लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले चंद्रबाबू नायडू ने बड़े कष्ट भोगे. जगन मोहन रेड्डी के पास सरकारी जलवा था. पावर के जोर पर उन्होंने चंद्रबाबू नायडू को घोटाले के जाल में फंसा दिया. 371 करोड़ के कथित स्किल डेवलपमेंट घोटाले में जेल भिजवा दिया. बेटा, बहू, पत्नी, समर्थक कई दिनों तक सड़क पर बैठकर आंदोलन करते रहे. जगन मोहन रेड्डी ने सरकारी वकीलों के दम पर ऐसा चक्रव्यूह रचा कि जमानत तक नहीं ले पाए बाबू. 53 दिनों तक जेल में रहे. बड़ी मुश्किल से चुनाव से पहले हाईकोर्ट से जमानत पर रिहाई हुई. बाहर आकर चंद्रबाबू नायडू ने ऐसा चुनाव लड़ा कि सब पलट गया. जगन के हाथ से सत्ता चली गई. चंद्रबाबू नायडू के हाथ में आंध्र की सत्ता और केंद्र की सत्ता की चाबी आ गई.
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