाला मार्टिन ने रिट्वीट किया है.
संस्कृति बचाओ मंच ने जताई नाराजगी
उन्होंने यह पोस्ट एक दूसरी पोस्ट को कोट करते हुए लिखी थी जिसके बाद हिंदूवादी संगठन संस्कृति बचाओ मंच ने इसपर नाराज़गी जताई. संस्कृति बचाव मंच के अध्यक्ष पंडित चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि 'हिंदू धर्म की आस्था को कोई ठेस पहुंचाने का काम करेगा तो संस्कृति बचाव मंच उसका विरोध करेगा. मंदिरों में सुरीली आवाज में आरती और मंत्रों का उच्चारण होता है ना कि दिन में 5 बार लाउडस्पीकर पर अज़ान की तरह बोलै जाता है.
मेरा शैलबाला मार्टिन जी से सवाल है कि उन्होंने कब किसी मोहर्रम के जुलूस पर पथराव होते हुए देखा? जबकि हिन्दुओं के जुलूस पर पथराव हो रहा है और इसलिए मार्टिन मैडम आपको कोई अधिकार नहीं है हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का.'
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफ़ीज़ ने शैलबाला मार्टिन का समर्थन करते हुए कहा कि 'बीजेपी सरकार में लाउडस्पीकर पर कार्रवाई राजनीती से प्रेरित होती है. अगर धर्म देखकर लाउडस्पीकर पर कार्रवाई होगी तो एमपी के प्रशासनिक अफसर इसपर बोलने के लिए मजबूर है.'
कौन हैं आईएएस शैलबाला मार्टिन?
शैलबाला मार्टिन पहले मध्य प्रदेश राज्य सेवा की अधिकारी थी. तेज तर्रार छवि की वजह से वह 2009 में प्रमोशन पाकर आईएएस हो गईं. मध्य प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर उनकी तैनाती रही है. अभी वल्लभ भवन स्थित सामान्य प्रशासन विभाग में उनकी तैनाती है.
आईएएस शैलबाला मार्टिन की सबसे ज्यादा चर्चा शादी की वजह से हुई थी. 56 की उम्र में उन्हें मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार राकेश पाठक से प्यार हुआ. इसके बाद 57 साल की उम्र में शैलबाला मार्टिन ने शादी रचा ली थी. उस समय राकेश पाठक की उम्र 58 साल थी. अब दोनों खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं. राकेश पाठक की यह दूसरी शादी थी. वहीं, शैलबाला मार्टिन 57 साल की उम्र तक अविवाहित थीं.
झाबुआ की रहने वाली हैं शैलबाला मार्टिन
दअरसल, शैलबाला मार्टिन मूल रूप से झाबुआ की रहने वाली हैं. उनका जन्म 9 अप्रैल 1965 को हुआ है. वह मध्य प्रदेश सरकार में कई अहम जिम्मेदारियों को निभाई हैं. इसके साथ ही निवाड़ी जिले में कलेक्टर भी रही हैं. शैलबाला मार्टिन ने इंदौर के होल्कर साइंस कॉलेज से पढ़ाई की है. साथ ही उन्होंने मास्टर ऑफ आर्ट्स में एमए किया है.
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