रात में बारटेंडर, दिन में टीचर: कौन हैं अवध ओझा, जिन्होंने राजनीति में ली धमाकेदार एंट्री?

सुमित पांडेय

• 12:54 PM • 02 Dec 2024

Awadh Ojha: अवध ओझा की सफलता का सफर इतना आसान नहीं था. शुरुआती दिनों में कोचिंग सेंटर का किराया और घरेलू खर्च पूरा करना चुनौतीपूर्ण था. उन्होंने रात में बारटेंडर के रूप में काम करना शुरू किया. सात महीने तक दिन में छात्रों को पढ़ाने और रात में बारटेंडर का काम करने के संघर्ष ने उनकी जिंदगी को नया मोड़ दिया. 

चर्चित टीचर अवध ओझा आप पार्टी में शामिल हो गए हैं.

चर्चित टीचर अवध ओझा ने मारी राजनीति में एंट्री.

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दिलचस्प है अवध ओझा की कहानी, गोंडा से वाया प्रयागराज दिल्ली तक का सफर

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दिल्ली चुनाव से पहले आप पार्टी में शामिल हुए ओझा, पार्टी दे सकती है चुनाव में टिकट

अवध ओझा, एक ऐसा नाम जिसे यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है. अपनी प्रभावशाली टीचिंग स्टाइल और प्रेरक भाषणों से लाखों छात्रों को प्रभावित करने वाले ओझा अब राजनीति में कदम रख चुके हैं. उन्होंने सोमवार को आम आदमी पार्टी (AAP) का दामन थाम लिया है. उन्हें पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पार्टी में शामिल कराया है. लेकिन उनकी यह यात्रा संघर्ष और मेहनत से भरी रही है. 

आइए जानते हैं, कैसे एक छोटे से गांव से निकलकर वह शिक्षा और अब राजनीति के क्षेत्र में चमक रहे हैं...

गोंडा से दिल्ली तक: प्रारंभिक जीवन

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में जन्मे अवध ओझा का बचपन साधारण था. उनके पिता एक पोस्टमास्टर थे और मां वकील. परिवार की महत्वाकांक्षा थी कि अवध डॉक्टर बनें, लेकिन उनकी रुचि प्रशासनिक सेवाओं में थी. गोंडा के फातिमा स्कूल से शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने प्रयागराज का रुख किया. यहां उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की.

यूपीएससी की तैयारी और असफलता से सबक

यूपीएससी में सफलता पाना आसान नहीं था. पहले प्रयास में असफल होने के बाद उनके माता-पिता काफी निराश हुए. इस असफलता ने न केवल उनके सपनों पर असर डाला बल्कि परिवार के साथ उनके रिश्तों में भी खटास आ गई. घर छोड़ने के बाद, उन्हें अपनी जीविका चलाने के लिए नौकरी की जरूरत थी. इसी दौरान, उन्हें एक कोचिंग सेंटर में इतिहास पढ़ाने का मौका मिला.

बन गए छात्रों के पसंदीदा गुरु

पहली बार पढ़ाने का अनुभव उनके लिए नया था, लेकिन छात्रों को उनका तरीका पसंद आया. उनकी अनूठी शैली और विषय को सरलता से समझाने की कला ने उन्हें लोकप्रिय बना दिया. साल 2005 में, उन्होंने दिल्ली के मुखर्जी नगर में अपनी कोचिंग शुरू की, जो यूपीएससी तैयारी के केंद्र के रूप में जाना जाता है. उनकी कोचिंग सेंटर जल्दी ही प्रसिद्ध हो गई और ओझा छात्रों के बीच एक सितारे की तरह चमकने लगे.

 

संघर्ष के दिनों में बारटेंडर की नौकरी

लेकिन उनकी सफलता का सफर इतना आसान नहीं था. शुरुआती दिनों में कोचिंग सेंटर का किराया और घरेलू खर्च पूरा करना चुनौतीपूर्ण था. इस दौरान, उन्होंने रात में बारटेंडर के रूप में काम करना शुरू किया. सात महीने तक दिन में छात्रों को पढ़ाने और रात में बारटेंडर का काम करने के संघर्ष ने उनकी जिंदगी को नया मोड़ दिया. यह वह समय था जब उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें हर कठिनाई से उबरने का हौसला दिया.

मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर और रोल मॉडल

अवध ओझा सिर्फ एक शिक्षक नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्त्रोत भी बन गए. उनके मोटिवेशनल सेमिनार और भाषण लाखों छात्रों को प्रेरित करते हैं. सोशल मीडिया पर उनके वीडियो वायरल होते रहते हैं, जिनमें वे छात्रों को न केवल पढ़ाई बल्कि जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की सीख देते हैं. उनकी यह लोकप्रियता अब राजनीति में उनकी नई भूमिका को भी आकार दे रही है.

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राजनीति में एंट्री

अवध ओझा ने आम आदमी पार्टी में शामिल होकर राजनीति की दुनिया में कदम रखा. उनकी इस नई पारी ने कई लोगों को चौंका दिया. राजनीति में उनका प्रवेश शिक्षा और समाज सुधार के उनके मिशन का विस्तार माना जा रहा है. उनका उद्देश्य न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाना है, बल्कि समाज में जागरूकता और समानता को बढ़ावा देना भी है.

11 करोड़ की संपत्ति के मालिक

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अवध ओझा यानी ओझा सर की नेटवर्थ करीब 11 करोड़ रुपये है. अवध ओझा क्लासेस की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, यूपीएससी जीएस फाउंडेशन कोर्स की फीस ऑनलाइन मोड में जीएसटी के साथ 80 हजार रुपये है. वहीं, ऑफलाइन मोड में फीस जमा करने पर 1.2 लाख रुपये निर्धारित है. हालांकि अवध ओझा की संपत्ति इससे भी कहीं ज्यादा मानी जाती है.

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