'इंडिया आउट' का नारा चलाने वाले मालदीव को भारत ने क्यों दी 50 मिलियन डॉलर की मदद?

शुभम गुप्ता

21 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 21 2024 6:08 PM)

India-Maldives Relation: पिछले कुछ समय से भारत और मालदीव के रिश्तों में सुधार हुआ है. इस बीच भारत ने मालदीव के बुरे समय में उनकी बड़ी आर्थिक मदद की है.

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India-Maldives Relation: भारत का पड़ोसी देश मालदीव इन दिनों आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है. भारत ने इस संकट की घड़ी में एक बार फिर मदद का हाथ बढ़ाया है. भारत ने मालदीव को आपातकालीन वित्तीय सहायता देते हुए 50 मिलियन डॉलर के सरकारी ट्रेजरी बिलों की सदस्यता को एक साल के लिए बढ़ा दिया है. इस साल में ये भारत की और से मालदीव के लिए इस प्रकार की दूसरी बार की गई आर्थिक मदद है.

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भारत और मालदीव के बीच रिश्तों में पिछले कुछ समय से नरमी आई है. खासकर जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने "इंडिया आउट" अभियान शुरू किया था. इस अभियान के दौरान, मुइज्जू ने भारत से मालदीव में तैनात 85 से अधिक सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की थी. इसके बावजूद भारत ने अपने मालदीव को मदद देने का फैसला किया.

SBI ने किया 50 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिल का सब्सक्रिप्शन

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने मालदीव सरकार के अनुरोध पर 50 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिलों को फिर से सब्सक्राइब किया है. इससे पहले मई में भी SBI ने मालदीव की आर्थिक मदद की थी. यह सब्सक्रिप्शन मालदीव की आपातकालीन वित्तीय स्थिति को देखते हुए किया गया है.

भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति के तहत मदद

भारत ने अपनी 'पड़ोसी पहले' "Neighbourhood First" नीति के तहत मालदीव को जरूरी समुद्री पड़ोसी और भागीदार माना है. इसके चलते भारत ने मालदीव को आर्थिक संकट से उबारने के लिए लगातार सहायता दी है. इस साल की शुरुआत में भारत ने मालदीव के लिए जरूरी चीजों के इम्पोर्ट पर विशेष कोटा को भी बढ़ाया था.

मालदीव के पर्यटन मंत्री ने जताया आभार

मालदीव के पर्यटन मंत्री अहमद अदीब ने भारत की इस मदद पर आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह आर्थिक मदद दोनों देशों के बीच रिश्तों को और ज्यादा मजबूत करेगी और मालदीव के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी. बता दें कि मालदीव की इकॉनमी पर कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध का गंभीर प्रभाव पड़ा है.  मालदीव की पिछली सरकार ने भी भारत से कर्ज लिया था. मालदीव का अब कुल कर्ज 8 बिलियन डॉलर का हो गया है.

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