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चुनाव हारने और सत्ता चले जाने के बाद जगन मोहन रेड्डी का दुख खत्म नहीं होता. दुख इतना कि आंध्र प्रदेश से उठकर दिल्ली के जंतर मंतर आकर बैठना पड़ गया. जिनसे 10 साल कोई वास्ता नहीं रखा उनसे समर्थन मांगना पड़ गया. एक तो एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हारे. ऊपर से चंद्रबाबू नायडू सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करके रोज नए-नए कहर बरपा रहे हैं. अटैम्ट टू मर्डर से लेकर करप्शन के केस लग चुके हैं. YSRCP का दावा चुनाव बाद हिंसा में उसके 31 कार्यकर्ता मारे गए. 35 जान देने के लिए मजबूर हुए. जगन मोहन रेड्डी को कंपनी देने इंडिया गठबंधन के नेताओं के पहुंचने से राजनीति पलटती दिख रही है.
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