मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के देवसर एसडीएम कार्यालय में पदस्थ एसडीएम अखिलेश कुमार सिंह के बड़े बेटे, 2023 बैच के आईपीएस अधिकारी हर्षवर्धन सिंह की असामयिक मृत्यु ने पूरे देश को झकझोर दिया है. पहली पोस्टिंग के लिए कर्नाटक के हासन जिले जाते समय हुए सड़क हादसे में उनका निधन हो गया. यह घटना न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे प्रशासनिक जगत और उनके पैतृक गांव के लिए एक गहरा सदमा है.
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गांव से प्रशासनिक सेवा तक का सफर
हर्षवर्धन मूल रूप से बिहार के सहरसा जिले के ग्राम फतेहपुर पंचायत पड़रिया के निवासी थे. पढ़ाई में हमेशा से अव्वल रहने वाले हर्षवर्धन ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद यूपीएससी की कठिन परीक्षा में 2023 में सफलता पाई और कर्नाटक कैडर में आईपीएस अधिकारी बने. हासन जिले में उनकी पहली पोस्टिंग उपपुलिस अधीक्षक (DSP) के रूप में हुई थी.
उनकी इस उपलब्धि से पूरे परिवार और गांव में खुशी का माहौल था. हर्षवर्धन अपने व्यवहार और लगन से गांव के हर व्यक्ति के प्रिय थे. उनकी मेहनत और सफलता ने न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव को गर्व का मौका दिया.
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गांव में पसरा मातम
हर्षवर्धन का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव फतेहपुर पहुंचा, तो पूरा गांव शोक में डूब गया. उनकी अंतिम यात्रा में हर आंख नम थी. लोग इस होनहार अधिकारी को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ पड़े. हर्षवर्धन की असमय मृत्यु से पूरा गांव सन्न है, और हर कोई उनकी लगन और मेहनत को याद कर रहा है.
हर्षवर्धन के पिता अखिलेश कुमार सिंह का सपना था कि उनके दोनों बेटे प्रशासनिक सेवा में जाकर देश की सेवा करें. छोटा भाई आदित्य वर्धन सिंह, जो आईआईटी से पढ़ाई कर चुका है, अब यूपीएससी की तैयारी कर रहा है. हर्षवर्धन का सपना था कि वह अपने पिता और भाई के साथ प्रशासनिक सेवा में मिलकर काम करें.
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दुर्भाग्य ने छीन लिया होनहार बेटा
रविवार शाम को हर्षवर्धन अपनी पोस्टिंग के लिए यात्रा कर रहे थे, जब हासन जिले के किट्टाने के पास उनकी गाड़ी का टायर फट गया. चालक ने वाहन से नियंत्रण खो दिया, और गाड़ी सड़क किनारे एक पेड़ से टकरा गई. इस भीषण हादसे में 26 वर्षीय हर्षवर्धन की मौके पर ही मौत हो गई. इस खबर ने उनके परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया. पिता अखिलेश कुमार सिंह और मां के साथ छोटे भाई आदित्य वर्धन सिंह ने तुरंत कर्नाटक के लिए रवाना हो गए.
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