बच्चियों ने स्कूल के लिए मांगा शिक्षक, DEO बोले- जेल भेज दूंगा, झकझोर देगा रोती हुई छात्रा का ये VIDEO

सुमित पांडेय

05 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 5 2024 1:21 PM)

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव की सरकारी स्कूल की 12वीं की छात्राओं का कहना है कि जब वे जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) से मिलने गए तो उन्होंने कहा कि तुमसे ऐसा आवेदन किसने लिखवाया है. जिंदगी भर जेल में रहोगे तो समझ में आएगा.

छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल की छात्रा का रोते हुए वीडियो जमकर वायरल हो रहा है.

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल की 12वीं की छात्रा का रोते हुए वीडियो वायरल

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स्कूल में दो साल से नहीं शिक्षक, छात्राएं शिकायत लेकर पहुंची कलेक्टर के पास

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जिला शिक्षा अधिकारी ने छात्राओं और उनके परिजनों को धमकाया

Chhattisgarh News Video Viral: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव (Rajnandgaon) जिले में मंगलवार को कलेक्टर के 'जनदर्शन' में हाई स्कूल छात्राएं अपनी समस्या लेकर पहुंचीं. उन्होंने कलेक्टर को स्कूल और उनकी क्लास में शिक्षक की कमी का मुद्दा उठाया. कलेक्टर ने उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) के पास भेज दिया. लेकिन डीईओ ने उन छात्राओं को दो टूक जवाब देकर भेज दिया. 

जब उनसे कलेक्टर के पास शिकायत करने के बारे में पूछा गया तो वह फूट-फूटकर रोने लगे. छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि डीईओ ने ज्ञापन देखने के बाद उनके साथ दुर्व्यवहार किया और जेल भेजने तक की धमकी दे दी. स्कूली छात्राओं ने रो-रोकर अपनी आपबीती सुनाई. छात्राओं के रुदन का ये वीडियो टीचर्स डे पर जमकर वायरल हो रहा है. इन स्कूली शिक्षकों के साथ पालक भी पहुंचे थे. उन्होंने भी बच्चों के साथ डीईओ पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया.

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बच्चों की बेबसी देख कर गुस्सा आता है: सुप्रिया श्रीनेत

कांग्रेस नेता की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर इस घटना के बारे में पोस्ट करते हुए चिंता जताई है. उन्होंने लिखा- "छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के सरकारी स्कूल में 11वीं-12वीं के लिये एक भी टीचर नहीं है. बच्चे टीचर नियुक्ति की मांग लेकर कलेक्टर के पास गये उन्होंने DEO के पास भेजा. DEO ने दुत्कार कर कहा जिंदगी भर जेल में रहोगे तो समझ में आएगा. आरती साहू जैसे बच्चों की इस देश से क्या उम्मीद है? यही ना कि सरकारें कम से कम उनको पढ़ने का मौका तो दें."

दो साल से स्कूल में शिक्षकों की कमी

आरती साहू नाम की छात्रा ने रोते हुए बताया, पिछले दो साल से हम (11वीं) के छात्र रोजाना स्कूल जा रहे हैं, लेकिन हमारी क्लास में शिक्षक नहीं आते. अपनी किताबें खोलने और कक्षा में इंतजार करने के बावजूद हमें 11वीं कक्षा में संघर्ष करना पड़ा है. अब 12वीं कक्षा में हैं. बोर्ड परीक्षाएं नजदीक हैं. हमें शिक्षकों की सख्त जरूरत है. हमने ये बात कलेक्टर (DM) से बताई तो उन्होंने दो दिनों में समाधान का वादा करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) के पास भेज दिया. जब हम DEO से मिले, उन्होंने मदद करने के बजाए हमें जेल भेजने की धमकी दे डाली. 

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