MAP के भरोसे मौत का सफर, लापरवाही ऐसी कि पीट लेंगे सिर, Google का जवाब भी देख लीजिए

बृजेश उपाध्याय

27 Nov 2024 (अपडेटेड: Nov 27 2024 9:02 PM)

इसके लिए गूगल मैप तो जिम्मेदार है ही, लोक निर्माण विभाग सबसे बड़ा जिम्मेदार है. राहगीरों के लिए उन्होंने पुल नहीं बल्कि मौत का द्वार बना दिया. ताऊपर गूगल मैप ने उन्हें मौत के द्वार तक पहुंचने में मदद कर दी और दो परिवारों के चिराग बुझ गए.

तस्वीर: यूपी तक .

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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ये पुल कभी चालू था पर बाढ़ में एप्रोच रोड बहने से आवागमन बंद हो गया.

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मौैके पर दिखा कार के टायरों के निशान, युवकों को दिख गया था डेड एंड.

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हादसे के बाद प्रशासन ने लगाए संकेतक और बैरिकेडिंग करने के साथ दीवार भी बनवाई.

सफर करना कितना आसान हो गया है. किसी से पूछने और परेशान होने कि जरूरत नहीं है. गूगल से पूछ लीजिए. आपको सही रास्ता, बिना ट्रैफिक वाला रास्ता, शॉर्ट कट वाला रास्ता और कम दूरी और समय के साथ गंतव्य तक पहुंचने वाला रास्ता सेकेंडों में बता देगा. आपको प्रॉपर गाइड भी करेगा... पर गूगल मैप से गलती हो गई तो? ज्यादा से ज्यादा होगा कि आप भटक जाएंगे, लंबा रास्ता पकड़ लेंगे, गंतव्य तक पहुंचने में देर हो जाएगी या जाम में फंस जाएंगे. 

जी नहीं...एक संभावना और भी हो सकती है. आप मौत के मुंह में भी जा सकते हैं. ये जानकर हैरान मत होइए बल्कि बरेली की ये हाल में हुई घटना को जान लीजिए. मैप के भरोसे दो भाई और एक दोस्त सेकेंडों में मौत के मुंह में चले गए. वे गूगल मैप पर इतना भरोसा कर बैठे कि उन्हें वो डेड एंड तक ले गया. ऐसा डेड एंड जहां से मिली तो उनकी केवल लाश. 

इसके लिए गूगल मैप तो जिम्मेदार है ही, लोक निर्माण विभाग सबसे बड़ा जिम्मेदार है. राहगीरों के लिए उन्होंने पुल नहीं बल्कि मौत का द्वार बना दिया. ताऊपर गूगल मैप ने उन्हें मौत के द्वार तक पहुंचने में मदद कर दी और दो परिवारों के चिराग बुझ गए. अब मृतक युवकों के परिजन छाती पीट-पीटकर रो रहे हैं. कह रहे हैं कि काश लोक निर्माण विभाग उस अधूरे पुल पर कोई बैरिकेड लगा दिया होता. काश कि कोई संकेतक लगा दिया होता...काश कि गूगल मैप ऐसा रास्ता ही न बताता. इस काश के साथ वो वक्त दर वक्त इस दर्द के साथ जीने को मजबूर हो चुके हैं.

यूपी तक मौके पर पहुंचा तो सामने आया ये सच

यूपी तक जब लोक निर्माण विभाग की तरफ से तैयार उस आधे-अधूरे पुल (मौत के द्वार) तक पहुंचा तो सामने आई उन युवकों की नाकामयाब कोशिश. वो पुल को खत्म हो चुका देख चुके थे पर कार की रफ्तार को रोक पाने में नाकाम हो गए. कार के पहिए पुल पर सरकते गए और वे मौत के आगोश में चले गए. पुल पर न कोई संकेतक था न ही बैरिकेड. रास्ता ऐसा कि रफ्तार भी हो जाएगी शानदार. 

