Mohan Yadav government: सीएम मोहन यादव ने बीते 24 घंटे में कुछ ऐसे बड़े निर्णय लिए हैं, जिनकी वजह से न सिर्फ मध्यप्रदेश की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी में उथल-पुथल मच गई बल्कि कई लोगों को हैरान भी कर दिया. सबसे बड़ा निर्णय रहा निगम-मंडलों में नियुक्ति का. मप्र में अब निगम-मंडलों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का प्रभार संबंधित विभागों के मंत्री ही संभालेंगे.
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वर्तमान में मध्यप्रदेश में निगम-मंडलों के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हुई हैं. अमूमन सत्ताधारी दल अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को इन निगम-मंडल में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष की नियुक्ति देकर उनको एडजस्ट करता है. ये सभी पद कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त होते हैं. चूंकि बीजेपी ने सरकार बनने के बाद से निगम-मंडलों में नियुक्तियां नहीं की थीं, इसलिए फौरी तौर पर इनका प्रभार संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव रैंक के आईएएस अफसर संभाल रहे थे.
लेकिन सीएम मोहन यादव ने तत्काल प्रभाव से सभी आईएएस अफसरों को इन निगम-मंडलों के प्रभार से हटा दिया है और संबंधित विभागों के मंत्रियों को ही उनके अधीन आने वाले निगम-मंडलों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का भी प्रभार संभालने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इससे स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी के जो कार्यकर्ता, पदाधिकारी चुनाव में टिकट न मिलने से ये उम्मीद लगाए बैठे थे कि सरकार उनको निगम-मंडलों में कहीं न कहीं एडजस्ट कर देगी, उनकी उम्मीदों पर फिलहाल पानी फिर गया है. कुल मिलाकर उनको अभी और इंतजार करना होगा.
सोयाबीन की फसल को लेकर भी ले लिया बड़ा फैसला
सीएम मोहन यादव की सरकार ने सोयाबीन की फसल को लेकर भी बड़ा फैसला ले लिया है. मध्यप्रदेश में किसान सोयाबीन की फसल का 6 हजार रुपए प्रति क्विटंल का भाव करने की डिमांड कर रहे हैं. किसानों की मांग का समर्थन कांग्रेस कर रही थी. राजनीति इस पर तेज हो चुकी थी. इस बीच मोहन यादव सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने का निर्णय ले लिया. उधर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कह दिया है कि एमपी सरकार जैसी डिमांड करेगी, वैसे ही केंद्र सरकार सोयाबीन की खरीदी कराएगी.
मप्र के 3 मेडिकल कॉलजों में मंजूर हो गईं 100-100 सीटें
मध्यप्रदेश के नीमच, मंदसौर और सिवनी मेडिकल कॉलेज में पूर्व में 50-50 सीटें अलॉट हुई थीं. लेकिन मोहन यादव सरकार ने तीनों मेडिकल कॉलेज में 100-100 सीटें करने की मांग की थी. मोहन यादव सरकार की मांग पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीटें बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. जिसके बाद सीएम मोहन यादव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का इस निर्णय के लिए आभार भी जताया है. तीनों मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाने की प्रथम अपील नेशनल मेडिकल कमीशन में की थी, लेकिन एनएमसी ने सीटें बढ़ाने से इनकार कर दिया था. अब दूसरी अपील केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में की गई तो यहां मंत्रालय ने मंजूरी दे दी.
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