99 फीसदी बैटरी वाले EVM ने हरियाणा में कांग्रेस को हराया? इस आरोप पर आ गया चुनाव आयोग का जवाब

बृजेश उपाध्याय

15 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 16 2024 8:46 AM)

हाल ही में हरियाणा में मतगणना के दौरान एग्जिट और ओपिनियन पोल के इतर बीजेपी के नंबर अच्छे आने पर कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाए हैं. कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि जहां EVM की बैट्री 99% थी वहां पार्टी को हराने वाले नतीजे आए. वहीं, जिन मशीनों को नहीं छेड़ा गया और जिनकी बैट्री 60%-70% थी, वहां कांग्रेस जीत गई.

तस्वीर: न्यूज तक.

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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चुनाव आयोग ने बताया ईवीएम की बैटरी कैसी होती है और कैसे यूज होती है.

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ईवीएम की सुरक्षा पर भी आयोग ने बताया एक लंबा प्रोसीजर.

हरियाणा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस पार्टी ने 20 विधानसभाओं में ईवीएम की बैटरी को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की है. इधर आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव की घोषणा के मौके पर इसका जवाब भी दे दिया. चुनाव आयोग ने ईवीएम को लेकर पूरा प्रोसेस बताया और कहा कि जिस पार्टी ने हमसे पूछा है, उसका बहुत ही इज्जत और सम्मान के साथ हम अपना जवाब देंगे. इस जवाब का F&Q भी बनाएंगे और इस पूरी डिटेल को वेबसाइट पर भी डालेंगे. 

हाल ही में हरियाणा में मतगणना के दौरान एग्जिट और ओपिनियन पोल के इतर बीजेपी के नंबर अच्छे आने पर कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाए हैं. कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि जहां EVM की बैट्री 99% थी वहां पार्टी को हराने वाले नतीजे आए. वहीं, जिन मशीनों को नहीं छेड़ा गया और जिनकी बैट्री 60%-70% थी, वहां कांग्रेस जीत गई.

चुनाव आयोग में इन 20 सीटों को लेकर की गई शिकायत

कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग में नारनौल, करनाल, डबवाली, रेवाड़ी, होडल, कालका, पानीपत सिटी, इंद्री, बड़खल, फरीदाबाद NIT, नलवा, रनिया, पटौदी (SC), पलवल, बल्लभगढ़, बरवाला, उंचाकलां, घरौंदा, कोसली, बादशाहपुर सीटों को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. 

चुनाव आयोग ने दिया ये जवाब

महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के तारीखों के ऐलान के मौके पर एक सवाल का जवाब मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा- 20 शिकायतें आई हैं. हर 20 शिकायत का हम इंडिविजुअल जवाब देंगे. हम कैंडिडेट को लिखकर विस्तार से बताएंगे. ये हमारी ड्यूटी है. हम उसे आयोग की वेबसाइट पर पब्लिश भी करेंगे.

बैटरी को लेकर आयोग ने बताया ये प्रोसीजर

राजीव कुमार ने बताया- वोटिंग के 5-6 दिन पहले कमिशनिंग होती है. उस दिन ईवीएम सिंबल पड़ते हैं. उसी दिन बैटरी डाली जाती है. उसी दिन बैटरी पर भी एजेंट के दस्तखत होते हैं. कमिशनिंग के बाद एजेंट के सामने ईवीएम स्ट्रॉन्ग रुम में भेजा जाता है. उसके बाद डबल लॉक लगता है. तीन लेयर की सिक्योरिटी रहती है. ऑब्जर्वर भी रहते हैं. 

ईवीएम पोलिंग वाले दिन निकली है और डिस्ट्रीब्यूट होती है. इस पूरे प्रोसेस की वीडियोग्रॉफी होती है. फिर ये फील्ड में पहुंचाई जाती है. वहां सेक्टर मजिस्ट्रेट, कैंडिडेट के एजेंट साथ में रहते हैं. फिर कहा जाता है कि देख लो सब ठीक है? ईवीएम के नंबर सबको शेयर किए जाते हैं. फिर बूथ पर जाने के बाद कहा जाता है कि नंबर मिला लो. ये भी कहा जाता है कि वोट डालकर देख लो 50 ठीक है कि नहीं. 

चेक करने के दौरान भी बैटरी होती है यूज

राजीव कुमार ने बताया कि ईवीएम चेक करते समय भी बैटरी यूज होती है. कहीं ज्यादा वोट डालकर चेक किया जाता है तो कहीं कम. फिर पूरे दिन वोटिंग होती है. फिर बंद होने के बाद ऑफ पोल में फिर से दस्तख कराए जाते हैं. फिर से हिसाब लगाया कितने वोट पड़े. फिर से फॉर्म 17 सी दिया जाता है. इसके बाद फिर स्ट्रॉन्ग रुम में बंद किया जाता है. फिर काउंटिंग के दौरान एक बैरिकेडिंग लगाई जाति है ताकि ईवीएम मिक्सअप न हो. काउंटिंग में पहुंचने के बाद भी ईवीएम का मिलान फॉर्म 17सी से कराया जाता है. 

ईवीएम बिल्कुल सेफ है- चुनाव आयोग

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा- ईवीएम बिल्कुल सेफ है. आप 15-20 चुनाव देख लीजिए. ऐसा नहीं हो सकता कि जब पसंद का रिजल्ट न आए तब ही गलत हो. लोग ये भी आरोप लगाते हैं कि पेजर हैक हो सकता तो ईवीएम क्यों नहीं? दरअसल पेजर कनेक्टेड होता पर ईवीएम नहीं. बहुत सारी बातें आती हैं. पहले भी बहुत सारी चीजें आयीं. ये हैक हो सकता है. उसका वोट इधर डाला तो उधर जा सकता है. ये पहली बार आया है (बैटरी वाली बात). अब ये सोच रहे हैं इसके आगे क्या आएगा. हम नहीं समझ पा रहे हैं कि अगला क्या आएगा पर अगला भी कुछ न कुछ आएगा, ये रुकेगा नहीं. 

बैटरी के सवाल पर बोले चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा- ईवीएम में यूज होने वाली बैटरी सिंगल यूज है. इसे डालने के बाद 5-7 दिन के लिए इस्तेमाल होती है. ये कैलकुलटर की बैटरी की तरह ही है. कैलकुलेटर में बैटरी डाऊन होने पर आपको सिग्नल नहीं दिखाता. जब ये सीधे बंद होता है तो आपको पता चलता है. 

हमने ईवीएम की बैटरी को लेकर प्रोविजन बनाया हुआ है. जब ये इनीशियली शुरू होगा तो इसकी दो चीजें होंगी एक परसेंटेज ऑफ चार्ज और दूसरा आउटपुट यानी वोल्टेज. 7.4-8 वोल्टेज होने पर ये परफेक्ट है. यानी 'गो अहेड'. कमिशनिंग के समय भी मॉक पोल की जरूरत है. नंबर ऑफ कैंडिडेट्स भी अलग-अलग हैं. जब भी वोल्टेज 7.4 से नीचे आएगी तो ये एक्चुअल दिखाना शुरू कर देगी. जब 5.8 पर आएगी तो ये सिग्नल देगी कि बंद होने वाली है. इसे रिप्लेस कर दीजिए.

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