वक्फ संशोधन बिल को लेकर विरोध और बहस लगातार जारी है. सरकार इसे संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश करने जा रही है. यह विधेयक पहली बार 8 अगस्त 2024 को संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था. इसके बाद विपक्ष ने जोरदार विरोध किया, जिससे इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा गया. समिति की अध्यक्षता जगदंबिका पाल ने की और उनकी रिपोर्ट के आधार पर कैबिनेट पहले ही इस संशोधित बिल को मंजूरी दे चुकी है. अब संसद में पारित होते ही यह वक्फ संशोधन अधिनियम बन जाएगा.
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सरकार का मानना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों से जुड़े विवादों के समाधान में मदद करेगा और इनके प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करेगा. इसके साथ ही, यह मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को भी सशक्त करेगा. दूसरी ओर, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, AIMIM और कई मुस्लिम संगठनों ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया है. उनका आरोप है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों को जब्त करने की साजिश है.
वक्फ बोर्ड क्या है?
वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आता है, जो एक कानूनी इकाई है. हर राज्य में एक वक्फ बोर्ड होता है, जिसका कार्य संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन, प्रबंधन और संरक्षण करना होता है. देश में दो प्रकार के वक्फ बोर्ड हैं- शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड.
विवाद के मुख्य बिंदु
- न्यायिक प्रक्रिया में बदलाव: पहले वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला अंतिम होता था, लेकिन अब संपत्ति विवाद की स्थिति में हाई कोर्ट में अपील की जा सकती है.
- संपत्ति पर दावा: अब वक्फ बोर्ड बिना दान (दानपत्र) के किसी संपत्ति पर स्वामित्व का दावा नहीं कर सकता, जबकि पहले केवल दावा करने से संपत्ति वक्फ की मानी जाती थी.
- बोर्ड में विविधता: नए प्रावधान के तहत वक्फ बोर्ड में कम से कम एक महिला और दो अन्य धर्मों के सदस्यों को शामिल किया जाएगा.
- कलेक्टर की भूमिका: जिला कलेक्टर को वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण करने और उनकी पहचान करने का अधिकार दिया गया है.
जेपीसी की रिपोर्ट और संशोधन
बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल के नेतृत्व वाली संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने 14 संशोधनों के साथ अपनी रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की है. वहीं, विपक्ष द्वारा सुझाए गए 44 संशोधनों को समिति ने अस्वीकार कर दिया.
सेक्शन 40 पर विवाद
वक्फ अधिनियम के सेक्शन 40 को लेकर सबसे ज्यादा बहस हो रही है. इस धारा के तहत वक्फ बोर्ड को "रिजन टू बिलीव (Reason to Believe)" का अधिकार मिल जाता है. यानी, यदि बोर्ड को लगता है कि कोई संपत्ति वक्फ की है, तो वह अपने स्तर पर जांच कर सकता है और स्वामित्व का दावा कर सकता है. यदि संपत्ति पर पहले से कोई व्यक्ति रह रहा है, तो उसे वक्फ ट्रिब्यूनल में आपत्ति दर्ज करनी होगी. ट्रिब्यूनल का फैसला आने के बाद हाई कोर्ट में अपील की जा सकती है, लेकिन यह पूरी प्रक्रिया जटिल मानी जा रही है.
सरकार और विपक्ष के तर्क
सरकार का पक्ष: सरकार का कहना है कि 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन करके 2013 में वक्फ बोर्डों को अत्यधिक स्वायत्तता दी गई थी, जिससे कई वक्फ बोर्डों पर माफियाओं का कब्जा हो गया. सरकार के अनुसार, नए संशोधन से किसी संवैधानिक अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं होगा, बल्कि मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को लाभ मिलेगा.
विपक्ष का आरोप: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर "मुसलमानों के खिलाफ साजिश" करने का आरोप लगाया.
कांग्रेस ने इसे "संविधान के खिलाफ" बताया. मायावती ने कहा कि सरकार को "संकीर्ण राजनीति छोड़कर राष्ट्रधर्म निभाना चाहिए.
संसद में बिल किरण रिजिजू बोले
संसद में बिल पर बहस के दौरान संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू बोले- 'मैंने कई सदस्यों को बोलते हुए सुना है कि ये मस्जिदें छीन लेंगे, दरगाहें छीन लेंगे. हमने राज्य सरकारों को अधिकृत किया है कि जो प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड हो चुकी हैं, उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं होगा.'
पुराने-नए बिल में अंतर
संपत्ति पर दावा
पहले | अब |
1. धारा 40 के तहत किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित करने की अनुमति, ट्रिब्यूनल में ही अपील | धारा 40 को खत्म किया जाएगा, रेवेन्यू, सिविल, हाईकोर्ट में अपील |
संपत्ति पर हक
पहले | अब |
इस्लामिक इमारत जैसे मस्जिद वक्फ संपत्ति | दान की जमीन होनी चाहिए |
आखिरी फैसला
पहले | अब |
वक्फ ट्रिव्यूनल का फैसला | फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकते हैं |
महिला गैर मुस्लिम
पहले | अब |
एंट्री पर प्रतिबंध | 2-2 सदस्य होंगे |
संपत्ति पर विवाद का सर्वे
पहले | अब |
प्रक्रिया स्पष्ट नहीं | जिला कलेक्टर द्वारा |
वक्फ-अल-औलाद
पहले | अब |
महिलाएं अपने उत्तराधिकार से वंचित | महिला उत्तराधिकारी को मिलेगा हिस्सा |
सरकारी संपत्ति की सुरक्षा
पहले | अब |
सरकारी संपत्तियों को गलत तरीके से वक्फ घोषित करना | नामित अधिकारी द्वारा वैरिफिकेशन जरूरी |
जिस पर हाथ रखा वो वक्फ की संपत्ति
पहले | अब |
किसी जमीन पर मस्जिद हो या उसका उद्देश्य इस्लामिक उद्देश्यों के लिए हो तो वो ऑटोमैटिक वक्फ की संपत्ति हो जाएगी. | अब वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ अपील |
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