Prayagraj Mahakumbh 2025: आईआईटी से एयरो स्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अभय सिंह हरियाणा के हिसार के रहने वाले हैं. वह संत बन चुके हैं और जूना अखाड़े से जुड़े हैं. फिलहाल वह महाकुंभ में रम रहे हैं और वह लगातार चर्चा में बने हुए हैं. अब उनका एक वीडियो और सामने आया है, जिसमें उन्होंने कुछ हैरान करने वाले खुलासे किए हैं. उन्होंने बताया कि किस जुनून में आकर संत बने हैं.
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दरअसल, इंजीनियर बाबा उर्फ अभय सिंह को जीवन का सत्य और सार जानने का गहरा जुनून था, इसीलिए उन्होंने इस रास्ते पर चलने का निर्णय लिया. बाबा अभय सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, "मैं हरियाणा से आता हूं, मैं आईआईटी गया, फिर इंजीनियरिंग से आर्ट्स में बदल गया, वह भी काम नहीं आया तो मैं बदलता रहा और बाद में मैं अंतिम सत्य पर पहुंचा. फिर मैंने खोज शुरू की. संस्कृत कैसे लिखी और रची गई और संस्कृत को इतना खास क्या बनाता है. मेरे मन में ज्ञान की खोज थी. फिर यह बदल गया. फिर सवाल यह था कि मन कैसे काम करता है और आप अवांछित विचारों से कैसे छुटकारा पाते हैं."
जब लोगों ने उन्हें पागल समझा
बाबा अभय सिंह ने बताया कि जीवन में एक समय ऐसा था जब उनके परिवार वाले और परिचित लोग उन्हें पागल समझने लगे थे. उन्होंने कहा, अगर मुझे लोग पागल बोलते थे तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन मेरे परिवार के लोगों की धारणा भी कुछ ऐसी ही बन गई थी. कभी समाज ने उन्हें पागल कहा, तो परिवार ने भी मान लिया कि अब वह पागल होते जा रहे हैं. बस यहीं से वह घर छोड़कर भाग निकले.
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महाकुंभ के अनुभवों से सीख रहे हैं
वे फिलहाल महाकुंभ में हैं, जहां उन्हें काशी में जूना अखाड़ा के एक संत लेकर आए हैं. यहां, अभय सिंह साधु वेश में रहकर कुंभ के अनुभवों को सीख रहे हैं और इस समय वह काफी वायरल हो रहे हैं. उनका जीवन एक अद्भुत यात्रा का उदाहरण बन चुका है, जो समाज की सीमाओं को पार करते हुए अपने सत्य की खोज में अग्रसर है. बता दें कि अभय ने अपने पहले अटेंप्ट में ही आईआईटी एंट्रेंस क्लियर कर लिया था.
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