घी का ब्रांड बदलने से हुई तिरुपति के लड्डू में गड़बड़ी? तिरुमाला प्रसादम विवाद की पूरी कहानी

सुमित पांडेय

20 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 20 2024 4:05 PM)

Tirupati Laddoo Controversy: चंद्रबाबू नायडू ने प्रयोगशाला रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में खरीदे गए घी में पशु वसा पाई गई थी, इसके साथ ही नायडू ने ये भी कहा है कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा. पिछले साल प्रसिद्ध नंदिनी के हटने से घी की सप्लाई का ठेका दूसरे ब्रांड को दे दिया गया था. 

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तिरुपति तिरुमाल के लड्डू प्रसादम में पशु चर्बी मिलने की बात से हंगामा.

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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तिरुपति के लड्डू में पशु चर्बी के इस्तेमाल के लिए वाईएसआरसीपी को ठहराया दोषी

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पिछले साल से प्रसिद्ध नंदिनी घी की नहीं हो रही थी सप्लाई, दूसरे ब्रांड के घी से बन रहा था लड्डू

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तिरुपति ट्रस्ट हर छह महीने में घी की आपूर्ति के लिए निविदाएं आमंत्रित करता है

Tirupati Laddoo Controversy: तिरुपति के प्रसिद्ध श्रीवारी लड्डू में घी की गुणवत्ता को लेकर उठे विवाद ने तब जोर पकड़ा, जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) द्वारा उपयोग किए जा रहे घी में पशु चर्बी होने का बड़ा दावा किया. उन्होंने प्रयोगशाला रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के शासनकाल (जगनरेड्डी सरकार) में मंदिर के लिए खरीदे गए घी में मछली का तेल (Fish oil) और गोमांस की चर्बी पाई गई थी. इस दावे के बाद लड्डू प्रसाद बनाने के लिए उपयोग किए जा रहे घी की गुणवत्ता को लेकर विवाद गहरा गया.  

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने अब बड़ा बयान देते हुए कहा है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. वहीं, केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से तिरुपति लड्डू विवाद से जुड़े इस पूरे मामले की रिपोर्ट मांग ली है. पिछले साल प्रसिद्ध नंदिनी के हटने से घी की सप्लाई का ठेका दूसरे ब्रांड को दे दिया गया था.

श्री वेंकटेश्वर मंदिर में हर दिन हजारों भक्त आते हैं, और श्रीवारी लड्डू उनके लिए विशेष प्रसादम होता है. लड्डू के स्वाद और उसकी गुणवत्ता में घी की भूमिका अहम होती है, जो उसे खास बनाता है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) हर छह महीने में घी की आपूर्ति के लिए निविदाएं आमंत्रित करता है और सालाना 5 लाख किलोग्राम घी खरीदा जाता है.

टेंडर प्रक्रिया से हट गई नंदिनी 

विवाद की शुरुआत तब हुई जब कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF), जो प्रसिद्ध नंदिनी घी की आपूर्ति करता था, उन्होंने घी की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लिया. इसके बाद, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी एआर डेयरी (AR Dairy) से घी खरीदना शुरू कर दिया, जिससे लड्डू की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे. केएमएफ के अध्यक्ष के भीमा नाइक ने कहा कि "भेदभावपूर्ण प्रथाओं" के कारण नंदिनी घी को तिरुमाला लड्डू में शामिल नहीं किया जा रहा है, और इस कदम ने एक बड़े विवाद को जन्म दिया.

नाइक ने दावा किया कि नंदिनी घी सबसे बेहतरीन घी है, जो सभी गुणवत्ता जांचों से गुजरता है, और किसी अन्य ब्रांड द्वारा सस्ता घी उपलब्ध कराने से लड्डू की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा. इस बयान के बाद राजनीति भी गरमा गई. भाजपा ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार पर तिरुपति मंदिर के मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया, और वाईएसआरसीपी सरकार पर भी घी की आपूर्ति के लिए मंदिर बोर्ड पर दबाव डालने का आरोप लगाया गया.

घी सप्लायर को टीडीपी सरकार ने किया ब्लैक लिस्ट, नंदिनी की वापसी

दरअसल, पिछले 50 साल से कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) रियायती दरों पर नंदिनी घी की सप्लाई तिरुपति ट्रस्ट को कर रहा था. हर छह महीने में 1400 टन घी मंदिर में लगता है. जुलाई 2023 में फेडरेशन ने घी के रेट कम बताकर सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था. इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स भी है. जिसके प्रोडक्ट में इसी साल जुलाई में गड़बड़ी पाई गई है. 

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जुलाई में हुई थी जांच, जिसमें मिली गड़बड़ी 

टीडीपी सरकार ने इस साल जून में सीनियर IAS अधिकारी जे श्यामला राव को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का नया एक्जीक्यूटिव ऑफिसर बनाया. उन्होंने प्रसादम (लड्डू) की क्वॉलिटी की जांच के आदेश दिए. इसके लिए एक कमेटी बनाई. प्रसादम के टेस्ट और क्वॉलिटी को बेहतर बनाने के लिए कमेटी ने कई सुझाव दिए. साथ ही घी की जांच के लिए नेशनल डेयरी डेवलेपमेंट बोर्ड (NDDB), गुजरात में सैंपल भेजे. जिसमें गड़बड़ी पाई गई थी.

TTD ने तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स की तरफ से भेजे गए घी के स्टॉक को वापस कर दिया और ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर दिया. इसके बाद TTD ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) से घी खरीदना शुरु कर दिया. पुराने सप्लॉयर से घी 320 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट से खरीदा जाता था. जबकि तिरुपति ट्रस्ट अब कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से 475 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट से घी खरीद रहा है.

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300 साल पुराना किचन, ब्राह्मण ही बनाते हैं 3.5 लाख लड्‌डू

तिरुपति मंदिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय और अमीर धर्मस्थलों में से है. यहां हर दिन करीब 70 हजार श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करते हैं. इसका प्रशासन तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम (TTD) संभालता है. तिरुपति में प्रतिदिन करीब 3.5 लाख लड्डू बनाए जाते हैं, जिनकी लागत लगभग 40 रुपये प्रति लड्डू आती है. लड्डू बनाने के लिए हर दिन 400-500 किलो घी, 750 किलो काजू, 500 किलो किशमिश, और 200 किलो इलायची की आवश्यकता होती है.

मंदिर परिसर में बनी 300 साल पुरानी किचन ‘पोटू’ में शुद्ध देसी घी के रोज 3.50 लाख लड्‌डू बनते हैं. यह मंदिर का मुख्य प्रसाद है, जिसे करीब 200 ब्राह्मण बनाते हैं. ट्रस्ट ने करीब एक लाख लड्‌डू राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के वक्त अयोध्या भेजे थे.

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