मध्य प्रदेश की बेटी आयुषी बंसल ने UPSC CSE 2024 में AIR-7 हासिल कर टॉप 10 में अपनी जगह बनाई है. यह उनका तीसरा प्रयास था जिसमें वे सफल हुईं. बचपन में ही पिता का साया सिर से उठने के बाद उनकी मां ने घर की सारी जिम्मेदारियां संभालीं. आयुषी ने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद IIT कानपुर में दाखिला लिया, जहां उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने दो नामी कंपनियों में नौकरी की, लेकिन मन नहीं लगने के कारण उन्होंने नौकरी छोड़ दी और सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की.
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अपने पहले प्रयास में UPSC CSE 2022 में उन्होंने 188वीं रैंक हासिल की, जिसके साथ उनका चयन IPS के लिए हुआ. इसके बाद दूसरे प्रयास में उन्होंने 97वीं रैंक प्राप्त की, लेकिन IAS बनने का उनका सपना अधूरा रहा. तीसरे प्रयास में उन्होंने AIR-7 हासिल कर अपने IAS बनने के सपने को पूरा किया. वर्तमान में आयुषी IPS अधिकारी के रूप में ट्रेनिंग कर रही हैं.
सिविल सेवा का जुनून
चहल एकेडमी को दिए मॉक इंटरव्यू में आयुषी ने बताया कि उन्होंने मैकेंजी में 10 महीने तक बैंकिंग और खनन जैसे क्षेत्रों में काम किया, लेकिन उनका मन समाज सेवा में लगा. वे कहती हैं, "आईआईटी में मैंने कई नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाईं. मुझे परियोजनाओं को लागू करने में मजा आया, जिसने मुझे सिविल सेवा की ओर प्रेरित किया." वे समाज के लिए काम करना चाहती हैं और मानती हैं कि सिविल सेवा उन्हें यह मौका देगी.
आर्थिक संकटों पर गहरी समझ
आयुषी ने 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट और हाल के सिलिकॉन वैली बैंक पतन की तुलना की. वे कहती हैं, "2008 में गलत धारणा थी कि बंधक ऋण सुरक्षित हैं, जबकि सिलिकॉन वैली बैंक ने यूएस ट्रेजरी बांड को सुरक्षित माना, जो गलत साबित हुआ." भारतीय बैंकों के बारे में वे कहती हैं, "हमारे पास भारतीय रिजर्व बैंक के सख्त नियम हैं, जैसे नकद आरक्षित अनुपात, जो हमें ऐसे संकटों से बचाते हैं."
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महिला सशक्तिकरण और सामाजिक बदलाव
समाजशास्त्र की छात्रा आयुषी मानती हैं कि सामाजिक बदलाव समाज से ही शुरू होना चाहिए. वे कहती हैं, "कानून बदलाव ला सकता है, लेकिन संसद को यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए." समलैंगिक विवाह पर वे कहती हैं, "विवाह सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि साहचर्य और कानूनी अधिकारों का भी मसला है. एलजीबीटी समुदाय को भी बराबर हक मिलना चाहिए." वे ग्रामीण महिलाओं के लिए पुलिस तक पहुंच आसान करने के लिए जागरूकता और महिला पुलिस अधिकारियों की संख्या बढ़ाने की वकालत करती हैं.
हिंदी सिनेमा और सामाजिक मुद्दे
आयुषी को हिंदी सिनेमा में सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्में पसंद हैं. वे 'पैडमैन' और 'तारे जमीं पर' जैसी फिल्मों की तारीफ करती हैं, जो मासिक धर्म और डिस्लेक्सिया जैसे विषयों को संवेदनशीलता से दिखाती हैं. वे कहती हैं, "ये फिल्में लोगों के दिलों तक पहुंचती हैं और जागरूकता फैलाती हैं."
पर्यावरण और विकास में संतुलन
आयुषी ने आदिवासी गांव में सड़क निर्माण के सवाल पर पर्यावरण और विकास के बीच संतुलन की बात की. वे कहती हैं, "सड़क बनाना जरूरी है ताकि गांव वालों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, लेकिन वन क्षेत्र की कटाई की भरपाई पास में पेड़ लगाकर की जा सकती है."
तकनीक और पर्यावरण
इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयुषी कहती हैं, "लंबी अवधि में ये सस्ते हैं, लेकिन चार्जिंग ढांचे और सीमित रेंज चुनौतियां हैं." इथेनॉल मिश्रण पर वे कहती हैं, "20% इथेनॉल का लक्ष्य खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखकर है, क्योंकि ज्यादा इथेनॉल से चीनी उत्पादन प्रभावित हो सकता है."
भारत को वैश्विक मंच पर चमकाने का सपना
आयुषी भारत को वैश्विक मंच पर एक जिम्मेदार और मजबूत देश के रूप में देखती हैं. वे कहती हैं, "भारत को स्ट्रीट फूड जैसे सांस्कृतिक खजानों को दुनिया तक ले जाना चाहिए. सरकार को खाद्य केंद्र बनाकर और साफ-सफाई पर ध्यान देकर इसे बढ़ावा देना चाहिए."
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