Ratan Tata: टाटा ग्रुप और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सोमरविले कॉलेज ने दिवंगत रतन टाटा के सम्मान में एक ऐतिहासिक बिल्डिंग के निर्माण करने की योजना की घोषणा की है. इस इमारत का नाम "रतन टाटा बिल्डिंग" होगा, जो रतन टाटा की विरासत और उनके योगदानों को अमिट बनाएगा. टाटा ग्रुप ने इस परियोजना के जरिए ऑक्सफोर्ड इंडिया सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (OICSD) के लिए एक समर्पित स्थान देने का फैसला लिया है.
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सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए समर्पित केंद्र
रतन टाटा बिल्डिंग के अंदर, OICSD का एक समर्पित घर होगा. जो रैडक्लिफ ऑब्जर्वेटरी क्वार्टर साइट पर बना होगा. यह सेंटर भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सस्टेनेबल डेवलपमेंट को बढ़ावा देगा. इसके जरिए रिसर्च, इंटर डिसिप्लेनेटरी पार्टनरशिप और स्थिरता से जुड़ी चुनौतियों का समाधान ढूंढने को कोशिश की जाएगी.
रतन टाटा की विरासत को समर्पित
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि रतन टाटा की सोच के अनुरूप, रिसर्च और क्रिटिकल इंक्वायरी की खोज विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने यह भी कहा कि यह बिल्डिंग रतन टाटा की वैल्यूज को सम्मानित करते हुए, रिसर्च और शिक्षा के क्षेत्र में नए आयामों की खोज के लिए एक समर्पित केंद्र के रूप में काम करेगी. इस परियोजना का निर्माण 2025 की शुरुआत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रैडक्लिफ ऑब्जर्वेटरी क्वार्टर में शुरू होगा.
रतन टाटा की विरासत और योगदान
रतन टाटा ने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा समाज की सेवा के लिए दान करने की इच्छा व्यक्त की थी. उनकी वसीयत के अनुसार, टाटा संस की हिस्सेदारी का बाजार मूल्य लगभग 16.71 लाख करोड़ रुपये है. उनकी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा टाटा संस में उनके शेयरों से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा, रतन टाटा ने ओला, पेटीएम, फर्स्टक्राई, ब्लूस्टोन और अर्बन कंपनी सहित कई कंपनियों में निवेश किया था. उनकी मृत्यु के बाद, उनके सौतेले भाई नोएल टाटा ने टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष का पद संभाल लिया है, जो उनकी विरासत को आगे बढ़ाएंगे.
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