Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र में सरकार बनाने के दावे महायुति से भी हो रहे हैं, महाविकास अघाड़ी से भी. सीएम कौन बनेगा? इसको लेकर पत्ता कोई नहीं खोल रहा. फॉर्मूले पर तरह-तरह का ज्ञान बांटा जा रहा है. कुछ दिन पहले शरद पवार ने फॉर्मूला दिया कि अघाड़ी में जिसकी ज्यादा सीटें आएंगी, सीएम उसका होगा. अघाड़ी वाले विपक्ष में हैं. उनके यहां सीएम फेस को लेकर सस्पेंस, कन्फ्यूजन रह सकता है. महायुति में ऐसा होना नहीं चाहिए क्योंकि वो सत्ता में हैं.
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अमित शाह के बयान से महायुति के सीएम उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस भी पैदा हुआ, कन्फ्यूजन भी, नीयत पर शक भी. ये सवाल भी उठने लगा कि बीजेपी एकनाथ शिंदे को दोबारा सीएम बनाएगी या नहीं. एकनाथ शिंदे रिवॉर्डिंग चीफ मिनिस्टर बने. शिवसेना तोड़ने के इनाम में मिला सीएम पद. डील के मुताबिक शिंदे शिवसेना तोड़ लाए और सीएम का पद पाए. सीएम रह चुके देवेंद्र फडणवीस मजबूर हुए शिंदे के अंडर डिप्टी सीएम बनने के लिए.
पवन खेड़ा ने किया अलर्ट
देवेंद्र फडणवीस ने 10 नवंबर को रात 8 बजकर 12 मिनट पर फोटो सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. एक फोटो अपलोड किया जिसमें फडणवीस, शिंदे, अजित पवार ठहाके लगा रहे हैं. फडणवीस और अजित पवार ने हैंडशेक किया हुआ है. शिंदे ने दोनों का हाथ पकड़ा हुआ है. फडणवीस ने हैंडशेक इमोजी के साथ अंग्रेजी में कैप्शन लिखा-The MahaYuti! लगभग दोनों दो घंटे बाद पवन खेड़ा ने फडवीस का पोस्ट रीपोस्ट किया. ये लिखते हुए-शिंदे जी, ध्यान रखिए. सावधानी हटी दुर्घटना घटी.
अमित शाह के बयान से सनसनी
अमित शाह ने जो कहा है उससे महायुति में अंदर चल रही खलबली का इशारा मिला. शाह के बयान का मैसेज ये निकल रहा है कि अगर महायुति जीतकर आई तब शिंदे सीएम होंगे, इसकी गारंटी नहीं है. जीतने के बाद मंथन होगा कि क्या करना है. अमित शाह का बयान ये था कि अभी तो हमारे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं, लेकिन चुनाव के बाद हम सभी बैठकर इसपर विचार-विमर्श करेंगे. अगली लाइन ये कि इस बार हम मुख्यमंत्री चुनने के लिए शरद पवार को मौका नहीं देंगे.
अमित शाह का ये बयान तो महायुति के संकल्प पत्र रिलीज के वक्त का है. इससे पहले भी रैलियों में अमित शाह ने जो नारा दिया उससे भी शिंदे का पत्ता कटता दिखने लगा. अमित शाह ने देवेंद्र फडणवीस के लिए नारा लगाया-महायुति को जिताओ, फडणवीस को जिताओ. हर जगह लोग चाहते हैं कि महायुति की सरकार लाना है और फडणवीस को विजयी बनाना है.
अमित शाह के कहने का मतलब कुछ ऐसा निकाला जा सकता है. एकनाथ शिंदे सीएम हैं, ये क्लियर है लेकिन शिंदे ही अगले सीएम होंगे, ये डिक्लेयर्ड नहीं है. बीजेपी से बार-बार एकनाथ शिंदे को ये एहसास कराया जा रहा है कि चुनाव में आप ही सीएम हैं. आपके ही फेस पर महायुति चुनाव लड़ रही है लेकिन चुनाव जीतने के बाद आप रहेंगे या नहीं, ये बाद में तय करेंगे.
क्या है इसके मायने?
अजित पवार महायुति के तीसरे पिलर हैं. कम सीटों पर लड़ रही है एनसीपी. सीएम-वीएम की रेस में हैं नहीं. उनको भी समझ आ रहा है कि शाह देवेंद्र फडणवीस का नाम सीएम के लिए चला रहे हैं. अजित पवार ने कॉम्पीलिकेटेड टाइप के मुद्दे को ऐसे सिंपल तरीके से समझाया कि अमित शाह को ये कहने का अधिकार है कि फडणवीस कल सीएम बनेंगे.
एकनाथ शिंदे चुप्पी साधे हुए हैं. शिवसेना की तैयारी है शिंदे की दोबारा ताजपोशी की. हो सकता है यही गुणा-गणित देखकर पवन खेड़ा ने शिंदे को अलर्ट किया हो कि ध्यान रखिए. सावधानी हटी दुर्घटना घटी.
अमित शाह के बोलने से बहुत पहले देवेंद्र फडणवीस आइडिया दे चुके थे कि बीजेपी के अंदर सीएम को लेकर क्या चल रहा है. फडणवीस ने भी कहा था कि शिंदे सीएम हैं. आगे का आगे देखेंगे. किसी भी लेवल से किसी भी नेता ने आजतक ये नहीं कहा कि चुनाव बाद भी एकनाथ शिंदे ही सीएम बने रहेंगे. जिसने जितना ज्यादा सीटें जीती उसका सीएम-ये फॉर्मूला भी शिंदे के लिए घातक है. महायुति में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. शिवसेना-एनसीपी के मुताबिक सबसे ज्यादा लगभग दोगुनी सीटें लड़ रही है.
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