गुजरात: ढह गया बुलेट ट्रेन का पिलर तो तेज हुआ PM मोदी के प्रोजेक्ट का विरोध

रूपक प्रियदर्शी

06 Nov 2024 (अपडेटेड: Nov 6 2024 5:09 PM)

Bullet Train Piller Collapsed: गुजरात के आणंद जिले के वसाड में बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का एक निर्माणाधीन पिलर ढह गया. इसमें 3 मजदूरों की जान चली गई और एक को बचाया गया. घटना के बाद कांग्रेस ने इस प्रोजेक्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं

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Bullet Train Piller Collapsed: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान और चीन की बुलेट ट्रेन को देखकर भारत में हाई-स्पीड रेल का सपना देखा था. सरकार ने विरोध के बावजूद इस योजना को आगे बढ़ाया. बुलेट ट्रेन के पहले प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर पर काम शुरू हो गया.  इस परियोजना में टेक्नॉलेजी का इस्तेमाल हो रहा है और 508 किलोमीटर की दूरी को महज 3 घंटे में तय करने का टार्गेट है. वर्तमान में, इस रूट पर नॉर्मल ट्रेन से 7 घंटे लगते हैं, लेकिन बुलेट ट्रेन के आने से समय में बड़ी कटौती होगी.

अंडर कंस्ट्रक्शन पिलर गिरने से तीन मजदूरों की मौत

हाल ही में गुजरात के आणंद जिले के वसाड में बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का एक निर्माणाधीन पिलर ढह गया. इसमें 3 मजदूरों की जान चली गई और एक को बचाया गया. घटना के बाद कांग्रेस ने इस प्रोजेक्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, साथ ही इसे प्रधानमंत्री मोदी का भ्रष्टाचार मॉडल बताया है. कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी और गुरदीप सप्पल ने प्रोजेक्ट की क्वालिटी और सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं.

कांग्रेस के ऑफिशियल एक्स हैंडल ने लिखा ये घटना नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार मॉडल की गवाह है. नरेंद्र मोदी का साफ एजेंडा है- 'खूब खाओ, मुझे भी खिलाओ, दोस्त को अमीर बनाओ. कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने हादसे का वीडियो पोस्ट करते हुए तंज कसा कि ये वही लोग हैं जो 70 साल पहले के लिए पंडित नेहरू से जवाब मांगते है, लेकिन इनका खुद का विकास पैदा होने के पहले ही दम तोड़ रहा है और मासूम जिंदगियां छीन रहा है.

कांग्रेस के एक और नेता गुरदीप सप्पल ने लिखा-आये दिन पुल गिर रहे हैं, ट्रेनें पटरियों से उतर रही हैं.लेकिन आज तो हद ही गई। बुलेट ट्रेन का निर्माणाधीन पुल टूट गया! बुलेट ट्रेन में सुरक्षा के लिहाज़ से तकनीक और क्वालिटी उच्चतम स्तर की होती है। उस बुलेट ट्रेन का पुल टूट गया!  ये न सिर्फ़ शर्मनाक है, बल्कि भ्रष्टाचार का उच्चतम उदाहरण भी है.

जापानी मॉडल और हाई क्वालिटी की उम्मीद

भारत के सामने बुलेट ट्रेन के दो मॉडल चीन और जापान के थे. भारत सरकार ने जापान का मॉडल चुना. जापान को पार्टनर बनाया. 2017 में पीएम मोदी और तत्कालीन जापानी पीएम शिंजो आबे ने अग्रीमेंट साइन किए. पहली बुलेट ट्रेन 2022 में शुरू होनी थी लेकिन ये प्रोजेक्ट पहले लेटलतीफी का शिकार हो चुका है. 

राहुल गांधी ने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का शुरू से विरोध किया. आरोप लगाए कि सरकार गरीबों की रेल बंद करके बुलेट ट्रेन चलाना चाहती है. 2018 में राहुल ने सवाल उठाया था कि जब पूरा रेल बजट 1 लाख 50 हजार करोड़ का है तो बुलेट ट्रेन पर क्यों 1 लाख करोड़ खर्च हो रहे हैं. इस प्रोजेक्ट के लिए भारत ने जापान की शिंकानसेन तकनीक चुनी है, जो अपनी उच्चतम सुरक्षा और गुणवत्ता के लिए जानी जाती है. इस बुलेट ट्रेन के 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की उम्मीद है। हालांकि, दुर्घटना के बाद सरकार को इस प्रोजेक्ट की सुरक्षा और गुणवत्ता की पुन: जांच करनी पड़ी है.

कॉरिडोर के प्रमुख फैक्ट्स

मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल का 92% हिस्सा एलिवेटेड ट्रैक पर बनेगा, जो 70 हाईवे, 21 नदियों और 173 बड़े ब्रिज को पार करेगा. प्रोजेक्ट का कुल खर्च एक लाख करोड़ रुपये अनुमानित है, और यह भारत के परिवहन इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है.

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