केंद्र सरकार ने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एनपीएस वात्सल्य योजना (nps vatsalya scheme) लॉन्च कर दिया है. इस योजना का लाभ लेकर आप अपने बच्चों की जवानी और बुढ़ापा दोनों सिक्योर कर सकते हैं. बच्चों के लिए पेंशन प्लान लेने पर नन्हे-मुन्ने जब बुजुर्ग होंगे तो उनके पास एक बड़ा फंड इकट्ठा हो जाएगा. वहीं पढ़ाई के लिए पैसों की जरूरत पर भी ये निवेश काम आएगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को ये स्कीम लॉन्च किया. ध्यान देने वाली बात है कि जुलाई में पेश हुए केंद्रीय बजट में इस योजना की घोषणा की गई थी.
ADVERTISEMENT
माता-पिता पेंशन खाते के जरिए अपने बच्चों के भविष्य के लिए एनपीएस वात्सल्य का इस्तेमाल कर एक बड़ा फंड चक्रवृद्धि ब्याज के साथ बना सकते हैं. इसमें माता-पिता या अभिभावक बच्चे के नाम पर सालाना न्यूनतम धनराशि 1,000 रुपये जमा कर सकते हैं. इस योजना की कोई अपर लिमिट नहीं है. यानी इस योजना में 1000 से ऊपर चाहे जितनी भी धनराशि सालाना जमा कर सकते हैं.
इस योजना का क्या है लाभ?
पीआईबी (प्रेस सूचना ब्यूरो) चंडीगढ़ के मुताबिक मान लीजिए की एक शख्स A ने बेटे के जन्म के तुरंत बाद उसके नाम पर इस योजना में निवेश शुरू कर दिया. A ने सालाना 10,000 रुपए निवेश किया. बच्चे के बालिग होने तक पिता A ने निवेश किया. 18 साल तक कुल 1 लाख 80 हजार रुपए निवेश हुए जिसमें चक्रवृद्धि ब्याज की दर से (दर 10%) 5 लाख रुपए बने. इसके बाद बच्चा बालिग हो जाएगा और उसके केवाईसी के बाद अकाउंट होल्डर वो खुद हो जाएगा. फिर ये स्कीम NPS टियर - I (सभी नागरिकों के लिए) में बदल जाएगा. फिर इसमें पैसे नहीं जमा करने होंगे.
60 साल बाद ये फंड 10 फीसदी ब्याज के साथ 2.75 करोड़, 11.59 फीसदी के साथ 5.97 करोड़ और 12.86 फीसदी ब्याज के साथ 11.05 करोड़ का कॉर्पस में बदल जाएगा. अब सवाल ये है कि तीन अलग-अलग ब्याज दर पर क्यों इसे क्यों कैलकुलेट किया गया. दरअसल इस योजना में निवेश के समय ब्याज दर की तीन च्वाइस दी जाती है. पहला एक्टिव च्वॉइस, दूसरा ऑटो च्वॉइस LC-75 यानी बड़ा जोखिम पर बड़े रिटर्न की संभावना, तीसरा LC-50 यानी इसमें बैलेंस रिटर्न, चौथा LC-25 यानी कम जोखिम और स्थिर रिटर्न.
बच्चा जब 60 साल का होगा तो उसे क्या मिलेगा?
जब A का बच्चा 60 का होगा तब तक ये अमाउंट 10 फीसदी ब्याज के साथ 2.75 करोड़ हो जाएगा. इस फंड का 20 फीसदी वो निकाल सकता है. शर्त ये है कि फंड ढाई लाख रुपए या इससे कम है तो उसे पूरा निकाला जा सकता है. इससे ज्यादा है तो 20 फीसदी निकालकर बाकी के 80 फीसदी वार्षिकी खरीद करके उसपर प्रति माह, तिमाही, छमाही या सालाना रिटर्न (पेंशन के रूप में) ले सकता है. 20 फीसदी निकाले हुए पैसे पर 60 फीसदी तक का अमाउंट टैक्स फ्री है. बाकी पर टैक्स देना होगा.
चंडीगढ़ पीआईबी के मुताबिक अभिभावक की मृत्यु पर नया अभिभावक नियुक्त किया जा सकता है. माता-पिता दोनों की मृत्यु पर कानूनी अभिभावक बिना किसी अतिरिक्त योगदान के खाते को तब तक बनाए रख सकते हैं जब तक कि बच्चा 18 वर्ष का नहीं हो जाता. लाभार्थी की मृत्यु पर पूरा कोष अभिभावक को ट्रांसफर हो जाएगा.
लॉक-इन पीरियड के बाद भी निकाल सकते हैं पैसे
शिक्षा, कोई बीमारी या विकलांगता के लिए 3 साल की लॉक-इन अवधि के बाद अंशदान का 25 फीसदी निकाल सकते हैं. ये 25 फीसदी एक बार निकाल लें या तीन बार में निकाल लें. बच्चे की उम्र 18 साल होने के बाद ये पैसे नहीं निकाले जा सकते हैं.
कौन हैं इसके पात्र?
एनपीएस वात्सल्य योजना के पात्र कोई भी नाबालिग है जिसके पास पैन कार्ड और आधार कार्ड हो. आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए. योजना में न्यूनतम योगदान प्रति वर्ष 1,000 रुपये है. अधिकतम योगदान की कोई सीमा नहीं है. इस योजना में माता-पिता या अभिभावक पैसे जमा कर सकते हैं.
ये दस्तावेज हैं जरूरी
एनपीएस ट्रस्ट वेबसाइट के अनुसार एनपीएस वात्सल्य योजना का खाता खोलने के लिए नाबालिग का जन्म तिथि प्रमाण जैसे जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल का प्रमाण पत्र / मैट्रिकुलेशन प्रमाण पत्र, पैन और पासपोर्ट जो भी हो. अभिभावक का केवाईसी पहचान और पते का प्रमाण जैसे आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, नरेगा जॉब कार्ड और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर जो भी हो. यदि अभिभावक NRI है तो नाबालिग का एनआरई / एनआरओ बैंक खाता (एकल या संयुक्त) होना चाहिए.
कहां से ले सकते हैं इसकी सुविधा?
इस योजना को डाकघर, बैंक या ऑनलाइन घर बैठे शुरू कर सकते हैं. कैनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसी आई समेत कई बैंकों में ये सुविधा शुरू कर दी गई है.
यह भी पढ़ें:
जवानी में निवेश का ये मंत्र समझ लिया तो मौज में कटेगा बुढ़ापा, मिलेगी 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम
ADVERTISEMENT