जहरीले कचरे पर बवाल तेज, पीथमपुर में विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस ने बरसाई लाठियां, 2 युवकों ने पेट्रोल छिड़क खुद को लगाई आग

पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा जलाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इंदौर में और पीथमपुर में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. विपक्ष तो इस मामले को लेकर सरकार के खिलाफ है ही, सत्ता पक्ष के नेता भी पीथमपुर में जहरीला कचरा जलाने का विरोध कर रहे हैं. 

भोपाल के कचरे को लेकर पीथमपुर में जबर्दस्त बवाल.

भोपाल के कचरे को लेकर पीथमपुर में जबर्दस्त बवाल.

सुमित पांडेय

03 Jan 2025 (अपडेटेड: 03 Jan 2025, 02:13 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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भोपाल से आए यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे पर बवाल

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इंदौर के पीथमपुर में कचरा जलाए जाने का जमकर विरोध

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विपक्ष के साथ ही बीजेपी विधायक ने भी खोल दिया मोर्चा

Bhopal Gas Tragedy: भोपाल से आए यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाकर नष्ट करने के मामले में बवाल बढ़ता जा रहा है. सरकार के इस निर्णय के विरोध में बीजेपी के विधायक ही आ गए हैं. वहीं, झोपड़ी वाले विधायक कमलेश्वर डोडियार ने कचरा जलाने के विरोध में धरना शुरू कर दिया है. इससे सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. हालांकि नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस मामले में बैठक बुलाकर समझाने की कोशिश की है.

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इधर, यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरा पीथमपुर पहुंचने के बाद स्थानीय लोगों में जबरदस्त गुस्सा देखने को मिल रहा है. स्थानीय लोगों ने कई संगठनों ने कचरा जलाने के विरोध में आज पूरा पीथमपुर बंद का आह्वाहन किया. लोग सड़कों पर उतरे और चक्काजाम किया. प्रदर्शनिकारियों को हटाने को लेकर पुलिस बल ने लोगों पर लाठियां भांजनी शुरू कर दी है. वहां से लोगों को भगाना शुरु कर दिया तो अफरातफरी मच गई. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा.

इस दौरान विरोध कर रहे दो युवकों ने खुद पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगाने और आत्मदाह करने की कोशिश की, जिससे भगदड़ मच गई और दोनों युवक गंभीर रूप से झुलस गए हैं. अब उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. 

337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा पहुंचा पीथमपुर

भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा इंदौर के नजदीक पीथमपुर की रामकी कंपनी में नष्ट करने के लिए लाया गया है. कोर्ट के आदेश पर यह कदम उठाया गया, लेकिन इस फैसले ने प्रदेश में सियासी और सामाजिक घमासान छेड़ दिया है. विपक्ष, स्थानीय जनप्रतिनिधि और विशेषज्ञ इस कचरे के निपटान को लेकर गहरी चिंता जता रहे हैं. निपटान का मुद्दा केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक भी बन गया है.

सरकार ने कचरे के निपटान को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने की बात कही है, लेकिन जनता की चिंताओं का समाधान करना अब सरकार की प्राथमिकता बन गई है.

मध्य प्रदेश सरकार के निर्देश पर धार जिले के प्रभारी और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस मुद्दे पर एक अहम बैठक आयोजित की. इसमें धार और इंदौर के जनप्रतिनिधि, पर्यावरण विशेषज्ञ, डॉक्टर और स्थानीय अधिकारी शामिल हुए. बैठक का उद्देश्य था कि कचरे के निपटान से जुड़े सभी पहलुओं को समझा जाए और जनता की चिंताओं को सुना जाए.

कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए रामकी कंपनी को इस कचरे के निष्पादन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस प्रक्रिया में पर्यावरण और आम जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी. 

विधायक कमलेश्वर डौडियार कर रहे हैं धरना.

धार की BJP विधायक नीना वर्मा का विरोध

इस जहरीले कचरे का धार की बीजेपी विधायक नीना वर्मा ने इस मामले में कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने मांग की कि विशेषज्ञों को यह लिखित में देना होगा कि इस जहरीले कचरे के निपटान से भविष्य में पर्यावरण या मानव स्वास्थ्य पर कोई निगेटिव प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात कही और कचरा निपटान प्रक्रिया पर गहरी चिंता व्यक्त की.

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सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडीयार ने कहा कि भोपाल से पीथमपुर लाए यूनियन कार्बाइड के 337 मेट्रिक टन जहरीले केमिकल वाले कचरे के खिलाफ मै सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडीयार आमरण अनशन कर रहे साथियों और आमजनों के साथ दोपहर बाद करीब 4 बजे से पीथमपुर में अनिश्चित कालीन धरने में शामिल हो गए हैं. विधायक ने कहा- कचरा वापस ले जाएं, बंजर जमीन की तलाश करें या कचरा अमेरिका पहुंचाए क्योंकि कचरा अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड ने पैदा किया है.

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डॉक्टर और विशेषज्ञों की राय

बैठक में शामिल वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर एस.एस. नय्यर ने भी इस फैसले पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई. उनका कहना है कि इस जहरीले कचरे को नष्ट करने की प्रक्रिया में और भी कई हानिकारक रसायनों का उपयोग किया जाएगा, जिससे मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने चेतावनी दी कि इससे लिवर कैंसर और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ेगा.

केमिस्ट्री के प्रोफेसर एस.एल. गर्ग ने सुझाव दिया कि कचरे के निपटान से पहले इसकी गहन जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जहरीली गैसें पहले ही वातावरण में मिल चुकी हैं, लेकिन कचरे के मौजूदा स्वरूप को समझना और उसके निपटान के प्रभावों का आकलन करना बेहद जरूरी है.

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स्थानीय जनता और विपक्ष का विरोध

भोपाल के जहरीले कचरे के मुद्दे पर विपक्ष भी सरकार को घेर रहा है. आम जनता और स्थानीय प्रतिनिधि इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कचरे के निपटान से पीथमपुर और आसपास के इलाकों में स्वास्थ्य और पर्यावरण पर क्या असर पड़ेगा. धार और इंदौर के कई जनप्रतिनिधियों ने भी इस प्रक्रिया का विरोध किया है.

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विधायक नीना वर्मा ने रामकी कंपनी का ही किया विरोध 

धार विधायक नीना वर्मा ने रामकी कंपनी को बंद करने की मांग की है. उनका कहना है कि यह कंपनी इस प्रकार के कचरे के निपटान के लिए उपयुक्त नहीं है. नीना वर्मा ने साफ़ किया है जिस एक्सपर्ट से पीथमपुर में इस जहरीला कचरे को नष्ट करने का सुझाव दिया है, वे शपथ पत्र के साथ इस बात को लिखकर दें कि भविष्य में इस जहरीले कचरे की वजह से पीथमपुर या इंदौर जिले में किसी तरह की बीमारी या पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा. नीना वर्मा ने इस मामले में एक बार फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाने की बात कही है.

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