रतन टाटा के बदले की कहानी: जब फोर्ड चेयरमैन को करना पड़ा मुंबई का सफर, बोलना पड़ा- Thank You

सुमित पांडेय

10 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 10 2024 2:59 PM)

Ratan Tata Success Story: रतन टाटा जब फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन बिल फोर्ड (Bill Ford) से मिलने पहुंचे तो उस मीटिंग में कुछ ऐसा हुआ जिसे रतन टाटा शायद कभी नहीं भूल सकते थे. मीटिंग के दौरान बिल फोर्ड ने न केवल टाटा मोटर्स का मजाक उड़ाया, बल्कि टाटा का अपमान भी किया.

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Ratan Tata Success Story: रतन टाटा (Ratan Tata) के नेतृत्व में 90 के दशक में टाटा मोटर्स ने अपनी पहली कार 'टाटा इंडिका' (Tata Indica) लॉन्च की थी. यह कार भारतीय बाजार में एक बड़ी उम्मीद के साथ उतारी गई थी, लेकिन बाजार से वैसा रिस्पांस नहीं मिला, जैसा रतन टाटा ने सोचा था. कार की बिक्री न होने और लगातार हो रहे नुकसान की वजह से एक समय ऐसा आया कि रतन टाटा को टाटा मोटर्स के पैसेंजर कार डिवीजन को बेचने का फैसला लेना पड़ा. इसी सिलसिले में टाटा ने अमेरिका की प्रमुख कार निर्माता कंपनी फोर्ड मोटर्स (Ford Motors) से बात की.

रतन टाटा जब फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन बिल फोर्ड (Bill Ford) से मिलने पहुंचे तो उस मीटिंग में कुछ ऐसा हुआ जिसे रतन टाटा शायद कभी नहीं भूल सकते थे. मीटिंग के दौरान बिल फोर्ड ने न केवल टाटा मोटर्स का मजाक उड़ाया, बल्कि रतन टाटा को अपमानित करते हुए कहा, "तुम्हें कार बिजनेस की समझ नहीं है, फिर भी इसे क्यों शुरू किया? अगर मैं इसे खरीदूंगा तो यह तुम्हारे ऊपर एक बड़ा एहसान होगा."

रतन टाटा शांत रहे, लेकिन कर लिया बड़ा फैसला

बिल फोर्ड के ये अपमानजनक शब्द रतन टाटा के दिल पर गहरी चोट कर गए. लेकिन उन्होंने उस समय कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और शालीनता से पूरी बात सुनी. उस अपमान के बावजूद, उन्होंने अमेरिका में टाटा मोटर्स के पैसेंजर कार डिवीजन को बेचने का फैसला बदल दिया और चुपचाप मुंबई लौट आए. इसके बाद उन्होंने अपने पूरे फोकस और मेहनत से टाटा मोटर्स को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम शुरू किया.

टाटा ने 9 साल में ऐसे लिया बदला

रतन टाटा ने बिना किसी को बताए, अपना पूरा ध्यान कंपनी को मजबूत करने में लगा दिया. उनकी यह मेहनत रंग लाई और 2008 तक टाटा मोटर्स दुनिया भर में एक बड़ा नाम बन चुकी थी. वहीं दूसरी ओर, बिल फोर्ड के नेतृत्व में फोर्ड मोटर्स की हालत खराब हो गई थी. कंपनी को भारी नुकसान झेलना पड़ा, और स्थिति इतनी बिगड़ गई कि फोर्ड को अपनी कंपनी बचाने के लिए बड़ा कदम उठाना पड़ा.

बिल फोर्ड को आना पड़ा मुंबई

जब फोर्ड मोटर्स घाटे में डूब रही थी, तब रतन टाटा ने फोर्ड की सबसे लोकप्रिय कार ब्रांड्स जैगुआर (Jaguar) और लैंड रोवर (Land Rover) को खरीदने का ऑफर दिया. इस बार रतन टाटा को अमेरिका जाने की जरूरत नहीं पड़ी, बल्कि बिल फोर्ड को अपनी पूरी टीम के साथ मुंबई आना पड़ा. यह वही फोर्ड चेयरमैन थे जिन्होंने कभी रतन टाटा का अपमान किया था, और अब वे टाटा मोटर्स से मदद की उम्मीद कर रहे थे.

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फिर बदल गए फोर्ड चेयरमैन के सुर

मुंबई में रतन टाटा से मिलने के बाद बिल फोर्ड के सुर पूरी तरह बदल गए थे. मीटिंग के दौरान बिल फोर्ड ने वही शब्द दोहराए, जो उन्होंने पहले रतन टाटा के लिए कहे थे, लेकिन इस बार वह खुद के लिए बोले. उन्होंने रतन टाटा से कहा, "आप जैगुआर और लैंड रोवर को खरीदकर हम पर बड़ा एहसान कर रहे हैं."

टाटा की बड़ी जीत

रतन टाटा ने न केवल अपने अपमान का बदला लिया, बल्कि टाटा मोटर्स को एक नई दिशा दी. आज जैगुआर और लैंड रोवर टाटा मोटर्स के सबसे सक्सेसफुल ब्रांड्स में से एक हैं. यह कहानी बताती है कि कैसे रतन टाटा ने अपमान को अपनी ताकत बनाकर फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन को सबक सिखाया.

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