HMPV से जुड़े ये 5 सवाल जिनके हर कोई जानना चाहता है जवाब, वायरस से कैसे बचें?

इस वायरस के लिए अब तक न तो कोई ख़ास एंटी वायरल दवा बनाई गई है और न ही कोई वैक्सीन ही है. डॉक्टरों का कहना है कि इसके लिए आम तौर पर सर्दी बुखार की दवाएं दी जाती हैं. लेकिन जिन्हें पहले से ही सांस की कोई बीमारी है उनमें ये वायरस परेशानी का कारण बन सकता है.

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News Tak Desk

07 Jan 2025 (अपडेटेड: 07 Jan 2025, 12:59 PM)

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HMPV वायरस- भारत में इस नाम के वायरस की आहट से हड़कंप मचा हुआ है. लेकिन क्या वाकई ये वायरस इतना घातक है? क्या ये वायरस आप हमारी उम्र वालों को हो रहा है? क्या लक्षण हैं इस वायरस के? क्या ये वायरस कोरोना जैसी त्राहि देश में मचा सकता है? ये वायरल फैलता कैसे है. आपको इन सभी सवालों के जवाब देंगे इस लेख में. 

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पहला बड़ा सवाल - क्या है HMPV वायरस?

सबसे पहले जान लें HMPV यानि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस. ये नाम हमने पहली बार जरूर सुना है लेकिन इस वायरस की उत्पत्ति आज से 200 से 400 साल पहले चिड़ियों से हुई थी. साइंस डाइरेक्ट नाम के पोर्टल के मुताबिक ये वायरस तब से अब तक खुद को बार-बार बदलता रहा है और अब ये वायरस चिड़ियों को संक्रमित नहीं कर सकता. अमेरिकी सरकार की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेन्शन यानी सीडीसी की मानें तो यो 2001 की बात है जब पता लगा कि ये वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकता है. 7 जनवरी तक भारत में 7 केस इस वायरस के दर्ज किए जा चुके हैं. डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज डॉ. अतुल गोयल ने बताया कि ये वायरस बाकी रेस्पिरेट्री वायरस जैसा ही है.

दूसरा बड़ा सवाल - क्या हैं HMPV वायरस के लक्षण?

इस वायरस में सबसे कॉमन लक्षण हैं खांसी और बुखार. यानि शुरु में आपके इसके लक्षण नार्मल लगेंगे. लेकिन इस वायरस का असर ज्यादा है तो निमोनिया और ब्रोंकाइटिस होना का भी खतरा हो सकता है. इस वायरस में देखिए क्या-क्या लक्षण देखने को मिल सकते हैं. खांसी, बुखार, नाक बहना, गला खराब होना, घरघराहट, सांस की तकलीफ, रैशेज. इसके लक्षण कोरोना के सिंप्टम्स से मेल खाते हैं, हालांकि दोनो वायरस अलग फैमिली का हिस्सा हैं.

तीसरा बड़ा सवाल - कैसे फैलता है HMPV वायरस? 

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक - खांसी और छींक के दौरान निकलने वाले थूक के कणों से ये वायरल फैलता है और लोगों को इन्फेक्ट करता है. हाथ मिलाने, गले मिलने या एक दूसरे को छूने से भी ये वायरस फैलता है. इस ऐसे समझिए कि अगर खांसी या छींक के कारण किसी जगह पर थूक के कण गिरे हैं और उस सतह पर आप हाथ लगाते हैं, और वही हाथ फिर मुंह चेहरे नाक आंख को छूते हैं तो भी ये वायरस आपको इन्फेक्ट कर सकता है.

चौथा बड़ा सवाल - कौन सी उम्र के लोग इस वायरस के टारगेट पर हैं? 

इस वायरस के सॉफ्ट टारगेट हैं बच्चे और बुजुर्ग. खासतौर जिन बच्चों की उम्र 5 साल से कम है. कोरोना वायरस बच्चों को ज्यादा शिकार नहीं बनाता था लेकिन HMPV वायरस छोटे बच्चों को और बुजुर्गों को ज्यादा चपेट में लेता है. उन लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है जिन्हें पहले से सांस की बिमारी है.

पांचवा बड़ा सवाल - कितना घातक है ये वायरस, कैसे बचना है?

भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉक्टर अतुल गोयल के मुताबिक एमएमपीवी वायरस संक्रमित व्यक्ति या अगर किसी को सर्दी ज़ुक़ाम है तो उससे दूरी बनाएं. साथ ही खांसते-छींकते वक्त मुंह पर रुमाल या कपड़ा रखें. खांसने और छींकने के लिए अलग रूमाल या तौलिए का इस्तेमाल करें, जिसे कुछ घंटों के बाद साबुन से धो दें. अगर आपको सर्दी ज़ुक़ाम है तो मास्क पहन कर रखें. घर पर रहें और आराम करें. अमेरिकी सरकार की सीडीसी के अनुसार साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड के लिए हाथ धोएं. अपने बर्तन, (कप, थाली या चम्मच) एक दूसरे के साथ साझा न करें.

इस वायरस के लिए अब तक न तो कोई ख़ास एंटी वायरल दवा बनाई गई है और न ही कोई वैक्सीन ही है. डॉक्टरों का कहना है कि इसके लिए आम तौर पर सर्दी बुखार की दवाएं दी जाती हैं. लेकिन जिन्हें पहले से ही सांस की कोई बीमारी है उनमें ये वायरस परेशानी का कारण बन सकता है. ऐसे में डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें.

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