जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस अपनी दम पर बना रही सरकार! एक डिप्टी सीएम हिंदू वर्ग से होने का अनुमान

अभिषेक शर्मा

08 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 8 2024 1:00 PM)

National Conference : जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. अब तक के रुझान बता रहे हैं कि नेशनल कांफ्रेंस अपनी दम पर सरकार बनाने जा रही है.

श्रीनगर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की है.

Srinagar Congress Mallikarjun Kharge Rahul Gandhi meets National Conference Farooq Abdullah Omar Abdullah

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जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है.

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अब तक के रुझान बता रहे हैं कि नेशनल कांफ्रेंस अपनी दम पर सरकार बनाने जा रही है.

National Conference : जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. अब तक के रुझान बता रहे हैं कि नेशनल कांफ्रेंस अपनी दम पर सरकार बनाने जा रही है. वहीं भाजपा ने जम्मू रीजन में अच्छा प्रदर्शन किया है. लेकिन नेशनल कांफ्रेंस के प्रदर्शन ने सभी को चौंका दिया है.

नेशनल कांफ्रेंस के अब तक के रुझान बता रहे हैं कि उसकी एक तरफा सरकार बनने जा रही है. नेशनल कांफ्रेंस ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा है. नेशनल कांफ्रेंस ने 43 सीटों पर चुनाव लड़ा. इसमें से 42 सीटों पर नेशनल कांफ्रेंस जीत की ओर है. कांग्रेस पार्टी ने 7 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे. ये सभी भी जीत की ओर बढ़ रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटे हैं. बहुमत के लिए 46 चाहिए. नेशनल कांफ्रेंस अपनी दम पर 42 सीटें लाती हुई दिख रही है. इस प्रकार ये तय हो गया है कि जम्मू-कश्मीर में लंबे समय बाद नेशनल कांफ्रेंस की सरकार बनने जा रही है. बहुत अधिक संभावना इस बात की है कि उमर अब्दुल्ला ही जम्मू-कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे. लेकिन यहां हिंदू अल्पसंख्यकों को साधने के लिए इस सरकार में एक हिंदू डिप्टी सीएम भी हो सकता है.

इंजीनियर राशिद के खिलाफ अपनाई सशक्त रणनीति

नेशनल कांफ्रेंस के अच्छे प्रदर्शन की एक वजह इंजीनियर राशिद के खिलाफ सशक्त रणनीति अपनाना भी रहा है. नेशनल कांफ्रेंस वोटर्स के बीच यह साबित करने में सफल रही कि इंजीनियर राशिद बीजेपी के ही प्रॉक्सी के तौर पर चुनावी मैदान में हैं. कश्मीर में बीजेपी विरोधी रुख को नेशनल कांफ्रेंस ने अच्छे से भुनाया है. पीडीपी को गठबंधन से बाहर रखने का नेकां का फैसला भी अच्छा ही रहा है क्योंकि पीडीपी भाजपा के साथ अपने संबंधों का बोझ अब तक ढो रही थी, जिससे कश्मीर में कई लोगों को लगता है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का एक कारण पीडीपी भी है.

बड़ी पार्टी होने के नाते नेकां करगी सरकार बनाने का दावा पेश

सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते नेशनल कांफ्रेंस उप राज्यपाल के समक्ष जाकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. सरकार बन जाने के बाद बहुत संभावना है कि दिल्ली की तरह ही यहां भी एलजी और सीएम के बीच शक्तियों के बंटवारे को लेकर खींचतान हो सकती है. जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की कोशिश नेशनल कांफ्रेंस करेगी. वहीं बीजेपी ने जम्मू रीजन में अच्छा प्रदर्शन किया है. बीजेपी ने कुल 28 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे, जिनमें से 26 उम्मीदवार जीत की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं. इस तरह बीजेपी का यहां की मुख्य विपक्षी पार्टी बनना तय नजर आ रहा है.

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