HKU5-CoV-2 Virus: कोरोना वायरस जैसी महामारी का जन्मदाता कहलाने वाला चीन एक बार फिर चर्चा में है. चीन की वुहान लैब में एक नया वायरस मिला है, जिसका नाम HKU5-CoV-2 है. यह वायरस अभी सिर्फ जानवरों में पाया गया है, लेकिन वैज्ञानिकों को डर है कि यह इंसानों में भी फैल सकता है. अगर ऐसा हुआ, तो दुनिया एक बार फिर लॉकडाउन और घरों में कैद होने की स्थिति झेल सकती है. आइए जानते हैं कि यह नया वायरस क्या है और कितना खतरनाक हो सकता है.
ADVERTISEMENT
HKU5-CoV-2: नया वायरस क्या है?
चीन की वुहान लैब में खोजा गया यह वायरस अभी चमगादड़ों में मिला है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इसमें कोविड-19 के वायरस SARS-CoV-2 जैसा ही ह्यूमन रिसेप्टर है, जो इसे इंसानों के लिए खतरनाक बन सकता है. इसकी स्टडी शी झेंगली ने की, जो "बैटवुमन" के नाम से मशहूर हैं. उनकी टीम में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, गुआंगजौ लैब, और वुहान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक शामिल थे. यह रिसर्च 18 फरवरी 2025 को सेल जर्नल में छपी.
क्या यह वायरस कोविड जैसा है?
रिसर्च में पता चला कि HKU5-CoV-2 इंसानों की कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है. यह चमगादड़ों के अलावा कई जानवरों को भी बीमार कर सकता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह जानवरों से इंसानों में फैल सकता है, जैसा कोविड-19 के साथ हुआ था. हालांकि, यह कोविड जितना तेजी से इंसानों को नहीं पकड़ता. यह वायरस MERS (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) परिवार से जुड़ा है, जो पहले भी खतरनाक साबित हो चुका है.
कोरोना से कितना खतरनाक है ये वायरस
HKU5-CoV-2 वायरस चमगादड़ों में पाया गया है और वैज्ञानिकों का कहना है कि यह उसी रिसेप्टर का इस्तेमाल करता है, जिसके जरिए कोविड-19 इंसानों में फैला था. इस खोज से दुनियाभर में चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि यह वायरस MERS (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) से जुड़े वायरस परिवार का हिस्सा है, जो बेहद खतरनाक माना जाता है. MERS की मृत्यु दर लगभग 36% रही है, जबकि कोविड-19 की मृत्यु दर इससे काफी कम थी.
हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि HKU5-CoV-2 इंसानों को कितना प्रभावित कर सकता है या यह महामारी बनने की क्षमता रखता है या नहीं. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वायरस अभी चमगादड़ों तक सीमित है, लेकिन अगर यह इंसानों में फैलने की क्षमता विकसित कर लेता है, तो यह कोविड-19 से ज्यादा खतरनाक हो सकता है. इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ और थकान शामिल हो सकते हैं, जो कोविड-19 और MERS से मिलते-जुलते हैं.
चीन के वैज्ञानिक क्यों हैं परेशान?
इस वायरस के चमगादड़ से इंसानों में आने का खतरा ज्यादा है. भले ही यह अभी इंसानों में नहीं फैला, लेकिन इसकी संभावना ने चीनी वैज्ञानिकों को सतर्क कर दिया है. वे इस पर नजर रख रहे हैं ताकि कोई बड़ा खतरा आने से पहले रोका जा सके. अगर यह वायरस फैलता है, तो दुनिया फिर से मुश्किल में पड़ सकती है.
इस खोज ने कोविड-19 की शुरुआत को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA ने दावा किया था कि कोविड-19 लैब से लीक हुआ था, न कि प्राकृतिक रूप से फैला. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसे "चीनी वायरस" कहते थे. लेकिन चीन इन बातों को खारिज करता रहा है. अब HKU5-CoV-2 की खोज ने इस बहस को और हवा दे दी है.
HMPV: बच्चों के लिए खतरा
कोविड-19 के 5 साल बाद चीन में HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) भी फैला था. इसके लक्षण कोविड जैसे ही थे- खांसी, बुखार, नाक बंद होना. यह वायरस खासकर 2 साल से छोटे बच्चों को निशाना बना रहा था. इसके साथ ही इन्फ्लुएंजा ए और माइकोप्लाज्मा निमोनिया के मामले भी बढ़े थे. MERS की HKU5 श्रेणी के लक्षण बुखार, खांसी, थकान, कंजेशन, छींकना, ठंड लगना, भूख न लगना, सांस लेने में तकलीफ, दस्त और उल्टी हैं.
वायरस से बचाव के लिए क्या करें?
हालांकि अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि यह वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकता है, लेकिन रोग नियंत्रण केंद्र का कहना है कि हर व्यक्ति को हमेशा टीकाकरण करवाते रहना चाहिए. संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए जैसे कि हाथों को अच्छी तरह धोना, मास्क पहनना और किसी अन्य जोखिम के लिए जांच करवाना शामिल है.
ADVERTISEMENT