MP News: मध्यप्रदेश में जल्द ही निगम-मंडलों में प्रदेश सरकार राजनीतिक नियुक्तियां कर सकती है. टकटकी लगाए सैकड़ो भाजपाई नेता कतार में खड़े हैं. बड़ी उम्मीद से मोहन यादव सरकार की ओर देख रहे हैं कि कब उनकी नजरें इनायत होंगी और इनको निगम-मंडल में नियुक्त कर कैबिनेट व राज्य मंत्री दर्जा मिलेगा.
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मध्यप्रदेश में लंबे समय से निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियों के लिए बीजेपी नेता जोर लगा रहे हैं. लेकिन सीएम मोहन यादव के आने के बाद से इन नियुक्तियों पर रोक लगी हुई थी. लेकिन अब संगठन की तरफ से दिशा-निर्देश सामने आने के बाद संभावना बन रही है कि जल्द ही निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्तियां हो जाएंगी.
बीजेपी के अंदर इसे लेकर हलचल तेज हो गई है. उम्मीद जताई जा रही है कि कांग्रेस पार्टी छोड़कर जो नेता बीजेपी में शामिल हुए थे लेकिन उनको लोकसभा या विधानसभा का टिकट नहीं मिल पाया थ तो ऐसे नेताओं को निगम-मंडल में एडजस्ट किया जाएगा. इसके साथ ही बीजेपी के मूल कैडर के उन नेताओं को इसमें एडजस्ट किया जाएगा जो लगातार पार्टी पर उपेक्षित करने के आरोप लगाते रहे हैं. पूर्व संगठन मंत्री और बीजेपी सदस्यता अभियान में अच्छा रिजल्ट देने वाले कार्यकर्ताओं को इस बार निगम-मंडल में जगह मिल सकती है.
इन नेताओं के नामों की चर्चा, जिन्हें मिल सकती है निगम मंडल में जगह
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जिनके टिकट कटे, चुनाव जीतने वाले सीनियर विधायक, मंत्रीमंडल में शामिल होने से वंचित रह गए चर्चित विधायक, बीजेपी सदस्यता अभियान में अच्छा काम करने वाले कार्यकर्ता, संगठन पदाधिकारी, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए प्रमुख नेताओं को निगम-मंडल में एडजस्ट किया जा सकता है. ऐसे सैकड़ो नेताओं के नाम इस वक्त चर्चाओं में हैं.
इनमें शामिल हैं सुरेश पचौरी, दीपक सक्सेना, अजय सिंह यादव, कमलेश शाह, निर्मला सप्रे, गजेंद्र सिंह, जगत बहादुर अन्नू, दिनेश अहिरवार, संजय शुक्ला, शिवदयाल बागरी, ढाल सिंह बिसेन, छतर सिंह दरबार, शैलेंद्र बरूआ, आशुतोष तिवारी, जितेंद्र लिटोरिया, सैयद जफर, विवेक शेजवलकर आदि कई नेताओं के नाम इस वक्त मध्यप्रदेश की राजनीति में चर्चाओं में हैं, जिन्हें माना जा रहा है कि इनको निगम-मंडल में मौका मिल सकता है.
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