Harshita Goyal Exclusive Interview: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2024 में ऑल इंडिया रैंक 2 हासिल करने वाली हर्षिता गोयल ने अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए बताया कि यह सिर्फ उनकी मेहनत नहीं, बल्कि पूरे परिवार का सपना और समर्थन है.
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जब उनसे फैमिली सपोर्ट और बैकग्राउंड को लेकर सवाल किया गया तो हर्षिता ने कहा,
फैमिली में तो मैं पहली हूं जो सिविल सर्विस में आई हूं और क्रैक किया है और मेरी फैमिली का भरपूर सपोर्ट था. एस्पेशली मेरे पापा का. आह मेरी मम्मा नहीं है तो पापा ने पूरा घर संभाला है, मेरा छोटा उसको संभाला है, दादा-दादी को संभाला है और मुझे बस इतना कहा है की बेटा तू जाके पढ़ाई कर, अपना सपना अचीव कर.
उन्होंने आगे कहा, "मेरे पापा का बहुत ज्यादा सपोर्ट रहा है और मेरे यहां पे फ्रेंड्स का बहुत सपोर्ट रहा है. पीपा ने इकोसिस्टम प्रोवाइड किया, जहां पे मेरे फ्रेंड्स के सपोर्ट की मदद से मैं कर पाई. तो ओवरऑल सबकी मदद से मैं क्रैक कर पाई हूं.
जब उनसे पूछा गया कि UPSC में जुड़ने के बाद उनका क्या टारगेट रहेगा, तो हर्षिता ने साफ कहा,
"मैं IAS बनना चाहती थी और मेरा गोल यही था कि मैं लोगों के लिए कैसे उनकी लाइफ बेटर बना सकूं. मेरा स्पेशल फोकस रहेगा औरतों की लाइफ को बेहतर करना, उनको अपलिफ्ट करना, ताकि मैं एक इंस्पिरेशन बन सकूं, जिससे वो भी आगे आएं और अपने परिवार का नाम रोशन कर पाएं."
सिर्फ महिलाएं ही नहीं, बल्कि स्लम क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के लिए भी उनके दिल में खास जगह है. साथ ही में जो बच्चे हैं जो स्लम्स में रहते हैं, जिनके पास अपॉर्च्युनिटीज नहीं होती, बेसिक एमेनिटीज नहीं होती, एजुकेशन का स्कोप नहीं होता, उनके लिए मैं कैसे एक ब्रिज की तरह काम कर सकती हूं. गवर्नमेंट ने जो भी सुविधाएं दी हैं, उनको कैसे लोगों तक पहुंचा सकती हूँ, वो सब चीजों में मेरा योगदान रहेगा.
हर्षिता मानती हैं कि महिलाओं में बहुत ताकत होती है लेकिन समाज की बंदिशें उन्हें रोकती हैं
एएनआई से बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं में बहुत ज्यादा ताकत होती है, लेकिन एक पैट्रियार्चल सोसाइटी है जहां काफी सारे प्रॉब्लम्स होते हैं जिसकी वजह से महिला अपने आपको आगे नहीं रख पाती है. और मैं यही चाहूंगी कि यही जो टबू है उसको मैं ब्रेक कर पाऊं और महिलाओं को प्रोत्साहन कर पाऊं.
उन्होंने अपने पापा को प्रेरणा बताते हुए कहा,
"मेरी सफलता का कारण भी सिर मेरे पापा हैं, तो ऐसे ही मैं सबको इंस्पायर करना चाहूंगी."
जब पढ़ाई और रिसोर्सेस को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने बताया:
मैंने मेरा जो फाउंडेशन कोर्स था वो विजन IAS से किया था, वो मेरा बेसिक था. उसके बाद मेन्स के लिए मैंने टेस्ट सीरीज ली थी. यहां अहमदाबाद में सिम्बायोसिस IAS है विवेक ठाकुर सिर का, तो उनकी मैंने मेन्स की टेस्ट सीरीज की थी. और इंटरव्यू में काफी सारे क्लास के मॉक इंटरव्यूज किए थे.
साथ ही सेल्फ स्टडी और ग्रुप डिस्कशन को भी उन्होंने अहम बताया, बाकी स्टूडेंट्स के साथ जो डिस्कशंस होते हैं वो भी काफी ज्यादा फ्रूटफुल होते हैं.
अपना विजन साझा करते हुए उन्होंने कहा,
हमारे हॉनरेबल प्राइम मिनिस्टर का एक विजन है कि वो विकसित भारत की तरफ बढ़ रहे हैं. तो मेरा यही गोल रहेगा की मैं उसमें अपना एक पॉजिटिव कंट्रीब्यूशन कर पाऊं. यह जो अथॉरिटी मुझे सिविल सर्विस प्रोवाइड करेगी, फॉर द सर्विस ऑफ द पीपल, मैं उसको यूज कर पाऊं इन आ होनेस्ट एंड ज्यूडिशियल मैन. तो यही मेरा गोल रहेगा हर एक स्टेप पे.
यहां देखें पूरा इंटरव्यू:
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