188 साल के सियाराम बाबा की क्या है सच्चाई? उम्र और तपस्या के दावों को लेकर सोशल मीडिया पर हो रहे वायरल

अभिषेक शर्मा

07 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 7 2024 2:04 PM)

Siyaram Baba: 188 साल के सियाराम बाबा इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. शरीर पर सिर्फ लंगोट पहने अतिवृद्ध दिखने वाले सियाराम बाबा की उम्र और उनकी कठोर तपस्या को लेकर पूरे देश तरह-तरह की चर्चाएं कर रहा है. क्या सच में सियाराम की बाबा की उम्र 188 साल है. क्या ऐसा संभव है, इसे जानने की कोशिश की NEWS Tak ने.

Siyaram Baba

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188 साल के सियाराम बाबा इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं.

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लेकिन क्या सच में सियाराम की बाबा की उम्र 188 साल है.

Siyaram Baba: 188 साल के सियाराम बाबा इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. शरीर पर सिर्फ लंगोट पहने अतिवृद्ध दिखने वाले सियाराम बाबा की उम्र और उनकी कठोर तपस्या को लेकर पूरा देश तरह-तरह की चर्चाएं कर रहा है. क्या सच में सियाराम की बाबा की उम्र 188 साल है. क्या ऐसा संभव है, इसे जानने की कोशिश की NEWS Tak ने.

न्यूज तक के सहयोगी चैनल एमपी तक की रिपोर्ट बताती है कि सोशल मीडिया पर सियाराम बाबा की उम्र को लेकर गलत फैक्ट वायरल किए जा रहे हैं. असल में सियाराम बाबा की उम्र का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है. उनका कोई जन्म प्रमाण पत्र नहीं है. लेकिन स्थानीय लोगों का दावा है कि सियाराम बाबा की उम्र तकरीबन 110 साल होना चाहिए.

मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के एक गांव में नर्मदा नदी के किनारे उनका छोटा सा आश्रम है. यहां एक हनुमान मंदिर है जहां पर उन्होंने 1955 में भगवान हनुमान जी की कठोर तपस्या की थी. स्थानीय लोग दावा करते हैं कि उन्होंने तकरीबन 11 साल मौन व्रत रखा था. 11 साल बाद जब वे बोले थे, तो उनके मुख से सिर्फ एक ही शब्द निकला. सियाराम, सियाराम, सियाराम. तब से स्थानीय लोगों ने उनका नाम सियाराम बाबा रख दिया था. लोग दावा करते हैं कि वे कई सालों तक गुफा में रहकर तपस्या कर रहे थे. उनको गुफा से ही लाया गया. लेकिन कुछ अन्य लोगों का कहन है कि गांव के हनुमान मंदिर पर उन्होंने कठोर तप किया और फिर यही पूजा-पाठ शुरू कर दिया.

बोलते नहीं है, लंगोट पहनते हैं और अतिवृद्ध हैं सियाराम बाबा

आपको बता दें कि सियाराम बाबा अतिवृद्ध होने की वजह से ठीक से चल नहीं पाते हैं. लोग उनको सहारा देकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर बैठाते हैं. लेकिन इतनी कमजोरी के बावजूद उनकी आंखों की चमक बरकरार है. बिना किसी चश्में के वे लगातार रामायण पाठ करते हैं. वे लगातार अखंड रामायण का पाठ करते रहते हैं और ऐसा वे सालों से कर रहे हैं. सर्दी, गर्मी या बारिश का मौसम हो, वे अपने शरीर पर सिर्फ एक लंगोट धारण करते हैं. इसके अतिरिक्त कठोर ठंड में भी वे अपने शरीर में अन्य कोई कपड़ा नहीं पहनते हैं.

हनुमान जी ने दर्शन दिए थे, ऐसा स्थानीय लोगों का दावा

स्थानीय लोग सियाराम बाबा के बारे में बताते हैं कि उनकी कठोर तपस्या की वजह से भगवान हनुमान जी ने उनको दर्शन दिए थे. वे हनुमान जी के परम भक्त हैं और उनकी लंबी आयु होने के बाद भी वे एक स्थान से दूसरे स्थान तक चलकर जाते हैं. हालांकि उनको सहारे की जरूरत पड़ती है लेकिन इस उम्र में भी यदि वे अपने पैरों पर खड़े हैं, इसे देखकर ही लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं. कुल मिलाकर लोगों में सियाराम बाबा का क्रेज इतना बढ़ रहा है कि यूपी, बिहार व दूसरे राज्यों से भी लोग खरगोन स्थित उनके आश्रम में उनसे मिलने पहुंच रहे हैं.

जो भी इनके आश्रम आ रहा है, वह सोशल मीडिया पर वायरल हो रही उनकी फोटो और वीडियो को देखकर पहुंच रहा है. कुल मिलाकर सियाराम बाबा इस समय सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं और उन्होंने भी सोशल मीडिया पर लोगों को अपना मुरीद बना दिया है.

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