Karnataka Congress: कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी जोश में है. सीएम सिद्दारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने मिलकर कार्यकर्ताओं को उनकी मेहनत का फल देने एक प्लान तैयार किया है. जिसके तहत पूरे कर्नाटक में से चुनकर 1200 कार्यकर्ताओं को निगम-मंडलों में नियुक्त किया जाएगा.
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राजनीति में कार्यकर्ता सबसे आगे रहकर सबसे ज्यादा संघर्ष करता है. राजनीतिक कार्यक्रमों में दरी बिछाने से लेकर धरना-प्रदर्शन में पुलिस की लाठियां खाने की ड्यूटी कार्यकर्ताओं की होती है. टिकट, चुनाव, मंत्री, सांसद, विधायक-मलाई बंटने की नौबत आती है तो कार्यकर्ता सबसे पीछे होता है. ये किसी एक पार्टी का नहीं, पूरे राजनीतिक सिस्टम का रिवाज है.
लेकिन कर्नाटक कांग्रेस इस सिस्टम को बदलने जा रही है. कार्यकर्ताओं का सम्मान करने की गजब स्कीम निकाली है. जिसमें एक-दो नहीं, बल्कि 1200 कार्यकर्ताओं का होने जा रहा है भला. कर्नाटक कांग्रेस में सिद्धारमैया और डीके शिव कुमार नदी के दो किनारे माने जाते हैं लेकिन राजनीति में रोल मॉडल इसलिए बन रहे हैं क्योंकि जब पार्टी की बात आती है दोनों अपने मतभेद पीछे रखकर हाथ मिलाकर डट जाते हैं.
कर्नाटक में कांग्रेस ने एक साल में दो बड़े चुनावों में करिश्मा किया. पहले विधानसभा चुनाव जीतकर सरकार बनाई. फिर लोकसभा चुनाव में अपनी सीट एक से बढ़ाकर 9 कर ली. दोनों चुनावों में बीजेपी को धूल चटाई. इसी का क्रेडिट देने के लिए सिद्धारमैया और डीके शिव कुमार ने मिलकर प्लान बनाया है.
गृहमंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी, करेगी 1200 कार्यकर्ताओं का चुनाव
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्री जी परमेश्वर की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी है. ये कमेटी ऐसे 1200 पदों पर राजनीतिक नियुक्तियां करने के लिए बनी हैं, जिन पर राजनीतिक लोगों की नियुक्ति होती है. कर्नाटक सरकार के बोर्ड और निगमों में बोर्ड डायरेक्टर्स, मेंबर्स जैसे 1200 पदों पर नियुक्ति होने जा रही है. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ही ऐसे पदों पर बहाल होगी. 1200 में से 224 पद महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए रिजर्व रहेंगे. राहुल गांधी के फोकस के हिसाब से OBC, अल्पसंख्यक, SC-ST को बराबरी का मौका दिया जाना है.
हर सीट से इस तरह होगा चुनाव
विधानसभा चुनाव में 135 सीटों पर कांग्रेस के विधायक जीते थे. ऐसी हर सीट से कम से कम तीन कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बहाली बोर्ड, निगम, में होगी. जिला कांग्रेस कमेटी, फ्रंटल ऑर्गनाइजेशन से बहाली के लिए कार्यकर्ताओं के नाम मांगे गए हैं. जहां कांग्रेस विधायक नहीं जीते वहां से 2 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा. सबसे ज्यादा वजन स्थानीय विधायकों की सिफारिश का होगा. कुछ पद सिद्धारमैया और डीके शिव कुमार के लिए होंगे जहां दोनों अपनी पसंद से नियुक्ति करेंगे.
कर्नाटक में कांग्रेस क्यों कर रही है इस तरह की कवायद
कर्नाटक में कांग्रेस के हजारों-लाखों कार्यकर्ता हैं. सबको तो लिया नहीं जा सकता. गृह मंत्री परमेश्वर कमेटी इंटरव्यू करके कार्यकर्ताओं का चुनाव करेगी. इससे मेहनती कार्यकर्ताओं का सम्मान भी होगा और बाकियों को ये मैसेज भी जाएगा कि चुनाव बाद पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को नहीं भूली. पार्टी को समय लगा लेकिन 8 महीने बाद निगमों, बोर्ड के चेयरमैन जैसे राजनीतिक पद भरे गए.
कांग्रेस में 2028 से पहले विधानसभा चुनाव नहीं होने हैं. 2029 से पहले लोकसभा चुनाव नहीं होने हैं. 4 साल तक कार्यकर्ताओं में जोश जगाने रखने के लिए कुछ न कुछ करना पड़ेगा. वैसे भी पार्टी के लिए मुश्किल समय इसलिए कि सीएम सिद्धारमैया पर MUDA घोटाले का शिकंजा कस रहा है. बीजेपी हर मुमकिन कोशिश कर रही सरकार को गिराने के लिए. सिद्धारमैया-डीके की पहल पार्टी कार्यकर्ताओं को हर हालात का सामना करने के लिए तैयार रखने में मददगार हो सकती है.
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