पंजाब में खेलों के पुराने गौरव को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से भगवंत सिंह मान सरकार की खेल नीति चर्चा में है. इस नीति का उद्देश्य राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और युवाओं को खेल में कॅरियर बनाने के लिए प्रेरित करना है. पंजाब, जो कभी भारतीय हॉकी और कुश्ती का गढ़ माना जाता था, पिछले कुछ दशकों में खेल प्रतिस्पर्धाओं में अपनी चमक खोता दिख रहा था.
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AAP सरकार की इस नई नीति का लक्ष्य इसकी स्थिति में सुधार लाना है. पंजाब में खेलों की प्रगति को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने विशेष प्रयास किए हैं. ऐसा ही एक प्रयास है ‘खेडां वतन पंजाब दियां’ का वार्षिक आयोजन.
खेडां वतन पंजाब दियां: खेलों की दिशा में एक अहम कदम
आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए ‘खेडां वतन पंजाब दियां’ नामक वार्षिक खेल प्रतियोगिता की शुरुआत की है. इस टूर्नामेंट के माध्यम से राज्य सरकार का उद्देश्य राज्य के विभिन्न खेलों में प्रतिभाओं को पहचानना और उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभरने का अवसर प्रदान करना है.
फिलहाल चल रहा तीसरा सीजन
पिछले दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने ‘खेडां वतन पंजाब दियां’ के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया. इस टूर्नामेंट में करीब पांच लाख खिलाड़ियों ने भाग लिया. इसमें 37 खेलों की 9 आयु समूहों में मेडल के लिए प्रतिस्पर्धा हुई. इस टूर्नामेंट का आयोजन राष्ट्रीय खेल दिवस पर हुआ, जो कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती भी है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इसे गर्व का विषय बताते हुए कहा कि राज्य में खेल संस्कृति को नया जीवन देने के लिए इस तरह के आयोजन किए जा रहे हैं.
विजेता कैश प्राइज
खेल प्रतियोगिता में विजेताओं को 9 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा. इसके तहत राज्य स्तर की प्रतियोगिताएं 11 अक्टूबर से 9 नवंबर तक चलने वाली हैं. ध्यान देने वाली बात है कि दूसरे सीजन में ‘खेडां वतन पंजाब दियां’ का आयोजन 2023 में हुआ था, जिसमें 4.5 लाख खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. उस समय 12,500 विजेता खिलाड़ियों को 8.87 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया था. इस आयोजन के सकारात्मक परिणामों को देखते हुए राज्य सरकार ने इसके विस्तार की योजना बनाई है.
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