Pooja Khedkar News: केंद्र सरकार ने लगातार विवादों में रही ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) को अब बर्खास्त कर दिया है. पूजा खेडकर आईएएस बनने के बाद से काफी विवादों में रही हैं, उनकी वजह से उनके माता-पिता भी विवादों में आ गए थे. अब उन्हें केंद्र सरकार ने डिसमिस कर नौकरी से ही हटा दिया है. पहले उन्हें निलंबित किया गया था.
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महाराष्ट्र के पुणे में 34 साल की ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) UPSC सिलेक्शन को लेकर विवादों में थीं. उन पर UPSC CSE-2022 एग्जाम में शामिल होने के अपनी पर्सनल इंफॉर्मेंशन और डिसएबिलिटी को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप है. पहले UPSC ने उन्हें अयोग्य करार दिया, इसके बाद उन्हें निलंबित किया गया. अब केंद्र सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर नौकरी से ही हटा दिया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने दी थी गिरफ्तारी से राहत
दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 26 सितंबर तक रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की दलीलों के बाद सुनवाई को 26 सितंबर तक के लिए टाल दिया. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया है और कहा कि उसने दिव्यांगता के फर्जी प्रमाण पत्र जमा किया था.
दिल्ली पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट में किया बड़ा खुलासा
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल अपने स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि उसने सिविल सेवा की 2022 और 2023 में दी गई परीक्षा में दो अलग-अलग दिव्यांगता प्रमाण पत्र जमा किए थे. ये दिव्यांगता प्रमाण पत्र कथित तौर पर महाराष्ट्र के अहमदनगर के मेडिकल अथॉरिटी ने जारी किया था. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 28 अगस्त को मामले की सुनवाई करते हुए पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर 5 सितंबर तक रोक लगा दी थी. जो गुरुवार को खत्म हो गई. अब फिर से अदालत ने उन्हें राहत दे दी है.
खेडकर ने किया था दावा- 'दिव्यांग' कैटेगरी में मिलने चाहिए थे मौके
इस मामले को लेकर पूजा खेडकर ने भी कुछ दिन पहले दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. पूजा खेडकर ने अपनी याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट से सिविल सर्विसेज एग्जाम के उनके 12 अटेम्प्ट में से 7 अटेम्प्ट को नजरअंदाज करने की अपील की थी. खेडकर का दावा था कि उन्हें घुटने में दिक्कत है. लिहाजा उन्हें 'दिव्यांग' कैटेगरी में ही मौके मिलने चाहिए थे. उन्होंने यह भी दलील दी थी कि 47% दिव्यांगता होने के बावजूद वह जनरल कैटेगरी से एग्जाम में बैठीं. सिविल सर्विसेज एग्जाम के लिए डिसएबिलिटी का बेंचमार्क 40% है.
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दिल्ली पुलिस ने कहा था- सर्टिफिकेट फर्जी
दिल्ली पुलिस ने 4 सितंबर को अपनी स्टेट्स रिपोर्ट दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल की थी. इस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कई बड़े खुलासे किए हैं. दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया कि पूजा खेडकर की डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट फर्जी है. इस स्टेट्स रिपोर्ट में कहा गया है कि जो सर्टिफिकेट 2022 और 2023 की सिविल परीक्षा के दौरान दिया गया था, वो फर्जी है. इस सर्टिफिकेट में पूजा खेडकर ने अपना नाम भी बदला है.
पुलिस ने अपनी स्टेट्स रिपोर्ट में कहा है कि इस फर्जी सर्टिफिकेट के महाराष्ट्र से बनाए जाने का दावा भी झूठा है. पुलिस की जांच में पता चला है कि वर्ष 2022 और 2024 में अहमदनगर महाराष्ट्र से दो सर्टिफिकेट जारी किए गए थे, लेकिन पुलिस ने जब मेडिकल अथॉरिटी से इन सर्टिफिकेट की जानकारी मांगी तो अथॉरिटी की तरफ से बताया गया कि उनकी तरफ से कोई विकलांगता सर्टिफिकेट जारी ही नहीं किया गया है.
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