स्थानीय लोगों ने बताई चौंकाने वाली बातें

एक स्थानीय निवासी ने हादसे के बाद लगे बोर्ड की तरफ इशारा करते हुए कहा- यह बोर्ड कल ही लगा है. पहले कुछ ऐसा नहीं था. 2021 से दिखा रहा है कि यह पुल चालू है. 2023 में 2 महीने के लिए पुल चालू हुआ.स्थानीय निवासी  अरेंद्र  ने बताया कि यह मिट्टी कल ही (हादसे के बाद) पड़ी है. कट भी कल ही बंद किया गया है. 6 साल हो गया है... ये पुल इंटरनेट पर चालू दिखा रहा है, लेकिन चालू हुआ नहीं है. सरकार की लापरवाही है. जब पुल बन रहा था तब एक बार दीवार बनाई थी जो बाद में हटा ली गई. 

साल 2020 में बनना शुरू हुआ था ये पुल 

बरेली से बदायूं से जोड़ने के लिए सेतु निगम ने इस पुल का निर्माण 2020 में करना शुरू किया था. करीब 40 करोड़ रुपए की लागत से 667 मीटर लंबे पुल का निर्माण 2021 में हो गया. साल 2021 में सेतु निगम ने इस पुल  को पीडब्ल्यूडी को हैंड ओवर भी कर दिया. पुल  का एप्रोच रोड पीडब्ल्यूडी को बनाना था, लेकिन ये नहीं बना. फाइल अटकी रही. फरवरी 2023 में 2 किलोमीटर एप्रोच रोड का निर्माण का कराया गया, लेकिन रामगंगा नदी में बाढ़ आने के कारण जुलाई-अगस्त महीने में एप्रोच रोड का लगभग 200 मीटर हिस्सा बाढ़ के पानी में बह गया. धीरे-धीरे एप्रोच रोड का एक बहुत बड़ा हिस्सा रामनगर नदी के पानी में बह  गया.  

हादसे के बाद पुल पर लगी रोक

 खल्लरपुर गांव में रामगंगा नदी पर बने आधे-अधूरे पुल पर 24 नवंबर की सुबह एक कार आई और नदी के सूखे हुए हिस्से में गिर गई. इसमें दो भाई अमित और विवेक के अलावा इनके दोस्त कौशल की दर्दनाक मौत हो गई. ये सभी शादी कार्यक्रम में जा रहे थे. इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने पुल पर अस्थाई रूप से दीवार बना दी. बोर्ड (आगे रास्ता बंद है) लगाया गया और मिट्‌टी का ढेर लगाकर पुल की आवाजाही को रोक दिया गया. 

 इनपर दर्ज हुआ मुकदमा 

हादसे  के बदायूं प्रशासन की तरफ से दातागंज के नायब तहसीलदार ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया है.  इसमें सहायक अभियंता मोहम्मद आरिफ, अभिषेक कुमार सहायक अभियंता, अपर अभियंता संजय गंगवार, अपर अभियंता महाराज सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया. इसके अलावा आरोप लगाया गया कि यहां ईट की एक पतली दीवार बनाई गई थी जिसे अज्ञात लोगों ने तोड़ दी. इसपर अज्ञात ग्रामीणों पर भी  मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है.  

गूगल का जवाब भी आ गया

बीबीसी हिंदी में प्रकाशित खबर के मुताबिक  गूगल के अधिकारियों को कसूरवार माना गया है पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है. बीबीसी हिंदी को गूगल के जिम्मेदार ने ईमेल पर जवाब दिया कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे और उन्हें हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति सहानुभूति है. 

बता दें कि  गूगल मैप के भरोसे दिल्ली से बरेली के एक गांव में शादी समारोह में शामिल होने के लिए तीन युवक बरेली आ रहे थे, गूगल मैप के भरोसे चल रही उनकी गाड़ी बरेली में अधूरे पुल पर चली गई और गाड़ी पुल से नीचे गिर गई. हादसे के बाद नायब तहसीलदार की तरफ से मुकदमा भी दर्ज कराया गया और अब पुल को भी बंद कर दिया गया है.

यहां देखें Video

इनपुट : कृष्ण गोपाल राज, यूपी तक. 

मैप के भरोसे चले शादी अटेंड करने, मैप ने पहुंचाया आधे-अधूरे पुल पर और कार नदी में जा गिरी
 

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