Bharat Ratna For Ratan Tata: रतन टाटा के निधन के बाद उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है. महाराष्ट्र में शिंदे सरकार ने कैबिनेट में एक प्रस्ताव पारित किया है. इसमें केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि रतन टाटा को मरणोपरांत भारत रत्न दिया जाए. अब यह फैसला मोदी सरकार को करना है कि रतन टाटा को यह सम्मान मिलेगा या नहीं.
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रतन टाटा के लिए पहले भी हुई भारत रत्न की मांग
#BharatRatnaForRatanTata सोशल मीडिया पर पहले भी कई बार ट्रेंड करता रहा है. 2022 में जब यह मांग तेज हुई, तब रतन टाटा ने खुद बयान जारी करके इस तरह के कैंपेन को बंद करने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि वे भारतीय होने के नाते देश के विकास में योगदान देकर ही खुश हैं.
सुहैल सेठ की अपील
रतन टाटा के करीबी माने जाने वाले सुहैल सेठ ने एक बार फिर इस कैंपेन को तेज किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी को टैग करते हुए लिखा कि रतन टाटा से अधिक भारत रत्न का हकदार और कोई नहीं है. इस अपील के बाद यह मांग फिर से सुर्खियों में आ गई है.
रतन टाटा का देश के विकास में योगदान
रतन टाटा पिछले कुछ सालों से ही नहीं, बल्कि दशकों से देश के रत्न माने जाते रहे हैं. 1991 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन बनने के बाद से ही उन्होंने देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. वे कभी राजनीति से नहीं जुड़े और न ही किसी पार्टी का समर्थन या विरोध किया. उन्होंने जो सही लगा, उसकी तारीफ की. यही कारण है कि उन्हें बीजेपी और कांग्रेस दोनों सरकारों के कार्यकाल में सम्मान मिला.
पहले मिले सम्मान
रतन टाटा को 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पद्म भूषण और 2008 में मनमोहन सिंह की सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया. उनके लिए भारत रत्न की मांग लंबे समय से होती रही है. लेकिन अब तक उन्हें यह सम्मान नहीं मिल पाया.
भारत रत्न के लिए कोई विशेष नियम नहीं
भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह सम्मान केवल नेताओं या मशहूर हस्तियों को ही नहीं दिया जाता. जहांगीर रतन जी दादाभाई टाटा यानी जेआरडी टाटा को 1992 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. अब देखना यह है कि रतन टाटा को भी यह सम्मान मिलेगा या नहीं.
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