Indian Immigrants Row: अमेरिका में अवैध रूप से घुसे भारतीयों को डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद वापसी शुरू हो गई है. बुधवार को पंजाब के अमृतसर में ऐसे ही 104 भारतीयों को लेकर अमेरिका सेना का विमान उतरा. इसमें सबसे ज्यादा गुजरात, हरियाणा और पंजाब के लोग अधिक हैं, जबकि अन्य दूसरे राज्यों के रहने वाले भी शामिल हैं.
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अमेरिका से 104 प्रवासी भारतीयों को लेकर यूएस मिलिट्री प्लेन C-17 बुधवार को अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचा. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका ने पहली बार इतनी बड़ी संख्या में भारतीयों को वापस भेजा गया है. ये लोग बुधवार दोपहर को अमृतसर एयरपोर्ट पर एक अमेरिकी मिलिट्री प्लेन C-17 से पहुंचे. इनमें से 30 लोग पंजाब के रहने वाले हैं. पंजाब पुलिस ने एयरपोर्ट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे. अमेरिका से लौटे 104 भारतीयों में 72 पुरुष, 19 महिलाएं और 13 बच्चे शामिल हैं.
अमेरिकी सैन्य विमान C-17 ग्लोबमास्टर बुधवार दोपहर 1:55 बजे अमृतसर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा. इस विमान में कुल 104 भारतीय नागरिक सवार थे, जिन्हें अमेरिका ने डिपोर्ट कर दिया है.
किस राज्य से कितने लोग?
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों में सबसे अधिक संख्या पंजाब, हरियाणा और गुजरात के लोगों की है. पंजाब से 30 लोग,
हरियाणा से 33 लोग, गुजरात से 33 लोग, महाराष्ट्र से 3 लोग, उत्तर प्रदेश से 3 और चंडीगढ़ से 2 लोग शामिल हैं.
'डंकी रूट' से पहुंचे थे अमेरिका
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ये सभी 104 लोग अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे. जानकारी के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर को अमेरिकी-मेक्सिको सीमा पर पकड़ा गया था. ये लोग "डंकी रूट" (Dunki Route) यानी गैरकानूनी रास्तों से अमेरिका पहुंचे थे. डंकी रूट का इस्तेमाल करने के लिए इन्हें दलालों को लाखों रुपये देने पड़े, लेकिन अमेरिका की सख्त आव्रजन नीति (Strict immigration policy) के चलते इन्हें वहां बसने का मौका नहीं मिला. अब इन्हें भारत वापस भेज दिया गया है.
क्या होता है डंकी रूट?
डंकी रूट यानी गैरकानूनी तरीके से विदेश जाने का रास्ता. इसमें लोग कई देशों से होते हुए गैरकानूनी रूप से अमेरिका, कनाडा या यूरोप में घुसने की कोशिश करते हैं. ये लोग टूरिस्ट वीजा या एजेंटों की मदद से लैटिन अमेरिका के किसी देश (जैसे ब्राजील, इक्वाडोर, पनामा, या मैक्सिको) तक पहुंचते हैं. वहां से जंगलों, नदियों और रेगिस्तानों के रास्ते पैदल चलकर अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर तक पहुंचते हैं. इसके बाद दलालों की मदद से अमेरिका में अवैध रूप से घुसने की कोशिश करते हैं.
यह सफर बेहद खतरनाक होता है. लोग जंगलों, समुद्रों और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरते हैं, जहां लूट, रेप, किडनैपिंग और जानलेवा बीमारियों का खतरा बना रहता है.
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ट्रंप के आने के बाद लागू हुई सख्ती
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से ही अवैध प्रवासियों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है. ट्रंप प्रशासन ने अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है. विशेषज्ञों के अनुसार, यह पहली बार है जब अमेरिका से इतने बड़े पैमाने पर भारतीयों को डिपोर्ट किया गया है.
भारत में कानूनी कार्रवाई नहीं
डिपोर्ट किए गए लोगों पर भारत में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी, क्योंकि उन्होंने भारत के किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है. वे कानूनी रूप से भारत से बाहर गए थे, लेकिन अमेरिका में अवैध रूप से घुसने की कोशिश के कारण उन्हें वापस भेजा गया है. हालांकि, अगर इन लोगों के पास पासपोर्ट उपलब्ध नहीं हैं, तो उनकी पहचान बायोमेट्रिक्स के जरिए की जाएगी.
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