इंदौर से भोपाल लाई गई सफेद बाघिन 'रिद्धि' बन गई थी वन विहार की शान, जानें कौन थी वो?

सुमित पांडेय

20 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 20 2024 12:32 PM)

Bhopal White Tigress Riddhi: भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में रहने वाली एकमात्र सफेद बाघिन 'रिद्धि' की 18-19 सितंबर की दरम्यानी रात को मृत्यु हो गई. लगभग 15 साल की यह सफेद बाघिन पिछले दो दिनों से बीमार थी.

वन विहार भोपाल की एकमात्र सफेद बाघिन की मौत हो गई है.

van_vihar_bhopal

follow google news

न्यूज़ हाइलाइट्स

point

भोपाल वन विहार की एकमात्र सफेद बाघिन 'रिद्धि' की मौत

point

मरने से पहले 2 दिन नहीं खाया था खाना, बेहोश मिली थी

point

वन विहार की बन गई थी शान, देखने के लिए जुटती पर्यटकों की भीड़

White Tigress Riddhi: भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में रहने वाली एकमात्र सफेद बाघिन 'रिद्धि' की 18-19 सितंबर की दरम्यानी रात को मृत्यु हो गई. लगभग 15 साल की यह सफेद बाघिन पिछले दो दिनों से बीमार थी, और उसने अपना नियमित भोजन भी नहीं लिया था. वन विहार के अधिकारियों ने बताया कि रिद्धि की तबीयत बीते कुछ समय से खराब चल रही थी, लेकिन 18 सितंबर की सुबह वह अपने हाउसिंग में निश्चेत अवस्था में पाई गई. वन्य-प्राणी चिकित्सक डॉ. अतुल गुप्ता ने उसे मृत घोषित किया.

यह भी पढ़ें...

सफेद बाघिन 'रिद्धि' को 28 दिसंबर 2023 को इंदौर के चिड़ियाघर से भोपाल के वन विहार लाया गया था. वह आदान-प्रदान योजना के तहत यहां लाई गई थी. उस समय उसकी उम्र लगभग 4 साल थी, और अब उसकी उम्र करीब 15 साल हो चुकी थी. वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में उसे पर्यटकों के लिए डिस्प्ले बाड़े में रखा गया था, जहां से लोग उसे देख सकते थे.

मरने से पहले दो दिन से नहीं खाया था खाना

रिद्धि ने पिछले दो दिनों से खाना नहीं खाया था, जो उसके लिए असामान्य नहीं था, क्योंकि वह कभी-कभी ऐसा करती रहती थी. लेकिन 18 सितंबर को वह सामान्य ही दिख रही थी. अगले दिन, सुबह 7 बजे के आसपास, जब वन्य-प्राणी चिकित्सक डॉ. अतुल गुप्ता ने उसका परीक्षण किया, तो उसे मृत पाया गया. वन्य-प्राणी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हमजा नदीम फारूखी और सहायक वन्य-प्राणी चिकित्सक डॉ. रजत कुलकर्णी के साथ डॉ. गुप्ता ने संयुक्त रूप से उसका पोस्टमार्टम किया.

प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि बाघिन की मृत्यु वृद्धावस्था के कारण हुई है, क्योंकि उसके आंतरिक अंगों ने काम करना बंद कर दिया था. पोस्टमार्टम के बाद उसके नमूने एकत्र किए गए और स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक हेल्थ, जबलपुर भेजे गए, जहां उनकी विस्तृत जांच की जाएगी. पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, नियमानुसार मृत सफेद बाघिन का दाह संस्कार किया गया. इस दौरान वन संरक्षक भोपाल वृत भोपाल, वन विहार के संचालक, और अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे.

सफेद बाघिन को देखने के लिए जुटती थी भीड़

रिद्धि की मौत वन विहार के लिए एक बड़ा नुकसान है, क्योंकि वह यहां की एकमात्र सफेद बाघिन थी. सफेद बाघिन की दुर्लभता और उनकी अनूठी सुंदरता ने उन्हें पर्यटकों के बीच विशेष आकर्षण बना दिया था. हालांकि रिद्धि अब नहीं रही, लेकिन उसकी यादें वन विहार के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहेंगी.

MP के इस रिटायर्ड इनकम टैक्स अफसर ने इंसानियत को किया शर्मसार, पेशाब करने पर नाबालिग का किया ऐसा हाल

वन विहार में वन्य जीवों की देखभाल को बढ़ी चिंता

इस घटना ने वन विहार में वन्य-प्राणियों के स्वास्थ्य और देखभाल को लेकर चिंताएं भी बढ़ा दी हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ जैसे जानवरों की देखभाल विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण होती है, खासकर जब वे वृद्धावस्था में पहुंच जाते हैं. उनकी सेहत का ध्यान रखना और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण आवश्यक होते हैं.

वन विहार का हिस्सा बन गईं सफेद बाघिन रिद्धि की यादें

रिद्धि की मौत ने वन विहार के अधिकारियों और कर्मचारियों को दुखी कर दिया है. बाघिन की मौत के बाद अब वन विहार में सफेद बाघों का कोई भी सदस्य नहीं बचा है, जो इसे और भी खास बनाता है. वन्य-प्राणियों की सुरक्षा और उनकी सेहत का ध्यान रखना, अब वन विहार के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी. रिद्धि का अंतिम संस्कार उसी जगह पर किया गया, जहां उसने अपना जीवन बिताया था, और अब उसकी यादें हमेशा के लिए वन विहार का हिस्सा बन गई हैं.

ये भी पढ़ें: Viral Video: BJP नेता ने दिखाई धौंस तो ASI ने फाड़ दी वर्दी, बोला- ब्राह्मण हूं, भीख मांग लूंगा..

    follow google newsfollow whatsapp