BHOPAL RAID UPDATE: मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की रेड में पकड़े गए धनकुबेर RTO के पूर्व कॉन्स्टेबल की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. पुलिस ने उस पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. पुलिस ने सौरभ शर्मा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. लोकायुक्त के सूत्रों ने इसकी पुष्टि कर दी है.
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दरअसल, लोकायुक्त के छापे के बाद से आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा फरार है और उसकी लोकेशन अब तक ट्रेस नहीं हो पायी है. ऐसे में यदि सौरभ शर्मा देश में ही कहीं है तो लुकआउट सर्कुलर जारी होने के बाद सौरभ देश छोड़ कर नहीं जा सकेगा. बता दें कि, लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) तब जारी किया जाता है, जब किसी व्यक्ति के बारे में पता चलता है कि वह जांच एजेंसियों द्वारा वांछित है या उसे देश छोड़ने से रोकना ज़रूरी है.
कौन हैं करोड़पति सिपाही सौरभ शर्मा?
सौरभ शर्मा मूल रूप से एक सरकारी डॉक्टर आरके शर्मा के बेटा है. उनके पिता का 2015 में निधन हो गया था, जिसके बाद उन्हें अनुकंपा नियुक्ति के आधार पर परिवहन विभाग में कांस्टेबल पद पर नौकरी मिल गई थी, लेकिन सौरभ ने जून 2023 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली. सौरभ शर्मा का मासिक वेतन करीब 50-60 हजार रुपये था, लेकिन उन्होंने भ्रष्ट तरीकों से करोड़ों की संपत्ति अर्जित की. लोकायुक्त पुलिस के डीजी जयदीप प्रसाद ने बताया कि सौरभ ने अपने परिवार, रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों के नाम पर संपत्तियां खरीदीं और स्कूल व होटल स्थापित किए.
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एक सिपाही कैसे बन गया धन कुबेर?
सूत्रों के अनुसार, सौरभ के पास भारी मात्रा में कैश आता था. उसे डर था कि कैश के नोट लंबे समय तक रखने से खराब हो सकते हैं या दीमक और चूहे कुतर डालेंगे. इसी वजह से उन्होंने कैश को सोने और चांदी की ईंटों में बदलना शुरू किया. चांदी और सोने की ईंटें मेकिंग चार्ज से मुक्त होती हैं, जिससे उन्होंने अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने का तरीका अपनाया.
सौरभ शर्मा के सहयोगी भी निशाने पर
लोकायुक्त की छापेमारी में सौरभ शर्मा के परिसरों से 234 किलोग्राम चांदी, 2.87 करोड़ रुपये नकद, और अन्य संपत्ति बरामद हुई. इसके अलावा, उनकी संपत्तियों और बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है. सौरभ शर्मा के करीबी सहयोगियों, चेतन गौर और शरद जायसवाल के खिलाफ भी कार्रवाई हो रही है. आयकर विभाग ने चेतन गौर से नकदी और सोना जब्त किया है. जांच में यह पता चला है कि चेतन की गाड़ी का उपयोग सौरभ द्वारा किया जाता था.
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