Amit Shah: गृहमंत्री अमित शाह बीते रोज कोलकाता पहुंचे थे. आरजी कर मेडिकल कॉलेज की रेप पीड़िता के परिजनों ने उनसे मिलने के लिए समय मांगा था. लेकिन अमित शाह ने उनसे मुलाकात नहीं की. अब इसे लेकर टीएमसी ने बीजेपी के खिलाफ मौर्चा खोल दिया है.
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9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की बेरहमी से रेप के बाद हत्या से कांप गया था देश. एक और निर्भया के इंसाफ के लिए 42 दिन तक आंदोलन चला. घटना के तीन महीने होने जा रहे हैं. आज तक बंगाल की राजनीति बुरी तरह तप रही है. घटना ममता बनर्जी के शासनकाल में हुआ इसलिए बीजेपी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी आसमान सिर पर उठाने में. एक तरफ अस्पताल के डॉक्टरों का आंदोलन, दूसरी तरफ ममता बनर्जी के खिलाफ बीजेपी की लड़ाई.
अचानक कुछ हुआ कि आरजी कर अस्पताल रेप कांड को लेकर बीजेपी बैकफुट पर आ गई. पलटवार का मौका तृणमूल कांग्रेस के हाथ आया. ये सब हुआ गृह मंत्री अमित शाह के कोलकाता जाने से. अमित शाह कोलकाता आने वाले थे, इसकी खबर मिलने पर दरिंदगी की शिकार ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने अमित शाह से मिलने का समय मांगा था. ईमेल भेजकर कहा कि कोलकाता आएं तो हमसे मिलें. ताकि न्याय के लिए दिशा-निर्देश और सहायता के लिए अनुरोध कर सकें. परिवार ने कहा कि हम बहुत मानसिक दबाव में हैं, असहाय महसूस कर रहे हैं. सुविधा के अनुसार कुछ मिनट निकालें हमारे लिए.
ट्रेनी डॉक्टर के परिवार से नहीं मिले अमित शाह
टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक अमित शाह कोलकाता आए लेकिन उस ट्रेनी डॉक्टर के परिवार से नहीं मिले जिसको इंसाफ दिलाने के लिए बंगाल बीजेपी ने जमीन-आसमान एक किया. रेप-मर्डर केस की जांच सीबीआई के पास जा चुकी है जो अमित शाह के गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करती है.
राजनीतिक मकसद से कोलकाता आए अमित शाह
अमित शाह के कोलकाता जाने का मकसद राजनीतिक था. बीजेपी के सदस्यता अभियान के लिए पहुंचे थे. एयरपोर्ट पर अराइव से डिपार्चर तक बीजेपी नेता, कार्यकर्ताओं से घिरे रहे. भाषण दिया तो रेप केस को लेकर ममता बनर्जी की सरकार को जमकर सुनाया. संदेशखाली से लेकर आरजी रेप कांड तक- ममता बनर्जी सरकार की खूब खबर ली लेकिन आरजी कर रेप कांड के पीड़ित परिवार से मिलने के लिए कुछ मिनट नहीं निकाल पाए.
टीएमसी मांग रही अमित शाह से जवाब
रेप कांड को लेकर बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी सरकार के नाक में दम कम नहीं किया. ममता बनर्जी की शिकायत करने दिल्ली जाकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, अमित शाह से मिले थे. ऐसे हालात बन गए लगने लगा कि राष्ट्रपति शासन लग ही जाएगा. अचानक सन्नाटा पसरने लगा. आंदोलन कमजोर होने लगा. सरकार की ओर हरकतें नरम होने लगी. रह गए तो बस सड़क पर आंदोलन करने वाले कार्यकर्ता. अब तृणमूल कांग्रेस जवाब मांग रही है कि कोलकाता आकर भी अमित शाह क्यों नहीं ट्रेनी डॉक्टर के परिवार से मिले.
महीनों तक ममता के खिलाफ गला फाड़ने वाले बीजेपी नेता बैकफुट पर है. कोई जवाब नहीं कि क्यों नहीं अमित शाह उस पीड़ित परिवार से मिले जिसके लिए पूरी पार्टी ने इतना बड़ा आंदोलन छेड़ा. नेता कह रहे हैं कि गृह मंत्री का प्रोटोकॉल मंत्रालय ने बनाया. इससे पार्टी का कोई लेना देना नहीं.
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