थायराइड को ठीक करने का मिल गया ट्रिक, किन बातों से रहना चाहिए सावधान, यहां जानिए

राजू झा

12 Nov 2024 (अपडेटेड: Nov 12 2024 11:32 AM)

Doctor Sahab: Thyroid (थायराइड) की समस्याएं क्यों बढ़ रही है? इससे जुड़ी हर एक पहलू पर बातचीत, कैसे पाएं छुटकारा? मुख्य कारण, कैसे इससे बचा जा सकता है? आज की इस खास रिपोर्ट में समझिए.

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Doctor Sahab: न्यूज़ तक का नया शो "डॉक्टर साहब" दर्शकों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए शुरू किया गया है. इस शो में अनुभवी डॉक्टरों को बुलाकर हेल्थ से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की जाती है.  जिससे दर्शकों को आसान भाषा में काम की जानकारी मिल सके.

इस खास एपिसोड में, हम थायराइड (Thyroid) की समस्या पर बात करेंगे. और समझेंगे कि Thyroid (थायराइड) की समस्याएं क्यों बढ़ रही है? इससे जुड़ी हर एक पहलू पर बातचीत, कैसे पाएं छुटकारा? मुख्य कारण, कैसे इससे बचा जा सकता है? आज की इस खास रिपोर्ट में हमने अमेरिका के पेन्सिलवेनिया (Pennsylvania) से डॉ.रवि गोडसे से बात की है. वे Pennsylvania Medical Consultation के President हैं.

सवाल: भारत में थायराइड की समस्या क्यों बढ़ रही है और यह किस एज कैटेगरी को सबसे अधिक प्रभावित कर रही है?

जवाब: डॉक्टर रवि गोडसे के अनुसार, भारत में थायराइड समस्याओं के बढ़ने का एक कारण यह है कि अब थायराइड के लिए टेस्टिंग अधिक हो रही है. इससे पहले इतनी टेस्टिंग नहीं होती थी. इससे पहले लोग इस बीमारी से अनजान रहते थे. अब थायराइड की समस्या 12 से 15 साल की उम्र के बच्चों में भी देखी जा रही है, जो पहले बुजुर्गों में अधिक देखी जाती थी. टेस्टिंग में TSH (थायराइड स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन) लेवल का असामान्य होना भी एक मुख्य कारण हो सकता है. यह स्थिति हाइपोथायरॉइडिज्म (थायराइड हॉर्मोन की कमी) और हाइपरथायरॉइडिज्म (थायराइड हॉर्मोन की अधिकता) दोनों में देखी जा सकती है.

सवाल: थायराइड की जांच और उसके मेजर सिम्टम्स क्या हैं?

जवाब: थायराइड की जांच TSH टेस्ट के जरिए होती है, जो यह संकेत देता है कि शरीर में थायराइड हॉर्मोन का स्तर कितना है. हाइपोथायरॉइडिज्म में TSH लेवल अधिक होता है, जबकि हाइपरथायरॉइडिज्म में यह कम होता है. हाइपोथायरॉइडिज्म के प्रमुख लक्षणों में थकान, वजन बढ़ना, ठंड सहन न कर पाना, नींद ज्यादा आना, और महिलाओं में मेंस्ट्रुअल साइकिल में गड़बड़ी शामिल हैं. हाइपरथायरॉइडिज्म के लक्षणों में काफी ज्यादा एनर्जी, गर्मी सहन न करना, वजन कम होना, और दिल की धड़कन का तेज होना शामिल है. लक्षणों के आधार पर डॉक्टर TSH के साथ T3 और T4 हॉर्मोन की जांच करते हैं ताकि थायराइड की स्थिति का सही पता चल सके.

सवाल: थायराइड का इलाज कैसे किया जाता है और क्या कोई एहतियात बरतनी चाहिए?

जवाब: थायराइड का इलाज इस पर निर्भर करता है कि मरीज हाइपोथायरॉइडिज्म या हाइपरथायरॉइडिज्म से पीड़ित है. हाइपोथायरॉइडिज्म में थायराइड हॉर्मोन की कमी होने पर डॉक्टर थायरॉक्सिन हॉर्मोन की दवाई देते हैं, जिससे TSH का स्तर सामान्य हो जाता है. हाइपरथायरॉइडिज्म का इलाज दवाओं से किया जाता है, जो थायराइड हॉर्मोन को कंट्रोल करता है. डॉक्टर ने यह भी सलाह दी कि जो लोग थायराइड के मरीज नहीं हैं, उन्हें अनावश्यक जांच से बचना चाहिए. केवल आवश्यक होने पर ही डॉक्टर्स के मशवरा से थायराइड जांच करानी चाहिए.

यहां देखिए पूरी बातचीत

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