दिल्ली की सर्दी को इस बार प्रदूषण रहित करने के लिए नई आतिशी सरकार ने अभी से कमर कस ली है. दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान का ऐलान कर दिया. दिल्ली सरकार का कहना है कि वे इसे सख्ती से लागू करेगी. इस प्लान में फिर वाहनों के लिए ऑड-ईवन लागू होने की बात कही गई है. साथ ही ऑफिसेज में काम करने वालों के लिए वर्क फ्रॉम होम मोड को प्रोत्साहन देने की भी बात है. ज्यादा प्रदूषण बढ़ने पर कृत्रिम बारिश भी कराई जा सकती है.
ADVERTISEMENT
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पिछले वर्षों में दिल्लीवासियों और संबंधित विभागों की मेहनत से प्रदूषण के स्तर में लगभग 34.6 फीसद की कमी आई है. उन्होंने बताया कि इस बार भी विंटर एक्शन प्लान के तहत दिल्ली में हॉट स्पॉट के प्रदूषण की निगरानी पहली बार ड्रोन से करने की तैयारी है. प्रदूषण की निगरानी और उसे रोकने के लिए 6 सदस्यीय स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है.
ऑड-ईवन और कृत्रिम बारिश भी
गोपाल राय ने कहा कि आपातकालीन उपाय के रूप में ऑड-ईवन और कृत्रिम वर्षा को फोकस में रखा गया है. प्रदूषण बढ़ने पर सख्ती से ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू किया जाएगा. केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर काम किया जाएगा. इस बार दिल्ली के 5,000 एकड़ से अधिक खेतों में बायो डी-कंपोजरत का निशुल्क छिड़काव होगा. निर्माण साइटों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी. खुले में कचरा नहीं जलने दिया जाएगा.
गोपाल राय ने कहा कि पिछले कुछ सालों में प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई है. दिल्ली सरकार के 10 ऐतिहासिक प्रयासों के कारण प्रदूषण के स्तर में 34.6 फीसद की कमी आई है. 2016 में जहां 243 दिन प्रदूषण के थे, वहीं 2023 में यह घटकर 159 दिन रह गए हैं.वर्ष 2013 में दिल्ली का हरित क्षेत्र 20 फीसद था, जो 2021 में बढ़कर 23.06 फीसद हो गया है. देश के बड़े शहरों में आज सबसे ज्यादा ग्रीन कवर दिल्ली में है.
बिजली कटने पर पहले चलते थे जेनरेटर- गोपाल राय
मंत्री गोपाल राय ने आगे कहा- आज दिल्ली देश का अकेला ऐसा शहर है जहां कोयला आधारित कोई थर्मल पावर प्लांट नहीं है. पहले दिल्ली में बिजली कटौती के बाद लोगों को जेनरेटर चलाने पड़ते थे, लेकिन अब 24 घंटे बिजली है.दिल्ली में 1959 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं, जिन्हें अब प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन से हटाकर पाइप नेचुरल गैस पर शिफ्ट कर दिया गया है. फिलहाल दिल्ली में 7545 बसें चल रही हैं, जिनमें से 1975 इलेक्ट्रिक बसें हैं. अब तक दिल्ली में 3,21,132 ई-वाहन पंजीकृत हो चुके हैं.
ADVERTISEMENT