कांग्रेस ने महाराष्ट्र के इस पूर्व सीएम के दोनों बेटों को दिया विधानसभा चुनाव का टिकट, जानें पूरी कहानी

राजू झा

25 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 25 2024 5:44 PM)

maharashtra assembly elections: कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम विलासराव देशमुख के दोनों बेटों को टिकट दे दिया है. इससे चुनाव बहुत रोचक हो गया है.

Amit Deshmukh, Dheeraj Deshmukh

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत विलासराव देशमुख के दो बेटों को टिकट दिया है.

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लातूर शहरी और लातूर ग्रामीण विधानसभा से दोनों बेटों को दिया गया है टिकट.

maharashtra assembly elections: कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम विलासराव देशमुख के दोनों बेटों को टिकट दे दिया है. इससे चुनाव बहुत रोचक हो गया है. कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 24 अक्टूबर को देर रात अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में कांग्रेस ने अपने कोटे की 85 में से 48 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया. पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को कराड विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.

पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत विलासराव देशमुख के दो बेटों को टिकट दिया है. इनमें बड़े बेटे अमित देशमुख को लातूर शहरी सीट से, जबकि छोटे बेटे धीरज विलासराव देशमुख को लातूर ग्रामीण सीट से उम्मीदवार बनाया है. लातूर को देशमुख परिवार का गढ़ माना जाता है. ऐसे में कांग्रेस ने इस गढ़ को बचाने की जिम्मेदारी इन दोनों को सौंपा है.

इस बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर भी खूब वायरल हो रही है. इस फोटो में रितेश देशमुख के साथ सेल्फी में अमित देशमुख और धीरज विलासराव देशमुख भी दिख रहे हैं. अमित कांग्रेस के नेता हैं और लातूर सिटी से से निवर्तमान विधायक हैं. वह महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री रह चुके हैं.

पिता विलासराव देशमुख के राजनीति में सक्रिय होने के कारण अमित ने बहुत कम उम्र में ही महाराष्ट्र की राजनीति में कदम रख दिया था. उन्होंने लातूर नगर परिषद के चुनावों में 21 साल की आयु में बेहद सक्रिय भूमिका निभाई थी. इसके अलावा उन्होंने 1999 के लोकसभा चुनाव में शिवराज पाटिल के चुनाव प्रचार किया था.

कुछ ऐसा रहा है दोनों भाईयों का राजनीतिक इतिहास

2002 से 2008 के बीच युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे. वर्ष 2009 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर पहली बार लातूर सीट से चुनाव लड़ा था. उन्होंने अपने पहले चुनाव में 89,480 मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज की थी. अमित देशमुख का जन्म 21 मार्च 1976 को हुआ था. रितेश देशमुख और कांग्रेस नेता धीरज देशमुख के बड़े भाई हैं. अमित का विवाह अदिति प्रताप से 2008 में हुआ था. उनके दो बच्चे हैं. परिवार में राजनीतिक माहौल होने के कारण धीरज का सियासी सफर भी बहुत पहले प्रारंभ हो गया था. वह 36 वर्ष के हैं. इससे पहले वर्ष 2017 में उन्होंने महाराष्ट्र जिला परिषद चुनावों में हिस्सा लिया था और जीत दर्ज की थी. उन्होंने 2012 में दीपशिखा भगनानी से विवाह किया था.

कुछ ऐसे थे स्व. विलासराव देशमुख

राजनीति भले ही आपको एक कद्दावर नेता और दमदार व्यकत्तिव वाला व्यक्ति बना सकती है. लेकिन राजनीति विवादों में लपेटना नहीं भूलती है. ऐसी ही एक शख्सियत और कांग्रेस के कद्दावर नेता विलासराव देशमुख थे. 
देशमुख ने राजनीति में शुरूआत बेहद निचले स्तर से की थी. पंचायती चुनाव से कैरियर की शुरूआत करने वाले देशमुख पंच बने और फिर सरपंच बने.

इसके बाद देशमुख जिला परिषद के सदस्य और लातूर तालुका पंचायत समिति के उपाध्यक्ष भी बने. फिर विलासराव युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भी रहे. देशमुख ने कार्यकाल के दौरान युवा कांग्रेस के पंचसूत्रीय कार्यक्रम को लागू करने की दिशा में अहम कदम बढ़ाया. साल 1980 से 1995 तक विलासराव देशमुख लगातार तीन चुनावों में विधानसभा के लिए चुने गए. इसके बाद विभिन्न मंत्रालयों में बतौर मंत्री कार्यरत रहे. इस दौरान विलासराव देशमुख ने कृषि, मतस्य, पर्यटन, उद्योग, गृह, ग्रामीण विकास, परिवहन, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, युवा मामले, खेल समेत अनेक पदों पर मंत्री के तौर पर कार्य किया था.

इस तरह स्व. विलासराव देशमुख बने थे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री

साल 1995 में विलासराव चुनाव हार गए, लेकिन साल 1999 के चुनावों में देशमुख की विधानसभा में फिर से वापसी हुई. इसी साल वह पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे. लेकिन महाराष्ट्र विधानसभा की नियति ने विलासराव देशमुख को भी नहीं बख्शा. अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें सीएम की कुर्सी से उतरना पड़ा और उनके स्थान पर सुशील कुमार शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया गया. वहीं अगले चुनावों में कांग्रेस को अपार सफलता मिली. 

जिसके बाद उन्हें एक बार फिर सीएम बनाया गया. इस दौरान वह पहली बार 18 अक्टूबर 1999 से 16 जनवरी 2003 तक मुख्यमंत्री रहे. वहीं बतौर सीएम उनका दूसरा कार्यकाल 7 सितंबर 2004 से 5 दिसंबर 2008 तक रहा है. 14 अगस्त 2012 को लीवर कैंसर से जूझने के बाद चेन्नई के एक अस्पताल में 67 वर्षीय विलासराव देशमुख का निधन हो गया था.

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