भोपाल के रिश्वतखोर बाबू के लॉकर से मिली 42 लाख से अधिक नकदी, करोड़ों की प्रॉपर्टी का मालिक

अभिषेक शर्मा

04 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 4 2024 5:53 PM)

Bhopal News: भोपाल विकास प्राधिकरण के एक बाबू को बीते दिनों 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा था. यह कार्रवाई लोकायुक्त पुलिस ने की थी. पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया और जब रिश्वतखोर बाबू के बैंक लॉकर चेक किए गए तो उसमें 42 लाख रुपए की नकदी मिली.

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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भोपाल विकास प्राधिकरण के एक बाबू को बीते दिनों 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा था.

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यह कार्रवाई लोकायुक्त पुलिस ने की थी.

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बाबू की पत्नी के बैंक लॉकर चेक किए गए तो उसमें 42 लाख रुपए की नकदी मिली.

Bhopal News: भोपाल विकास प्राधिकरण के एक बाबू को बीते दिनों 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा था. यह कार्रवाई लोकायुक्त पुलिस ने की थी. पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया और जब रिश्वतखोर बाबू  की पत्नी के बैंक लॉकर चेक किए गए तो उसमें 42 लाख रुपए की नकदी मिली. लोकायुक्त को अपनी जांच में बाबू के लॉकर से 42 लाख रुपए की नकदी, डायमंड ज्वैलरी मिली है. इसके अलावा करोड़ों रुपए के प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.

बाबू का नाम तारकचंद दास है. यह भोपाल विकास प्राधिकरण में पदस्थ था. लोकायुक्त पुलिस ने बीते रोज भोपाल के मालवीय नगर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्रांच से आरोपी की पत्नी का लॉकर खाेला. पुलिस ने बताया कि यह लॉकर उसकी पत्नी मंदिरा के नाम पर है. पुलिस को अपनी जांच में 80 से अधिक चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा मिला है.

पुलिस ने बाबू के लॉकर से 42 लाख रुपए नकदी, 500 ग्राम सोने के जेवरात, हीरे की ज्वेलरी और संपत्ति के ब्यौरो बरामद हुए हैं. आपको बता दें कि भोपाल विकास प्राधिकरण के इस बाबू को बीते 23 अगस्त को लोकायुक्त ने 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते ट्रैप किया था. इस कार्रवाई के 40 दिन बाद आरोपी के पत्नी के नाम के बैंक लॉकर को खोला गया है.

इस प्रोजेक्ट के लिए बाबू मांग रहा था रिश्वत

आरोपी तारकचंद दास सहायक ग्रेड 1 के पद पर कार्यरत है. इसने रत्नागिरी प्रोजेक्ट में रहने वाले व्यक्ति से लीज रिन्यू करने के नाम पर रिश्वत मांगी थी. बाबू ने साढ़े 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. पहली किस्त के रूप में पीड़ित व्यक्ति ने बाबू को 40 हजार रुपए दिए थे. इसी दौरान लोकायुक्त पुलिस ने उसे ट्रैप कर लिया. लोकायुक्त की कार्रवाई में ट्रैप होने के तुरंत बाद भोपाल विकास प्राधिकरण ने उसे निलंबित कर दिया है.

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